रोजाना दवा सेंटर में बुजुर्गों, मरीजों व अन्य को दवा के लिए लाइन में खड़े होने पड़ रहे हैं और दवा लेने के लिए जद्दोजहद का सामना करना पड़ रहा है।
Publish Date: Fri, 19 Jan 2024 06:59 AM (IST)
Up to date Date: Fri, 19 Jan 2024 06:59 AM (IST)
HighLights
- निर्देश सिर्फ कागजों में
- दवा के लिए अब भी लाइन में खड़े हो रहे बुजुर्ग मरीज
- बुजुर्ग काउंटर का औचित्य नहीं
बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सिम्स की व्यवस्था सुधारने सिरे से काम नहीं चल रहा है। हाई कोर्ट के दखल के बाद शासन स्तर के आला अधिकारी सिम्स में सुधार लाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। लेकिन सिम्स के जिम्मेदार अधिकारी इसमें भी अपने खानापूर्ति रवैये से बाज नहीं आ रहे हैं। आने वाले अधिकारियों को रिझाने के लिए नए-नए सुविधाओं का बोर्ड चस्पा कर खानापूर्ति रवैया अब भी सतत जारी है।
पिछले दिनों डीन डा़ केके हारे ने अस्पताल भवन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दवा सेंटर में मरीजों और बुजुर्गों की खड़े होने की बाध्यता खत्म करने का निर्देश दिए थे। जिसके तहत पर्ची काउंटर में जमा कर अपने बारी का इंतजार करवाने का निर्देश दिया। इस दौरान मरीज व बुजुर्गो व अन्य को कुर्सी में बैठे रहने की बात कही गईं। दवाई निकलने के बाद स्टाफ नाम पुकार का दवा देगा।
बकायदा इसके लिए बोर्ड भी चस्पा किया गया है, लेकिन यह सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है। डीन केके सहारे भी निर्देश देकर भूल गए हैं, साफ है कि उनके भी खानापूर्ति रवैया इससे उजागार होता है। नई व्यवस्था बनाने के बाद भी रोजाना दवा सेंटर में बुजुर्गों, मरीजों व अन्य को दवा के लिए लाइन में खड़े होने पड़ रहे हैं और दवा लेने के लिए जद्दोजहद का सामना करना पड़ रहा है। साफ है कि दिखावे के लिए नई-नई सुविधाओं को सूचना बोर्ड में चस्पा किया जा रहा है और उसके बाद इस संचालन को भूला दिए जा रहे हैं। शासन स्तर पर तमाम कोशिश करने के बाद भी सिम्स की व्यवस्था में सुधार नहीं आ रहा है। इसका खामियाजा सिम्स पहुंचने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
बुजुर्ग काउंटर भी औचित्य नहीं
दिखाने के लिए सीनियर सिटीजन के लिए अलग से काउंटर बनाया गया है। ताकि उन्हें तत्काल दवाएं मिल सके, लेकिन यह भी दिखावा साबित हो रहा है और बुजुर्ग लाइन में खड़े हो रहे हैं। उन्हें काउंटर तक पहुंचने में मेहनत करना पड़ रहा है। बुजुर्गों को इसकी वजह से लंबे समय तक लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है।
अव्यवस्था दिखने के बाद भी बंद कर रहे आंख
ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को यह व्यवस्था नजर नहीं आ रहा है। उच्च अधिकारी व्यवस्था सुधारने के लिए रुचि नहीं ले रहे हैं। उनके रुचि तभी नजर आते हैं, जब कोई आला अधिकारी सिम्स का निरीक्षण के लिए पहुंचता है। उस दौरान सिम्स का बंटाधार करने वाले अधिकारी सक्रिय रहते है और उनके जाते ही निष्क्रिय हो जाते हैं। ऐसे में तमाम सुधार के बाद भी सिम्स की चिकित्सकीय व्यवस्था सही नहीं हो पा रहा है।
अब दवा के लिए नहीं लगानी होगी लाइन, पर्ची जमा करने के बाद कर्मी खुद बुलाकर देंगे दवा डीन केके सहारे का फरमान