Ambikapur crime Information : बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर थाने की पुलिस ने मासूम की मौत पर भी रिश्वतखोरी की। बच्चे की मौत हृदयाघात से होने की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में की गई थी। जांच अधिकारी ने मासूम की मौत के लिए घरवालों को ही जिम्मेदार ठहरा दबाब बनाना शुरू किया।
Publish Date: Tue, 23 Jan 2024 11:17 PM (IST)
Up to date Date: Tue, 23 Jan 2024 11:17 PM (IST)
वाड्रफनगर (नईदुनिया न्यूज)। बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर थाने की पुलिस ने मासूम की मौत पर भी रिश्वतखोरी की। बच्चे की मौत हृदयाघात से होने की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में की गई थी। जांच अधिकारी ने मासूम की मौत के लिए घरवालों को ही जिम्मेदार ठहरा दबाब बनाना शुरू किया। ज्यादा दूध पिलाने तो नमक- पानी का घोल देने से बच्चे की मौत का आरोप लगाना शुरू कर दिया। बीस हजार रुपये की मांग की गई। पीड़ित परिवार से नौ हजार रुपये भी वसूल लिए। मामला सार्वजनिक हो जाने के बाद जांच अधिकारी एएसआइ जुबलिन कुजूर ने रिश्वत की रकम वापस भी कर दी। इंटरनेट मीडिया पर मामला सामने आने के बाद बलरामपुर पुलिस अधीक्षक डा लाल उमेद सिंह ने एएसआइ को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार रघुनाथनगर थाना क्षेत्र के ग्राम बेतो निवासी संतोष कुशवाहा के दो माह के बच्चे का नवंबर 2023 में अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया था।सिविल अस्पताल वाड्रफनगर में उसकी मौत हो गई थी। अचानक हुए इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया था। चूंकि प्रकरण रघुनाथनगर थाने का था इसलिए अग्रिम जांच के लिए केस डायरी वाड्रफनगर से रघुनाथनगर थाने भेज दी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हृदयाघात को मौत का कारण बताया गया था। रघुनाथनगर थाने के एएसआइ जुबलिन कुजूर को इस मामले की जांच का जिम्मा मिला था। मासूम की मौत के संवेदनशील प्रकरण में भी मानवता को तार-तार कर दिया गया। इस प्रकरण में भी रिश्वतखोरी के लिए पुलिस ने घरवालों पर दबाब बनाना शुरू किया।आरोप है कि रघुनाथनगर में पदस्थ नगर सैनिक पीड़ित संतोष के घर पहुंच गया। उसने मां को ही बच्चे की मौत का जिम्मेदार बताया। प्रकरण समाप्त करने 20 हजार रिश्वत की मांग की। रुपये नहीं देने पर पुलिसिया कार्रवाई का भय दिखाया गया। पीड़ित परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने पैसे देने से मना किया था। नगर सैनिक अपने साथ एएसआइ
जुबलिन कुजूर को लेकर पीड़ित परिवार के घर पहुंच गया। साथ ही थाने में बुलाकर 20 हजार रुपए की मांग की गई। संतोष के पिता ने बताया कि उन्होंने 20 जनवरी को पहली किस्त के रूप में नौ हजार रुपये दे भी दिए थे।
इसके बाद शेष 11 हजार रुपये अगले दिन देने की तैयारी थी। इसके बाद ही उन्हें थाने से जाने दिया गया था। इस बीच मामला इंटरनेट मीडिया में प्रसारित होने लगा तो एएसआइ ने रिश्वत की रकम वापस कर दिए। इसका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए बलरामपुर पुलिस अधीक्षक डा लाल उमेद सिंह ने एएसआइ जुबलिन कुजूर को निलंबित कर दिया है। बलरामपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डा चंद्रेश सिंह ठाकुर ने बताया कि मीडिया में सामने आई खबरों के आधार पर पुलिस अधीक्षक ने निलंबन की कार्रवाई की है। प्रकरण की जांच की जा रही है। जो तथ्य सामने आएंगे उस अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी।