महाशिवरात्रि पर शुक्रवार रात 10.30 बजे से गर्भगृह में भगवान महाकाल की महापूजा शुरू हुई। रात्रि पर्यंत पुजारियों ने भगवान की पूजा अर्चना की।
By Paras Pandey
Publish Date: Sat, 09 Mar 2024 07:32 PM (IST)
Up to date Date: Sat, 09 Mar 2024 07:36 PM (IST)
HighLights
- महाकाल के साकार व निराकार रूप के दर्शन कर आस्था अभिभूत
- 2 घंटे में दूल्हा रूप में सजे महाकाल
- 44 घंटे बाद शनिवार रात 11 बजे बंद हुए पट
उज्जैन, (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि के अगले दिन शनिवार को भक्तों को भगवान महाकाल के साकार व निराकार रूप के दर्शन हुए। सुबह भगवान महाकाल के दूल्हा रूप में मनोहारी दर्शन हुए। दोपहर में अवंतिकानाथ ने निराकार रूप में भस्म रमाई।
महाशिवरात्रि पर शुक्रवार रात 10.30 बजे से गर्भगृह में भगवान महाकाल की महापूजा शुरू हुई। रात्रि पर्यंत पुजारियों ने भगवान की पूजा अर्चना की। भगवान को शिव सहस्त्रनामावली से बिल्वपत्र तथा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सात प्रकार के धान्य अर्पित किए।
शनिवार तड़के 4 बजे भगवान को सोने चांदी के आभूषण धारण कराकर सवा मन फल व फूलों से बना पुष्प मुकुट सजाया गया। सुबह 6 बजे से 11 बजे तक भक्तों को भगवान के सेहरा शृंगार के दर्शन हुए।इसके बाद दोपहर 12 बजे भस्म आरती हुई।
महानिर्वाणी अखाड़े के गादीपति महंत विनित गिरी महाराज ने भगवान को भस्म अर्पित की। इसके बाद पुजारियों ने आरती की। दोपहर 2.30 बजे भोग आरती के बाद शिवरात्रि महापर्व संपन्न हुआ। पश्चात मंदिर समिति की ओर से पुजारी, पुरोहितों को पारणा कराया गया।