Korba Mp Election Information: लगातार दूसरी बार कांग्रेस ने ज्योत्सना को कोरबा से दिया टिकट

Korba Mp Election Information: लगातार दूसरी बार कांग्रेस ने ज्योत्सना को कोरबा से दिया टिकट

परिसीमन के बाद वर्ष 2009 में कोरबा लोकसभा अस्तित्व में आया और भाजपा ने पुन: करूणा शुक्ला को उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन इस बार डा चरण दास महंत से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

By Pradeep Barmaiya

Publish Date: Fri, 08 Mar 2024 10:23 PM (IST)

Up to date Date: Fri, 08 Mar 2024 10:23 PM (IST)

HighLights

  1. भाजपा से सरोज पांडेय है मैदान में, पहली बार दो महिलाएं होंगी आमने- सामने
  2. पहली बार चुनाव मैदान में उतरी ज्योत्सना भाजपा के प्रत्याशी ज्योतिनंद दुबे को परास्त कर 26 हजार मतों से जीती थीं।
  3. आठ में छह भाजपा, एक कांग्रेस व एक विधानसभा में गोंगपा का कब्जा

कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ज्योत्सना महंत पर कांग्रेस हाईकमान ने लगातार दूसरी बार विश्वास जताते हुए कोरबा लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है। ज्योत्सना कांग्रेस के दिग्गज नेता व नेता प्रतिपक्ष डा चरण दास महंत की धर्मपत्नी हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में डा चरण दास सक्ती विधानसभा विधायक चुने गए थे और उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था। उसके बाद वर्ष 2019 में डा महंत की जगह ज्योत्सना को टिकट दी गई और वे पहली बार चुनाव मैदान में उतरी और भाजपा के प्रत्याशी ज्योतिनंद दुबे को परास्त कर 26 हजार मतों से जीती थीं।

शुक्रवार को 36 सीटों की पहली सूची जारी हुई। इसमें कोरबा से ज्योत्सना महंत का नाम भी शामिल रहा। जिस ढंग से ज्योत्सना क्षेत्र में सक्रिय थी, उससे यह अंदाजा लग गया था, इस बार भी उनकी मजबूत दावेदारी है। अब कोरबा लोकसभा में तस्वीर साफ हो गई है। इस बार सरोज व ज्योत्सना के बीच सीधे मुकाबला होगा। पहले ही यहां से भाजपा राज्य सभा सदस्य सरोज पांडेय को प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। पहली बार कोरबा में दो महिलाएं आमने- सामने होंगी। यहां बताना होगा कि अखंड जांजगीर लोकसभा में वर्ष 1957 से चुनाव हो रहा। इस बीच कांग्रेस व भाजपा दोनों ने महिला नेत्रियों को मौका दिया, पर ऐसा नहीं हुआ कि दोनों राष्ट्रीय दल ने एक साथ महिला नेत्रियों को मैदान में उतारा हो। सबसे पहले कांग्रेस ने वर्ष 1957 में मिनीमाता अगमदास गुरू को प्रत्याशी बनाया और वह सांसद बनी। इसके बाद वर्ष 1962, 1967 व वर्ष 1971 में चुनाव लड़ी और लगातार जीत हासिल की। वर्ष 2004 में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटलबिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला को प्रत्याशी बनाया और वे सांसद निर्वाचित हुई। परिसीमन के बाद वर्ष 2009 में कोरबा लोकसभा अस्तित्व में आया और भाजपा ने पुन: करूणा शुक्ला को उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन इस बार डा चरण दास महंत से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

आठ में छह भाजपा, एक कांग्रेस व एक विधानसभा में गोंगपा का कब्जा

कोरबा लोकसभा अंतर्गत आठ विधानसभा रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली- तानाखार, मरवाही, भरतपुर- सोनहत, बैकुंठपुर व मनेन्द्रगढ़ हैं। इनमें रामपुर विधानसभा सीट में ही कांग्रेस के फूलसिंह राठिया विधायक हैं। जबकि पाली-तानाखार विधानसभा सीट से गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी के तुलेश्वर सिंह मरकाम विधायक है। शेष छह विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को इस बार कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। पिछली बार कांग्रेस ने सर्वाधिक लीड पाली- तानाखार विधानसभा से ली थी, उस वक्त इस सीट से कांग्रेस के मोहितराम केरकेट्टा विधायक थे। इस बार यहां स्थिति बदल चुकी है।

सरोज पांडेय विपक्ष की प्रत्याशी, हम पूरी मजबूती से लड़ेंगे: ज्योत्सना

– टिकट मिलने के बाद ज्योत्सना महंत ने नईदुनिया से चर्चा करते हुए कहा कि पार्टी ने दोबारा मुझ पर विश्वास जताया है, उसके लिए मैं आभारी हूं। एक सवाल के जवाब में कहा कि मोदी लहर तो वर्ष 2019 में भी थी, पर हमने क्षेत्र के जनता व कार्यकर्ताओं सहयोग से जीता और इस बार भी हम जीत का झंडा लहराएंगे। हम लोगों तक राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर जाएंगे। फिर चाहे वह महंगाई हो या बेरोजगारी का मामला। मोदी सरकार की गलत नीतियों की वजह से आमलोगों की परेशानी बढ़ गई है। सरोज पांडेय से मुकाबले के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें चुनौती जैसी कोई बात नहीं। पक्ष और विपक्ष लोकतंत्र के दो पहलू हैं। हम विपक्ष से डट कर मुकाबला करेंगे।