Indian Farmer ओएनडीसी से एफपीओ को जोड़ने से डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन कारोबार मजबूत हो रहा है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Sat, 02 Mar 2024 10:12 AM (IST)
Up to date Date: Sat, 02 Mar 2024 10:13 AM (IST)
HighLights
- एफपीओ का गठन कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया गया है।
- इस व्यवस्था में एक तरफ जहां लागत में कमी आएगी।
- किसानों को अपने उत्पाद का सही दाम मिलने पर उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।
नई दुनिया न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। किसान के लिए सबसे बड़ी चुनौती तब पैदा होती है, जब वह कड़ी मेहनत के बाद अपनी फसल की पैदावार निकालकर लाता है तो बेहदर बाजार उपलब्ध नहीं होता है और अपनी उपज की सही कीमत नहीं मिल पाती है। ऐसे में बीते कुछ सालों में कृषि पैदावार को ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए आसानी से बेहतर बाजार तक पहुंचाने का काम तेजी से फैला है। इसी कड़ी में 8000 पंजीकृत किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को 5000 से अधिक ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) पोर्टल से जोड़ दिया गया है। इस कदम से देश के किसी भी हिस्से में खरीदारों तक पहुंचना आसान हो गया है और किसानों को अपने उत्पाद बेचने में भी दिक्कत नहीं आएगी। किसान भाई अच्छी कीमत पर अपनी उपज बेच सकते हैं।
कृषि क्षेत्र बनेगा आत्मनिर्भर
दरअसल एफपीओ का गठन कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया गया है। इस व्यवस्था में एक तरफ जहां लागत में कमी आएगी। वहीं किसानों को अपने उत्पाद का सही दाम मिलने पर उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी। इस व्यवस्था से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ गांवों में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
साल 2020 में शुरु हुई थी ये व्यवस्था
ओएनडीसी से एफपीओ को जोड़ने से डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन कारोबार मजबूत हो रहा है। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 6,865 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान के साथ साल 2020 में इस काम की शुरुआत की थी। इस व्यवस्था के तहत 10000 FPO बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 8000 एफपीओ तैयार हो चुके हैं। FPO के जरिए छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों का बाजार से संपर्क तेजी से बढ़ा है।
हर एफपीओ को 18 लाख तक की मदद
आपको बता दें कि हर FPO को 3 साल के लिए 18 लाख रुपए तक की सहायता दी जाती है। संस्थागत ऋण को आसान बनाने के लिए FPO के हर सदस्य को 2-2 हजार रुपए तक मैचिंग इक्विटी अनुदान देने और ऋण देने वाली संस्थाओं से प्रति FPO 2 करोड़ रुपये के परियोजना ऋण की क्रेडिट गारंटी सुविधा का प्रावधान किया गया है। अभी तक 1,101 एफपीओ को 246 करोड़ की क्रेडिट गारंटी दी गई है। इसके अलावा 145.1 करोड़ रुपए की मैचिंग इक्विटी उनके बैंक खाते में सीधे जमा की जा चुकी है। इससे 10.2 लाख से अधिक किसानों को फायदा मिला है, जो इससे सीधे जुड़े हैं।