Raipur: आखिर क्‍यों सुर्खियों में है रायपुर का यह सामुदायिक भवन, पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी से क्‍या है कनेक्‍शन, जानिए पूरा मामला

अमूमन निगम के सामुदायिक भवन हमेशा से ही उपेक्षा का शिकार रहते हैं। न तो वहां साफ सफाई होती है और न ही बैठने के लिए अच्छी कुर्सियां ही होती हैं। लेकिन शताब्दी नगर में एक ऐसा भी सामुदायिक भवन है, जो कि किसी सचिव के कार्यालय से कम नहीं है।

By Vikas Soni

Publish Date: Thu, 22 Feb 2024 10:58 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 22 Feb 2024 10:58 AM (IST)

Raipur: आखिर क्‍यों सुर्खियों में है रायपुर का यह सामुदायिक भवन, पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी से क्‍या है कनेक्‍शन, जानिए पूरा मामला
सामुदायिक भवन की दीवारों पर लगे मंत्री डहरिया व उनके परिवार की तस्वीरें।

HighLights

  1. – घर से सटे सामुदायिक भवन के आगे सचिव कार्यालय भी फेल
  2. – सामुदायिक भवन में सात एलईडी टीवी, डाइनिंग टेबल सहित तमाम लक्जरी सुविधाएं मौजूद

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। अमूमन निगम के सामुदायिक भवन हमेशा से ही उपेक्षा का शिकार रहते हैं। न तो वहां साफ सफाई होती है और न ही बैठने के लिए अच्छी कुर्सियां ही होती हैं। लेकिन शताब्दी नगर में एक ऐसा भी सामुदायिक भवन है, जो कि किसी सचिव के कार्यालय से कम नहीं है। यहां 50 लाख रुपये से अधिक की लागत से एलईडी टीवी, वार्डरोब, फ्रिज, अलमारी, वाशिंग मशीन सहित तमाम वो सुविधाएं हैं, जिसकी कल्पना निगम या फिर किसी भी शासकीय सामुदायिक भवन में नहीं की जा सकती।

दरअसल, निगम की सामान्य सभा के दौरान भाजपा की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने जोन 10 के अंतर्गत आने वाले शताब्दी नगर स्थित इस सामुदायिक भवन का मामला उठाया। जिसमें उनके द्वारा इस भवन में दी गई इन तमाम सुविधाओं के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब भारसाधक सदस्य ज्ञानेश शर्मा नहीं दे पाए।

वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि इसका संचालन राजश्री सद्भावना समिति द्वारा दिया जाता है, जिसकी अध्यक्ष पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया हैं। इन सभी सवालों का जवाब नहीं मिल पाने की वजह से इस मामले में कमेटी का गठन कर 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया।

हस्तांतरण का नियम नहीं, अधिकारिता निगम के पास

नेता प्रतिपक्ष द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सदन में बताया गया कि निगम के सामुदायिक भवनों की आधिकारिता निगम के पास ही रहती है। इसे किसी को नहीं दिया जा सकता। लेकिन उक्त सामुदायिक भवन को किस अधिकार के तहत एनजीओ को संचालित करने के लिए दे दिया गया, इसका जवाब सदन में कोई भी एमआइसी सदस्य नहीं दे पाया।

एमआइसी में पारित किया गया संकल्प

उक्त सामुदायिक भवन को हस्तांतरित करने के लिए 16 जून 2022 को आयोजित की गई एमआइसी की बैठक में इस संदर्भ में संकल्प क्रमांक 33 के अंतर्गत भवन को राजश्री सद्भावना समिति को हस्तांतरित किए जाने पर मुहर लगाई गई। लेकिन सामान्य सभा में बैठक के दौरान इस पर न तो महापौर और न ही किसी अन्य एमआइसी सदस्य ने इस पर कोई जवाब दिया।

50 लाख से ज्यादा के सामान की खरीदी

नईदुनिया के पास मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि उक्त सामुदायिक भवन में लगभग 50 लाख रुपये से ज्यादा की सामग्रियां नगर निगम की ओर से खरीदकर लगवाई गई हैं। जिसका बकायदा भुगतान भी उक्त एजेंसी को किया गया है। वहीं, इस भवन को देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि यह सामुदायिक भवन है।

नहीं किया फोन रिसीव

इस संदर्भ में पूर्व मंत्री शिव डहरिया व उनकी पत्नी शकुन डहरिया से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं रिसीव किया गया।

यह सामग्रियां लगवाईं

माड्यूलर वूडन वार्डरोब 13

चार दरवाजे वाला वूडन वार्डरोब 10

ड्रेसिंग टेबल 2

डबल बेड विथआउट स्टोरेज 4

सोफा सेट 6 सीटर 7

लकड़ी की अलमारी 9

किचन चिमनी 2

कंप्यूटर टेबल 4

स्टील अलमारी 12

सोनी टीवी 55 इंच 4

65 इंच 3

75 इंच 1

ओवन 32 लीटर 2

वाशिंग मशीन 2

इंडक्शन 2

मिक्सर ग्राइंडर 2

फ्रिज 2

वाटर कूलर 1

आरओ 1

वाटर हीटर 4

कुचीना 2

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    वर्ष 2007 में दिल्‍ली की भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता में पोस्‍ट ग्रैजुएट डिप्‍लोमा किया है। अध्‍ययन के बाद मैंने दिल्‍ली में अलग-अलग संस्‍थानाें में दो वर्ष सेवा दी। इसके बाद मैंने हिंदुस्‍तान न्‍यूजपेपर मे