Indian Railway: खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी जुड़ेंगे रेल लाइन से, बोर्ड की बैठक में रेलवे का बड़ा फैसला

Indian Railway: पिलानी, खाटूश्यामजी तीथ और सालासर बालाजी तीर्थ को रेल लाइन से जोड़ने का फैसला रेलवे बोर्ड की बैठक में किया गया है।

By Arvind Dubey

Publish Date: Thu, 22 Feb 2024 12:49 PM (IST)

Up to date Date: Thu, 22 Feb 2024 12:49 PM (IST)

Indian Railway: खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी जुड़ेंगे रेल लाइन से, बोर्ड की बैठक में रेलवे का बड़ा फैसला
ये तीनों स्थान राजस्थान के शेखावाटी में आते हैं।

HighLights

  1. राजस्थान के शेखावाटी को मोदी सरकार की बड़ी सौगात
  2. रेल लाइन से जुड़ेंगे तीन विश्व प्रसिद्ध स्थान
  3. देश का सबसे पुराना प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान पिलानी भी रेल लाइन से जुड़ेगा

एजेंसी, नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपनी बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए राजस्थान के तीन स्थानों को रेल लाइन से जोड़ने का फैसला किया है। इनमें शामिल हैं – पिलानी, खाटूश्यामजी तीथ और सालासर बालाजी तीर्थ।

पिलानी देश का सबसे पुराना प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान है। बता दें, ये तीनों स्थान राजस्थान के शेखावाटी में आते हैं। इस तरह मोदी सरकार ने शेखावाटी को बड़ी सौगात दी है।

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    करियर की शुरुआत 2006 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के हिंदी सांध्य दैनिक ‘प्रभात किरण’ से की। इसके बाद न्यूज टुडे और हिंदी डेली पत्रिका (राजस्थान पत्रिका समूह) में सेवाएं दीं। 2014 में naidunia.com से डिजिटल की

काम की खबर: घरेलू कनेक्शन का अगर अन्य उपयोग कर रहे हैं तो यह विद्युत चोरी है

Electrical energy Connection Guidelines: कई बार देखने में आता है कि लोग विद्युत लाइन से सीधे तार जोड़कर विद्युत इस्तेमाल करने लग जाते हैं।

By Sameer Deshpande

Publish Date: Thu, 22 Feb 2024 11:11 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 22 Feb 2024 12:24 PM (IST)

काम की खबर: घरेलू कनेक्शन का अगर अन्य उपयोग कर रहे हैं तो यह विद्युत चोरी है
घरेलू कनेक्शन

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर Electrical energy Connection Guidelines। विद्युत अधिनियम के प्रविधानों के अनुसार अगर आपने घरेलू बिजली कनेक्शन ले रखा है तो आप इसका घरेलू इस्तेमाल के अलावा अन्य कोई इस्तेमाल नहीं कर सकते। अगर आप ऐसा करते हैं तो यह विद्युत चोरी की श्रेणी में आता है। इस अधिनियम के तहत अगर कोई व्यक्ति विद्युत की चोरी करता है, मीटर के साथ छेड़छाड़ करता है या विद्युत विभाग से चोरी हुए माल को खरीदता है तो उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज होता है।

विद्युत अधिनियम प्रभावशील होने के बाद अब मप्र विद्युत वितरण कंपनी को चोरी के प्रकरणों में सीधे एफआइआर दर्ज कराने का अधिकार नहीं होता है। अब कंपनी को विशेष न्यायालय में इस संबंध में परिवाद प्रस्तुत करना होता है।

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एडवोकेट प्रियेश भावसार ने बताया कि कई बार देखने में आता है कि लोग विद्युत लाइन से सीधे तार जोड़कर विद्युत इस्तेमाल करने लग जाते हैं। विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत विद्युत लाइन से सीधे तार या केबल जोड़कर विद्युत का उपयोग करना, मीटर में छेड़छाड़ कर विद्युत का इस्तेमाल करना या जिस उपयोग के लिए कनेक्शन लिया गया है उस उपयोग के अलावा विद्युत का अन्य उपयोग करना विद्युत चोरी की परिभाषा में आता है। इस तरह के मामले में आरोप सिद्ध होने पर तीन वर्ष तक का कारावास और जुर्माना अधिरोपित किया जा सकता है।

विद्युत अधिनियम की धारा 136 के तहत विद्युत लाइन (तार) या सामग्री की चोरी पर प्रकरण दर्ज किया जाता है। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति विद्युत विभाग की चुराई गई संपत्ति खरीदता है तो उसके खिलाफ भी धारा 137 के तहत प्रकरण दर्ज किया जा सकता है। इन सभी अपराधों के सिद्ध होने पर आरोपित को तीन वर्ष तक के कारावास की सजा सुनाई जा सकती है।

नुकसान पहुंचाने पर जुर्माने का प्रविधान

विद्युत अधिनियम की धारा 139 के तहत अगर कोई व्यक्ति विद्युत सामग्री को उपेक्षापूर्ण कृत्य से नुकसान पहुंचाता है या उसे तोड़ता, नष्ट करता है तो उस पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति विद्युत वितरण लाइन को काटता है या उसे नुकसान पहुंचाता है तो भी उस पर दस हजार रुपये तक के जुर्माने से दंडित करने का प्रविधान है। सार्वजनिक लैंप को नुकसान पहुंचाने वाले को दो हजार रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

विशेष बात यह है कि विद्युत अधिनियम के तहत दर्ज होने वाले प्रकरणों में समंस जारी नहीं होता है। सीधे वारंट जारी होते हैं। अगर न्यायालय ने किसी व्यक्ति को इस अधिनियम के वारंट जारी किया है तो उस व्यक्ति के लिए न्यायालय से जमानत करवाना अनिवार्य होता है। अगर किसी व्यक्ति ने इस अधिनियम के तहत पहली बार अपराध किया है तो प्रकरण में समझौता हो सकता है लेकिन वही अपराध दोबारा करने पर समझौता नहीं किया जा सकता।

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    : पिछले करीब 15 सालों से नईदुनिया अखबार के लिए खेल की रिपोर्टिंग की है। क्रिकेट विश्व कप, डेविस कप टेनिस सहित कई प्रमुख मौकों पर विशेष भूमिका में रहा। विभिन्न खेलों की कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट कव

एक बार फिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने नरेंद्र मोदी, देखिए 2024 की वर्ल्ड लीडर अप्रूवल रेटिंग

World hottest chief 2024: Stativerse ने अपने एक्स पोस्ट में पूरी लिस्ट जारी की है।

By Arvind Dubey

Publish Date: Thu, 22 Feb 2024 11:08 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 22 Feb 2024 11:08 AM (IST)

एक बार फिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने नरेंद्र मोदी, देखिए 2024 की वर्ल्ड लीडर अप्रूवल रेटिंग
37 फीसदी पॉइंट्स के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 9वें स्थान पर हैं।

एजेंसी, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बन गए हैं। वर्ल्ड लीडर अप्रूवल रेटिंग में 77 फीसदी पॉइंट्स के साथ पीएम मोदी शीर्ष पर हैं। पिछली रेटिंग में पीएम मोदी को 76 फीसदी पॉइंट्स मिले थे।

मॉर्निंग कंसल्ट द्वारा जारी सर्वे रिजल्ट के अनुसार, 37 फीसदी पॉइंट्स के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 9वें स्थान पर हैं। मैक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ दूसरे स्थान पर हैं। हालांकि वे पीएम मोदी से बहुत पीछे हैं। Stativerse ने अपने एक्स पोस्ट में पूरी लिस्ट जारी की है।

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1. नरेंद्र मोदी: 77%

2. एंड्रेस मैनुअल लोपेज़: 64%

3. एलेन बर्सेट: 57%

4. डोनाल्ड टस्क: 50%

5. लुइज़ इनासियो लूला: 47%

6. एंथनी अल्बानीज़: 45%

7. जियोर्जिया मेलोनी: 44%

8. पेड्रो सांचेज़: 38%

9. जो बिडेन: 37%

10. जस्टिन ट्रूडो: 35%

11. उल्फ क्रिस्टरसन: 33%

12.ऋषि सुनक: 27%

13. इमैनुएल मैक्रॉन: 24%

14. यूक सोक-यूल: 20%

15. ओलाफ स्कोल्ज़: 20%

इससे पहले दिसंबर 2023 में जारी लिस्ट में भी मोदी शीर्ष पर थे। तब ‘ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग ट्रैकर‘ ने बताया था कि भारत में 76 प्रतिशत लोगों ने पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ की, जबकि 18 प्रतिशत ने इसके विपरीत राय रखी। छह प्रतिशत ने प्रतिक्रिया देने से परहेज किया।

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गन्ना किसानों को तोहफा देने के बाद बोले पीएम मोदी, ‘अन्नदाता के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध’

Sgarcane Farmers: पीएम मोदी ने लिखा, देशभर के अपने किसान भाई-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

By Arvind Dubey

Publish Date: Thu, 22 Feb 2024 10:24 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 22 Feb 2024 10:26 AM (IST)

गन्ना किसानों को तोहफा देने के बाद बोले पीएम मोदी, ‘अन्नदाता के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध’
मोदी सरकार का यह फैसला ऐसे समय आया है जब किसान MSP समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

HighLights

  1. किसान आंदोलन के बीच मोदी सरकार का बड़ा फैसला
  2. गन्ना खरीद की कीमत में 25 रुपये की बढ़ोतरी
  3. पीएम मोदी बोले-करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ होगा

एजेंसी, नई दिल्ली। एमएसपी समेत अन्य मांगों पर जारी किसानों के आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ी सौगात दी। सरकार ने बुधवार को 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का एफआरपी 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दी।

अब गुरुवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर अपने एक्स हेंडल पर प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने लिखा, देशभर के अपने किसान भाई-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में गन्ना खरीद की कीमत में ऐतिहासिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। इस कदम से हमारे करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ होगा।

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Raipur: आखिर क्‍यों सुर्खियों में है रायपुर का यह सामुदायिक भवन, पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी से क्‍या है कनेक्‍शन, जानिए पूरा मामला

अमूमन निगम के सामुदायिक भवन हमेशा से ही उपेक्षा का शिकार रहते हैं। न तो वहां साफ सफाई होती है और न ही बैठने के लिए अच्छी कुर्सियां ही होती हैं। लेकिन शताब्दी नगर में एक ऐसा भी सामुदायिक भवन है, जो कि किसी सचिव के कार्यालय से कम नहीं है।

By Vikas Soni

Publish Date: Thu, 22 Feb 2024 10:58 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 22 Feb 2024 10:58 AM (IST)

Raipur: आखिर क्‍यों सुर्खियों में है रायपुर का यह सामुदायिक भवन, पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी से क्‍या है कनेक्‍शन, जानिए पूरा मामला
सामुदायिक भवन की दीवारों पर लगे मंत्री डहरिया व उनके परिवार की तस्वीरें।

HighLights

  1. – घर से सटे सामुदायिक भवन के आगे सचिव कार्यालय भी फेल
  2. – सामुदायिक भवन में सात एलईडी टीवी, डाइनिंग टेबल सहित तमाम लक्जरी सुविधाएं मौजूद

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। अमूमन निगम के सामुदायिक भवन हमेशा से ही उपेक्षा का शिकार रहते हैं। न तो वहां साफ सफाई होती है और न ही बैठने के लिए अच्छी कुर्सियां ही होती हैं। लेकिन शताब्दी नगर में एक ऐसा भी सामुदायिक भवन है, जो कि किसी सचिव के कार्यालय से कम नहीं है। यहां 50 लाख रुपये से अधिक की लागत से एलईडी टीवी, वार्डरोब, फ्रिज, अलमारी, वाशिंग मशीन सहित तमाम वो सुविधाएं हैं, जिसकी कल्पना निगम या फिर किसी भी शासकीय सामुदायिक भवन में नहीं की जा सकती।

दरअसल, निगम की सामान्य सभा के दौरान भाजपा की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने जोन 10 के अंतर्गत आने वाले शताब्दी नगर स्थित इस सामुदायिक भवन का मामला उठाया। जिसमें उनके द्वारा इस भवन में दी गई इन तमाम सुविधाओं के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब भारसाधक सदस्य ज्ञानेश शर्मा नहीं दे पाए।

वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि इसका संचालन राजश्री सद्भावना समिति द्वारा दिया जाता है, जिसकी अध्यक्ष पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया हैं। इन सभी सवालों का जवाब नहीं मिल पाने की वजह से इस मामले में कमेटी का गठन कर 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया।

हस्तांतरण का नियम नहीं, अधिकारिता निगम के पास

नेता प्रतिपक्ष द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सदन में बताया गया कि निगम के सामुदायिक भवनों की आधिकारिता निगम के पास ही रहती है। इसे किसी को नहीं दिया जा सकता। लेकिन उक्त सामुदायिक भवन को किस अधिकार के तहत एनजीओ को संचालित करने के लिए दे दिया गया, इसका जवाब सदन में कोई भी एमआइसी सदस्य नहीं दे पाया।

एमआइसी में पारित किया गया संकल्प

उक्त सामुदायिक भवन को हस्तांतरित करने के लिए 16 जून 2022 को आयोजित की गई एमआइसी की बैठक में इस संदर्भ में संकल्प क्रमांक 33 के अंतर्गत भवन को राजश्री सद्भावना समिति को हस्तांतरित किए जाने पर मुहर लगाई गई। लेकिन सामान्य सभा में बैठक के दौरान इस पर न तो महापौर और न ही किसी अन्य एमआइसी सदस्य ने इस पर कोई जवाब दिया।

50 लाख से ज्यादा के सामान की खरीदी

नईदुनिया के पास मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि उक्त सामुदायिक भवन में लगभग 50 लाख रुपये से ज्यादा की सामग्रियां नगर निगम की ओर से खरीदकर लगवाई गई हैं। जिसका बकायदा भुगतान भी उक्त एजेंसी को किया गया है। वहीं, इस भवन को देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि यह सामुदायिक भवन है।

नहीं किया फोन रिसीव

इस संदर्भ में पूर्व मंत्री शिव डहरिया व उनकी पत्नी शकुन डहरिया से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं रिसीव किया गया।

यह सामग्रियां लगवाईं

माड्यूलर वूडन वार्डरोब 13

चार दरवाजे वाला वूडन वार्डरोब 10

ड्रेसिंग टेबल 2

डबल बेड विथआउट स्टोरेज 4

सोफा सेट 6 सीटर 7

लकड़ी की अलमारी 9

किचन चिमनी 2

कंप्यूटर टेबल 4

स्टील अलमारी 12

सोनी टीवी 55 इंच 4

65 इंच 3

75 इंच 1

ओवन 32 लीटर 2

वाशिंग मशीन 2

इंडक्शन 2

मिक्सर ग्राइंडर 2

फ्रिज 2

वाटर कूलर 1

आरओ 1

वाटर हीटर 4

कुचीना 2

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    वर्ष 2007 में दिल्‍ली की भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता में पोस्‍ट ग्रैजुएट डिप्‍लोमा किया है। अध्‍ययन के बाद मैंने दिल्‍ली में अलग-अलग संस्‍थानाें में दो वर्ष सेवा दी। इसके बाद मैंने हिंदुस्‍तान न्‍यूजपेपर मे

Indore Information: बच्चों पर भरोसा है तो उन्हें उनकी पसंद का क्षेत्र चुनने दें- भारती सिंह

Indore Information: भारती रियलिटी शो ‘डांस दीवाने’ के प्रतिभागी कलाकार ईशा शर्मा और सिद्धार्थ दोरजी के साथ बुधवार को शहर में थी।

By Sameer Deshpande

Publish Date: Thu, 22 Feb 2024 09:43 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 22 Feb 2024 09:43 AM (IST)

Indore News: बच्चों पर भरोसा है तो उन्हें उनकी पसंद का क्षेत्र चुनने दें- भारती सिंह
डांस के साथ कॉमेडी का तड़का। सिद्धार्थ और ईशा के साथ भारती सिंह। फोटो -प्रफुल्ल चौरसिया आशु

HighLights

  1. भारती रियलिटी शो ‘डांस दीवाने’ के प्रतिभागी कलाकार ईशा शर्मा और सिद्धार्थ दोरजी के साथ बुधवार को शहर में थी।
  2. उन्होंने मीडिया और प्रशंसकों से मुलाकात की और 56 दुकान पहुंच वहां के जायके का आनंद भी लिया।

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर Indore Information। पिता के निधन के बाद जब मैं मुंबई आ रही थी तो कई लोगों का यही कहना था कि वहां बुराई बहुत है। लोगों को अंदेशा था कि मुंबई में मेरे साथ कुछ अनुचित हो सकता है। पर ऐसा नहीं है। यदि मुंबई में खराब लोग हैं तो अच्छे लोगों की भी कमी नहीं। सबसे अच्छी बात तो यह है जिनमें हुनर है उनके लिए मुंबई में कार्य की कमी नहीं। हुनरमंदों को तो मुंबई में खाली बैठने का वक्त भी नहीं मिलता। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को सपने साकार करने का अवसर दें। यदि आपको बच्चे पर भरोसा है तो उन्हें उनकी पसंद का काम करने दें।

यह बात कामेडियन और रियलिटी शो की संचालक भारती सिंह ने कही। भारती रियलिटी शो ‘डांस दीवाने’ के प्रतिभागी कलाकार ईशा शर्मा और सिद्धार्थ दोरजी के साथ बुधवार को शहर में थी। इंदौर आगमन पर उन्होंने मीडिया और प्रशंसकों से मुलाकात की और 56 दुकान पहुंच वहां के जायके का आनंद भी लिया।

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कामेडी और नृत्य के रियलिटी शो की भी प्रतिभागी रह चुकी भारती सिंह का मानना है कि व्यक्ति को हर हुनर को सीखने के लिए तत्पर रहना चाहिए। जिस कार्य में आपको दिलचस्पी हो और उस कार्य को करने से आपको रुपये भी मिलते हों तो उसमें बुराई ही क्या। मैं अपने कार्य को पूरी लगन से करती हूं क्योंकि मैं अपना विकल्प नहीं देना चाहती। इसलिए कामेडी के साथ नृत्य और संचालन पर भी ध्यान दे रही हूं। जहां तक रियलिटी शो की बात है तो वह हुनर को सामने लाकर कलाकारों को रोजगार भी दे रहा है।

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इस प्रदेश की फिजा में है सकारात्मकता

शो की प्रतिभागी ईशा शर्मा सलकनपुर की रहने वाली हैं। ईशा बताती हैं जब वे 10 वर्ष की थी तबसे नृत्य कर रही हैं। अपने हुनर को मंच देने के लिए अभी तक वे सभी रियलिटी शो के आडिशन दे चुकी हैं पर यह पहला मौका है जब चयन हुआ है। ईशा कहती हैं अपने हुनर को यदि गंभीरता से लिया जाए और उसमें आगे बढ़ने के लिए सही रास्ता चुना जाए तो उसमें भी करियर बनाया जा सकता है। जब-जब आडिशन में चयन नहीं होता था तो बुरा लगता था लेकिन प्रदेश की फिजा में घुली सकारात्मकता मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रही और मेरा चयन हो गया।

जो रास्ता चुना उसी पर बढ़ना

असम के रहने वाले सिद्धार्थ दोरजी बताते हैं कि जब मैं 12 वर्ष के थे तबसे नृत्य कर रहा हूं। नृत्य को करियर के रूप में चुनने की बात पर मेरा परिवार रजामंद नहीं है। परिवार का मानना है कि नृत्य में बेहतर करियर नहीं बनाया जा सकता। अपने शौक को पूरा करने के लिए मुझे ही प्रयास करने होते हैं। इसके लिए मैं नृत्य स्पर्धा में भाग लेता हूं और उससे प्राप्त राशि से मैं अपने सपने को साकार करने का प्रयास करता हूं। मेरा मानना है कि एक बार जो रास्ता चुन लिया है उससे पीछे नहीं हटना।

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    : पिछले करीब 15 सालों से नईदुनिया अखबार के लिए खेल की रिपोर्टिंग की है। क्रिकेट विश्व कप, डेविस कप टेनिस सहित कई प्रमुख मौकों पर विशेष भूमिका में रहा। विभिन्न खेलों की कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट कव

काम की खबर: जानें क्या होता है ब्लू आधार कार्ड, 5 साल से छोटा है आपका बच्चा तो ऐसे करें अप्लाई

Blue Aadhar Card 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के नामांकन के लिए बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र नहीं की जाती है।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Thu, 22 Feb 2024 09:19 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 22 Feb 2024 09:44 AM (IST)

काम की खबर: जानें क्या होता है ब्लू आधार कार्ड, 5 साल से छोटा है आपका बच्चा तो ऐसे करें अप्लाई
पहली श्रेणी वयस्कों के लिए तैयार की गई है, जिसमें मानक आधार कार्ड शामिल है। वहीं दूसरी श्रेणी को बच्चों को लिए डिजाइन किया गया है, जिसे बाल आधार कार्ड भी कहा जाता है।

HighLights

  1. आज हर सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है।
  2. आधार कार्ड में किसी भी व्यक्ति की पहचान से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध रहती है।
  3. UIDAI की ओर से जारी 12 अंकों के आधार नंबर को भी दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

डिजिटल डेस्क, इंदौर। बीते कुछ सालों में आधार कार्ड देश में एक महत्वपूर्ण नो योर कस्टमर (KYC) दस्तावेज के रूप में उभरा है। आज हर सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। आधार कार्ड में किसी भी व्यक्ति की पहचान से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध रहती है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की ओर से जारी 12 अंकों के आधार नंबर को भी दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। पहली श्रेणी वयस्कों के लिए तैयार की गई है, जिसमें मानक आधार कार्ड शामिल है। वहीं दूसरी श्रेणी को बच्चों को लिए डिजाइन किया गया है, जिसे बाल आधार कार्ड भी कहा जाता है।

जानें क्या है Blue Aadhar Card

यूआईडीएआई की वेबसाइट के मुताबिक, 5 साल से कम उम्र के बच्चों का जो आधार तैयार किया जाता है, वह नीले अक्षरों में तैयार होता है। यही कारण है कि इसे Blue Aadhar Card कहा जाता है। इस आधार कार्ड को माता-पिता की पहचान के साथ अपडेट किया जाता है। 5 वर्ष की उम्र के बाद बच्चे का यह Blue Aadhar Card मानक आधार कार्ड में तब्दील कर दिया जाता है।

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आधार अधिनियम, 2016 की धारा 3(1) के अनुसार, देश का हर निवासी नामांकन की प्रक्रिया के दौरान अपनी जनसांख्यिकीय जानकारी और बायोमेट्रिक जानकारी जमा करके बच्चों सहित आधार संख्या प्राप्त करने का हकदार है। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के नामांकन के लिए बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र नहीं की जाती है, यही कारण है कि बच्चे का आधार नंबर माता-पिता में से किसी एक के आधार से लिंक होता है।

ऐसे तैयार करें Blue Aadhar Card

  • यूआईडीएआई की वेबसाइट पर जाएं:
  • “मेरा आधार” ऑप्शन पर क्लिक करें और “अपॉइंटमेंट बुक करें” पर क्लिक करें।
  • यहां “बाल आधार” का विकल्प चुनें और “नया आधार” बनवाने के जरूरी एंट्री भरें।
  • “परिवार के मुखिया के साथ संबंध” के अंतर्गत, “बच्चा (0-5 वर्ष)” चुनें।
  • 5 साल से छोटे बच्चे का संपूर्ण विवरण भरें।
  • नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर सुविधाजनक तारीख और समय चुनें।
  • यूआईडीएआई की वेबसाइट पर जाकर आप नजदीकी आधार सेवा केंद्र के बारे पता कर सकते हैं।
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    कई मीडिया संस्थानों में कार्य करने का करीब दो दशक का अनुभव। करियर की शुरुआत आकाशवाणी केंद्र खंडवा से हुई। महाराष्ट्र में फील्ड रिपोर्टिंग, भोपाल दूरदर्शन, ETV न्यूज़ सहित कुछ रीजनल न्यूज चैनल में काम करके इलेक्

Highest-Paid OTT Actors Upcoming Hindi Internet Collection 2024 Record Launch Dates | बोल्डनेस के कारण सलमान OTT से दूर: अजय देवगन ने पहली वेबसीरीज में लिए थे 125 करोड़, सिटाडेल के लिए सामंथा की फीस 10 करोड़

2 घंटे पहले

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पिछले 2-3 सालों में OTT की दुनिया में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। इसके जरिए नए एक्टर्स को अपना टैलेंट दिखाने का मौका तो मिला ही है। साथ ही टॉप स्टार्स भी OTT की तरफ रुख कर चुके हैं। पहले इसे नए एक्टर्स के लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म माना जा रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

अब बड़े और स्थापित एक्टर्स भी OTT का रुख कर रहे हैं। OTT प्लेटफॉर्म्स को इन स्टार्स की पॉपुलैरिटी का फायदा उठाने का मौका मिल गया है, जिसके कारण वो उन्हें मुंहमांगे पैसे ऑफर कर रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण साउथ एक्ट्रेस सामंथा रूथ प्रभु का है जिन्हें अपने अपकमिंग OTT प्रोजेक्ट सिटाडेल: इंडिया के लिए 10 करोड़ की फीस दी जा रही है।

अजय देवगन तो OTT के भी टॉप स्टार हैं, जिन्होंने 2022 में आई वेबसीरीज रुद्र: द एज ऑफ डार्कनेस से अपना डिजिटल डेब्यू किया था। इसके लिए इन्होंने OTT प्लेटफॉर्म से 125 करोड़ रुपए की डील की थी।

वहीं, सलमान खान ऐसे स्टार हैं जो कि वेबसीरीज में कभी काम नहीं करना चाहते, क्योंकि उन्हें इस प्लेटफॉर्म के बोल्ड कंटेंट से दिक्कत है।

OTT पर चमक रहे हैं कौन से बड़े स्टार्स, कितनी है इनकी फीस और आगे कौन से स्टार्स की OTT पर फिल्में या वेबसीरीज रिलीज होने वाली है। आइए नजर डालते हैं…

OTT पर फीस के मामले में टॉप पर हैं अजय देवगन

अजय देवगन ने 2022 में वेबसीरीज रुद्र: द एज ऑफ डार्कनेस से अपना डिजिटल डेब्यू किया था। इस सीरीज के लिए OTT प्लेटफॉर्म ने उनसे 125 करोड़ रु. की डील की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें वेबसीरीज में काम करने के लिए प्रति एपिसोड 18 करोड़ रुपए दिए गए थे।

OTT के इतिहास में आज तक इतनी ज्यादा फीस किसी स्टार को नहीं दी गई है। रुद्र: द एज ऑफ डार्कनेस 35.2 मिलियन व्यूअरशिप के साथ 2022 की टॉप वेबसीरीज थी।

सामंथा OTT की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस

फीस के मामले में अजय देवगन मेल एक्टर्स में तो सामंथा रुथ प्रभु एक्ट्रेसेस में आगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साउथ एक्ट्रेस सामंथा इस साल रिलीज होने वाली अमेजन प्राइम की मच अवेटेड सीरीज सिटाडेल: इंडिया के लिए 10 करोड़ रु. चार्ज कर रही हैं। सामंथा का ये दूसरा OTT प्रोजेक्ट है।

इससे पहले वो 2021 में आई द फैमिली मैन 2 में नजर आई थीं। इस क्राइम थ्रिलर सीरीज में सामंथा को राजी के रोल में देखा गया था जिसके लिए उन्हें 4 करोड़ रु. की फीस दी गई थी। अब दूसरी वेबसीरीज के लिए ही सामंथा की फीस डबल से भी ज्यादा बढ़ा दी गई है।

सिर्फ पैसों के लिए नहीं, नई पहचान के लिए OTT पर आए सितारे

ऐसा नहीं है कि बड़े सितारे केवल पैसों के लिए ही OTT का रुख कर रहे हैं। कई स्टार्स ऐसे हैं जिन्हें टैलेंट होने के बावजूद फिल्मों में मनचाहा काम नहीं मिल रहा था। वहीं, कुछ ऐसे स्टार्स भी हैं जो 90 के दशक में बॉलीवुड में टॉप पर थे, लेकिन बाद में इन्हें काम नहीं मिला। OTT के जरिए बॉबी देओल, सुष्मिता सेन, मनोज बाजपेयी जैसे स्टार्स के करियर को जीवनदान मिला है जो टैलेंटेड होने के बावजूद अच्छी फिल्मों में काम करने को तरस रहे थे।

90 के दशक की कई एक्ट्रेसेस को मिला कमबैक का मौका

सुष्मिता सेन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1996 में आई फिल्म दस्तक से की थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जो बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं। साल 2015 में फ्लॉप फिल्मों से परेशान सुष्मिता ने फिल्मों से ब्रेक ले लिया। सुष्मिता ने साल 2019 में आर्या से एक्टिंग में वापसी की। अब तक शो के तीन सीजन आ चुके हैं जिनमें उनकी एक्टिंग की काफी तारीफ हुई। 90 के दशक की टॉप एक्ट्रेसेस में से एक रवीना टंडन ने थ्रिलर सीरीज अरण्यक से OTT डेब्यू किया था जिसमें उन्होंने फीमेल पुलिस ऑफिसर की भूमिका निभाई थी।

करिश्मा कपूर ने आठ साल के एक्टिंग ब्रेक के बाद 2020 में ऑल्ट बालाजी की सीरीज मेंटलहुड से एक्टिंग में वापसी की थी। 2024 में वो वेबसीरीज मर्डर मुबारक में दिखेंगी। ए सूटेबल बॉय एक ब्रिटिश टीवी सीरीज थी, लेकिन भारत में ये सीरीज साल 2020 में रिलीज हुई। इसमें तब्बू ने सईदा बाई की भूमिका निभाई है और उनकी परफॉर्मेंस सीरीज में मेन अट्रैक्शन थी।

माधुरी दीक्षित ने सीरीज द फेम गेम से ओटीटी पर डेब्यू किया था। 90 के दशक में सिल्वर स्क्रीन पर राज करने वाली माधुरी ने फिल्म नचले से बॉलीवुड में कमबैक किया था। इसके बाद उन्हें इक्का-दुक्का फिल्मों में देखा गया, लेकिन कोई ऐसे रोल नहीं मिल रहे थे जिससे माधुरी अपनी दमदारी वापसी कर पाईं।

द फेम गेम के जरिए उन्हें दोबारा अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिला था। इसी तरह जूही, पूजा भट्ट और काजोल जैसी 90 के दशक की एक्ट्रेसेस के OTT डेब्यू भी सफल साबित हुए हैं।

एक्ट्रेसेस की OTT की तरफ बढ़ती दिलचस्पी के बारे में जब हमने बॉलीवुड ट्रेड एनालिस्ट जोगिंदर टुटेजा से बात की तो उन्होंने कहा, ‘बेशक ये प्लेटफॉर्म उन एक्ट्रेसेस के लिए काफी अच्छा प्लेटफॉर्म साबित हुआ है जिनके पास सालों से काम नहीं था। दूसरी तरफ OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए भी ये फायदेमंद है; क्योंकि किसी भी प्रोजेक्ट से किसी चर्चित स्टार के जुड़ने से उसकी वैल्यू बढ़ जाती है, जैसे वेबसीरीज आर्या को ही ले लीजिए। इस वेबसीरीज से जब सुष्मिता सेन जुड़ीं तो काफी चर्चा हुई।’

द फैमिली मैन से मनोज बाजपेयी को मिली सक्सेस

वेबसीरीज फैमिली मैन की सक्सेस ने मनोज बाजपेयी के फिल्मी करियर की दिशा बदलकर रख दी। उन्होंने इससे पहले कई फिल्मों में काम किया था, लेकिन उनके टैलेंट को वो सम्मान बॉलीवुड में नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। 2020 में आई वेबसीरीज फैमिली मैन की सक्सेस ने मनोज को स्टार बना दिया।

इस सीरीज में उन्होंने इंटेलिजेंस ऑफिसर श्रीकांत तिवारी की भूमिका निभाई है। पहले सीजन के लिए मनोज बाजपेयी को ज्यादा फीस नहीं मिली थी, लेकिन फैमिली मैन 2 की सक्सेस के बाद उन्हें उस सीजन के लिए 10 करोड़ रुपए फीस मिलने की बात सामने आई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब मनोज बाजपेयी को एक वेब सीरीज में काम करने के लिए 20 करोड़ तक ऑफर किए जा रहे हैं।

मनोज बाजपेयी के बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी को OTT पर काफी लोकप्रियता मिली। द सेक्रेड गेम्स 1, द सेक्रेड गेम्स 2 जैसी वेबसीरीज ने उन्हें फिल्मों के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी सफलता दिलाई थी। उनके अलावा सैफ अली खान को द सेक्रेड गेम्स में काफी पसंद किया गया था। ये सीरीज 2018 की सबसे ज्यादा देखी गई सीरीज में से एक थी।

सलमान बोल्ड कंटेंट के कारण OTT से दूर, अक्षय ने की थी 90 करोड़ की डील

OTT की जबरदस्त लोकप्रियता के बीच बॉलीवुड के कुछ ऐसे भी सितारे हैं जो अब तक किसी वेबसीरीज प्रोजेक्ट में नजर नहीं आए हैं। इनमें बॉलीवुड के तीनों खान सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान शामिल हैं। सलमान खान कई मौकों पर ये बात साफ कर चुके हैं कि उन्हें OTT के बोल्ड कंटेंट से दिक्कत है, इसलिए वो कभी ऐसे किसी प्रोजेक्ट से नहीं जुड़ेंगे जो वो परिवार के साथ बैठकर नहीं देख पाएं। वो फिल्मों में काम करके ही खुश हैं।

शाहरुख खान की प्रोडक्शन कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने बार्ड ऑफ ब्लड, क्लास ऑफ 83, बेताल और भक्षक जैसी वेबसीरीज और फिल्में OTT के लिए प्रोड्यूस की हैं, लेकिन वो खुद अब तक वेबसीरीज की दुनिया से दूर हैं।

आमिर खान ने भी कई मौकों पर कहा है कि वो मीडियम देखकर प्रोजेक्ट नहीं चुनते हैं। अगर भविष्य में उन्हें किसी वेबसीरीज में काम करने का मौका मिला तो वो इस पर विचार करेंगे, लेकिन फिलहाल उनका फोकस इस मीडियम पर नहीं है।

इसी तरह अमिताभ बच्चन भी वेब सीरीज से दूर हैं। उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति के जरिए टीवी की दुनिया में तो कदम रखा था, लेकिन OTT पर फिलहाल काम करने का उनका कोई इरादा नहीं है।

अक्षय कुमार भी OTT से दूर हैं। उन्हें इसमें दिलचस्पी थी, लेकिन अब तक वो इस प्लेटफॉर्म के लिए काम नहीं कर पाए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2019 में अक्षय ने OTT प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो के साथ 90 करोड़ रुपए की डील भी साइन की थी, लेकिन बात नहीं बनी।

अक्षय को वेबसीरीज के स्क्रीनप्ले से दिक्कत थी। काफी कोशिशों के बाद भी मामला जम नहीं पाया तो ये प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया और अक्षय का OTT डेब्यू नहीं हो पाया। उम्मीद है कि आने वाले सालों में वो किसी वेबसीरीज का हिस्सा बने नजर आएं।

क्या OTT भी स्टार सेंट्रिक हो जाएगा?

इस सवाल का जवाब जब हमने ट्रेड एनालिस्ट जुगिंदर टुटेजा से पूछा तो उन्होंने कहा, ऐसा बिल्कुल नहीं होगा। फिल्मों की तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म कभी स्टार सेंट्रिक नहीं हो पाएंगे। हालांकि स्टार की फेस वैल्यू के जरिए इन प्लेटफॉर्म्स को अपने सब्सक्रिप्शन बढ़ाने में अब तक मदद मिली है और ये आगे भी जारी रहेगा।

2023 की तरह 2024 में भी कुछ फिल्में सीधे OTT पर रिलीज होने का ट्रेंड बरकरार रहेगा। इनमें से एक बड़ी फिल्म चकदा एक्सप्रेस है, जिससे छह साल बाद अनुष्का शर्मा फिल्मों में कमबैक कर रही हैं। उनकी बतौर लीड एक्ट्रेस पिछली फिल्म जीरो थी। इसके अलावा कृति सेनन की फिल्म दो पत्ती भी सीधे OTT पर आएगी।

इस फिल्म के जरिए काजोल और कृति 8 साल बाद साथ काम करेंगे। इससे पहले दोनों 2015 में रिलीज हुई रोहित शेट्‌टी की फिल्म दिलवाले में साथ काम कर चुके हैं।

आमिर खान के बेटे जुनैद की फिल्म महाराजा भी सीधे OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज होगी।

देश में OTT के दर्शक कितनी तेजी से बढ़े हैं?

विभिन्न मीडिया रिसर्च के अनुसार, साल 2019 में भारत में OTT वीडियो स्ट्रीमिंग यूजर्स की संख्या लगभग 17 करोड़ थी, जबकि 2025 तक इनकी संख्या 26.4% की दर से बढ़ने की संभावना है। ओरमैक्स के अनुसार लॉकडाउन के दौरान ही लगभग 1.2 करोड़ लोगों ने वेबसीरीज देखने के लिए लॉग इन किया।

खास बात यह है कि OTT प्लेटफॉर्म को युवाओं से ज्यादा अधेड़ उम्र के लोग तेजी से स्वीकार कर रहे हैं। रिसर्च फर्म कंतर की साल 2019 की रिपोर्ट के अनुसार 35 से 44 और 45 से 54 साल के लोगों ने क्रमश: 18 और 63% की दर से OTT को एक्सेप्ट किया है।

theglobalstatistics.com की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2024 तक तकरीबन 45 करोड़ OTT सब्सक्राइबर्स हैं। डिज्नी+हॉटस्टार भारत का टॉप OTT प्लेटफॉर्म है, जिसका 41% मार्केट पर कब्जा है। 24% मार्केट पर कब्जे के साथ इरोजनाउ दूसरे नंबर पर है। अमेजन प्राइम वीडियो के पास 9% मार्केट शेयर और नेटफ्लिक्स के पास 7% मार्केट है।

OTT प्लेटफॉर्म 20 हजार करोड़ का मार्केट

वर्तमान में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई OTT इंडस्ट्री है। 2018 तक भारत में OTT प्लेटफॉर्म्स का मार्केट 2150 करोड़ रुपए का था। 2019 के अंत में ये बढ़कर 2185 करोड़ रुपए का हो गया। यानी, एक साल में 35 करोड़ का इजाफा।

इसके बाद भी अकाउंटिंग फर्म प्राइसवाटर हाउस कूपर्स ने 2023 तक इस मार्केट के 11 हजार 977 करोड़ रुपए का होने का अनुमान लगाया था, लेकिन कोरोना काल में OTT प्लेटफॉर्म्स को तेजी से यूजर मिले हैं। इससे ये आंकड़ा और बढ़ गया। 2023 तक ये आंकड़ा ढाई बिलियन डॉलर, यानी 20 हजार 737 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है।

WPL 2024: गुजरात जायंट्स को टूर्नामेंट से पहले हुआ नुकसान, अब नहीं खेल पाएगी ये महंगी खिलाड़ी

महिला प्रीमियर लीग 2024 शुरू होने से ही गुजरात जायंट्स को नुकसान हो गया है। उनकी ऑलराउंडर काशवी गौतम चोट लगने की वजह से टूर्नामेंट नहीं खेल पाएंगी।

By Anurag Mishra

Publish Date: Mon, 19 Feb 2024 08:31 PM (IST)

Up to date Date: Mon, 19 Feb 2024 08:32 PM (IST)

WPL 2024: गुजरात जायंट्स को टूर्नामेंट से पहले हुआ नुकसान, अब नहीं खेल पाएगी ये महंगी खिलाड़ी
गुजरात जायंट्स को लगा झटका।

खेल डेस्क, इंदौर। महिला प्रीमियर लीग 2024 शुरू होने से ही गुजरात जायंट्स को नुकसान हो गया है। उनकी ऑलराउंडर काशवी गौतम चोट लगने की वजह से टूर्नामेंट नहीं खेल पाएंगी।

डब्‍ल्‍यूपीएल 2024 की नीलामी में गुजराय जायंट्स ने काशवी गौतम पर 2 करोड़ का दांव लगाया था। वह इस रकम के साथ डब्‍ल्‍यूपीएल 2024 टूर्नामेंट की सबसे महंगी अनकैप्ड खिलाड़ी बन गई थीं। अब उनके बदले सयाली सागगारे टीम का हिस्सा बनी हैं।

सयाली साठगारे 2020 में स्मृति मंधाना के नेतृत्व वाली ट्रेलब्लेजर्स की टीम में शामिल थीं। गुजरात जायंट्स ने नीलामी में 10 खिलाड़ियों को खरीदा था। काशवी गौतम सहित मेघना सिंह, त्रिशा पूजित, प्रिया मिश्रा, वेदा कृष्‍णामूर्ति और तरन्‍नुम पठान,,फोएब लिचफील्‍ड, लौरेन शेटल, कैथरीन ब्राइस, मन्‍नत कश्‍यप पर भी टीम ने खरीदा था।

काशवी के अलावा गुजरात जायंट्स को दूसरा झटका लौरेट शेटल के रूप में लगा है। वह स्किन कैंसर का इलाज करा रही हैं, इसलिए वह टूर्नामेंट नहीं खेल सकेंगी। उनकी जगह टीम में न्यूजीलैंड की अनुभवी ली ताहूहु को जगह दी गई है। गुजरात जायंट्स का पहला मैच 25 फरवरी को चैंपियंस मुंबई इंडियंस के खिलाफ उतरेगी।

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को भी लगा झटका

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए भी बुरी खबर सामने आई है। टीम की प्रमुख खिलाड़ी कनिका आहूजा चोट लगने की वजह से टीम से बाहर हो गई हैं। टीम ने उनकी जगहब श्रद्धा पोखरकर को टीम में शामिल किया है। उनकी रिजर्व प्राइस 10 लाख रुपए है।

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    अनुराग मिश्रा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं। वह कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में माहिर और पत्रकारिता में लगभग 3 साल का अनुभव है। अनुराग मिश्रा नईदुनिया में आने से पहले भास्कर हिंदी और दैन

TV actors hoping for a change in annoying job | स्ट्रेसफुल काम में बदलाव की आस में TV कलाकार: 17 घंटे की शिफ्ट के बाद 5 घंटे की नींद भी नसीब नहीं होती, सेहत के लिए खतरा बन रहा है काम

3 घंटे पहलेलेखक: किरण जैन

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दो दिन पहले (20 फरवरी) टीवी अभिनेता ऋतुराज सिंह की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थीं। वह 59 साल के थे। साल 2023 में सीरियल ‘अनुपमा’ एक्टर नितेश पांडे का भी कार्डियक अरेस्ट से ही निधन हुआ था। पिछले कुछ सालों में टेलीविजन की दुनिया में दिल का दौरा पड़ने या कार्डियक अरेस्ट से कई लोगों की मौत हुई हैं।

सीरियल ‘लापतागंज’ एक्टर अरविंद कुमार, ‘भाबीजी घर पर हैं’ फेम दीपेश भान, ‘कुमकुम भाग्य’ की अभिनेत्री जरीना रोशन खान, ‘कसौटी जिंदगी के’ फेम सिद्धांत वीर सूर्यवंशी समेत कई अन्य लोगों की मौत कार्डियक/ हार्ट अटैक के कारण हुई है।

ऑल इंडिया सिने वर्कस एसोसिएशन (AICWA) के प्रेसिडेंट सुरेश गुप्ता की मानें तो इंडस्ट्री में हार्ट अटैक से होने वाली मौत बहुत आम बात हो गई हैं। खराब लाइफस्टाइल, सेट पर दिन-रात की मजदूरी, सही समय पर पेमेंट ना मिलना, काम की कमी, पैसे की तंगी जैसी कई वजह से इंडस्ट्री के लोगों का स्ट्रेस लेवल बढ़ रहा है। इससे दिल पर बुरा असर पड़ रहा है। टीवी इंडस्ट्री का माहौल बहुत स्ट्रेसफुल है।

ऋतुराज सिंह के कार्डियक अरेस्ट के हालिया मामले ने इस मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। दैनिक भास्कर ने कुछ टीवी एक्टर्स और पर्दे के पीछे जुड़े लोगों से इस मुद्दे पर बातचीत की। इन लोगों ने टीवी की दुनिया का काला सच सामने लाया। आइये जानते है क्या कहा उन्होंने-

इंडस्ट्री में काम का ओवरलोड है: AICWA प्रेजिडेंट सुरेश गुप्ता

इस इंडस्ट्री का माहौल बहुत स्ट्रेसफुल है। काम न मिलने के डर की वजह से लोग इसकी सच्चाई को बाहर नहीं लाते। एपिसोड टेलीकास्ट इशू होने पर, चैनल प्रोड्यूसर पर प्रेशर डालते हैं। वहीं प्रोड्यूसर अपने नीचे के प्रोडक्शन हाउस को निशाना बनाते हैं। ये लोग 2 दिन का काम एक दिन में करवाते हैं ताकि लोकेशन कॉस्ट, मजदूरों की फीस, इत्यादि बच जाए। कई टेक्नीशियन, स्पॉट बॉय 20-22 घंटे काम करते हैं। ऐसे कई एक्टर्स हैं जो 12 घंटे की शिफ्ट की बजाए 14-16 घंटे काम करते हैं। इस इंडस्ट्री में काम का ओवरलोड हैं। कई लोगों ने इस ओवरलोड की वजह से अपनी मेन्टल स्ट्रेस की बात भी रखी। लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ।

एक्टर्स की मौत के बारे में हर कोई बात करता हैं। लेकिन ऐसे कई मेंबर्स हैं जिन्हें स्ट्रेस की वजह से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रॉक आया, शरीर में अलग-अलग बीमारियां आईं। इनमें से कुछ लोगों की जान तक गई है। पर्दे के पीछे जुड़े ज्यादातर लोगों को आर्थिक तंगी होती है। पैसों के खातिर वे अपना काम छोड़ नहीं पाते। मैंने ऐसे कई मोनोपोली के खिलाफ एक्शन लिए हैं जहां कुछ प्रोडक्शन हाउस एक्टर्स / यूनिट मेंबर्स को बैन करने की बात करते हैं। टीवी की दुनिया का ये काला सच है।

तजुर्बा होने के बावजूद लीड एक्टर्स के मुकाबले आधी फीस दी जाती हैं: जयति भाटिया

पिछले कुछ सालों से ज्यादातर टीवी सीरियल की शूटिंग नायगांव में हो रही है जोकि मुंबई से तकरीबन 2.5 घंटे की दूरी पर है। यानी कि हम दिन के 5 घंटे सिर्फ ट्रेवलिंग में लगा रहे हैं। साथ ही एक्टर्स, टेक्नीशियंस, लाइटमेन, स्पॉटबॉय, मेकअप आर्टिस्ट, हम सभी को कम से कम 12 घंटे की ड्यूटी पूरी करनी होती है। पूरे हफ्तें, हमारा यही रूटीन होता है। अब इससे स्ट्रेस लेवल तो बढ़ेगा ही। टेलीकास्ट के प्रेशर की वजह से कई एक्टर्स और यूनिट दिन-रात काम करते हैं। हमने अपने एसोसिएशन से इसकी शिकायत भी की थी जिसके बाद थोड़ा सुधार आया था। लेकिन, फिर से वही माहौल बन गया।

इसी बीच एक्टर्स को बॉडी भी बनानी है, खुद को हेल्दी भी रखना है। मैं ऐसे कई एक्टर्स को जानती हूं जो थकान होने के बावजूद जिम जाते हैं। जाहिर है, इसका अपोजिट रिएक्शन तो होगा ही। आज कल कम उम्र में लोगों को दिल का दौरा पड़ रहा है। हमारी टीवी इंडस्ट्री में ये बहुत आम हो गया है। कई लोग अपनी सेहत को खतरे में रखकर काम कर रहे है।

सिर्फ घंटों तक काम करना ही नहीं बल्कि पैसा भी हमारे स्ट्रेस की वजह है। इस इंडस्ट्री में मुझे 30 साल हो गए हैं। इतना तजुर्बा होने के बावजूद लीड एक्टर्स के मुकाबले आधी फीस दी जाती है। कई एक्टर्स बिलकुल अनुभवी नहीं होते, इसके बावजूद उन्हें अच्छी पेमेंट दी जाती है। इस बात का हमेशा डर लगा रहता है कि कहीं काम मिलना बंद ना हो जाए।

स्ट्रेसफुल सिचुएशन का हेल्थ पर बुरा असर पड़ता हैं: एक्टर सानंद वर्मा

इसमें कोई शक नहीं कि टीवी इंडस्ट्री में काम करना बहुत स्ट्रेसफुल होता है। इसमें डेडलाइन्स रहती हैं। आपको बहुत ज्यादा कंटेंट क्रिएशन करना होता है। अकसर ऐसा होता है कि आखिरी मोमेंट पर सीन्स आते हैं। बहुत ही हेक्टिक शेड्यूल रहता है।

कई बार लंबे डायलॉग्स आते हैं और इसी बीच पता चलता है कि आपका सीन तैयार है। बतौर एक्टर आपको सीन की तैयारी करने का टाइम नहीं मिलता। अब आप पर अच्छा परफॉर्म करने का भी प्रेशर है। ऑडियंस को तो नहीं पता ना कि आपके पास वक्त नहीं था। ये बहुत स्ट्रेसफुल सिचुएशन हैं जिसका हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है।

इस इंडस्ट्री में कोई एडवांस में विजन नहीं बनाता। तैयारी बिलकुल नहीं रहती। फ्यूचर में आगे के एपिसोड कैसे होंगे, किसी को कुछ पता नहीं होता। हालांकि, ‘भाबीजी..’ के सेट का माहौल थोड़ा पॉजिटिव है। टीम बहुत कूल है। काफी रिलेक्स एनवायरनमेंट में काम होता है। किसी भी हालत में 12 घंटे से 1 मिनट भी ऊपर काम नहीं करना चाहिए। यदि इस रूल को स्ट्रिक्टली फॉलो करें तो शायद चीजें बदल सकती हैं।

टीवी बहुत डिमांडिंग प्रोफेशन हैं: अर्जुन बिजलानी

देखिए, हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती। टीवी बहुत डिमांडिंग प्रोफेशन है। इसमें कई तरह की इंसिक्योरिटी भी आती हैं, जिससे स्ट्रेस बढ़ता है। ज्यादातर डेली सोप एक्टर्स अक्सर अपनी निजी जिंदगी और समय को नजरअंदाज कर देते हैं। टीवी फेम और पैसा देता है, लेकिन तब तक, जब तक आपका कोई शो हिट चल रहा हो। इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को समझना होगा कि सिर्फ फेम और पैसे के अलावा जीवन और करियर में और भी बहुत कुछ है।

टीवी में पैसा है लेकिन सुकून नहीं: राहुल शर्मा

इस इंडस्ट्री में क्रिएटिविटी और सही प्रोडक्टिविटी बिलकुल नहीं है। मैंने इससे स्ट्रेस्फुल वर्किंग एनवायरनमेंट कहीं नहीं देखा। टेलीविजन में पैसा है लेकिन सुकून नाम की चीज ही नहीं। इससे जुड़े लोगों को अब सिर्फ पैसे के अलावा, खुद की मेन्टल, फिजिकल हेल्थ के बारे में सोचने का वक्त आ गया है।

दिन में मुश्किल से 5-6 घंटे की नींद मिल पाती है: प्रोड्यूसर रविंद्र गौतम

जी हां, यह इंडस्ट्री तनावपूर्ण है, लेकिन न केवल कलाकारों के लिए, बल्कि क्रू मेंबर्स के लिए भी। यह तनावपूर्ण है क्योंकि ज्यादातर लोग साप्ताहिक ब्रेक के बिना दिन में 14-16 घंटे काम करते हैं। यह वास्तव में एक कठिन काम है। अभिनेताओं के लिए यह थोड़ा अधिक तनावपूर्ण हो जाता है क्योंकि उन्हें कैमरे पर आना होता है और अच्छा दिखना होता है। एक डेली सोप में यह कठिन हो जाता है, खास तौर पर तब जब सभी प्रमुख टीवी सेट अब मुंबई के बाहरी इलाके में बन गए हैं।

ट्रेवलिंग का समय प्रतिदिन लगभग 5 घंटे है। इसे 12 घंटे के काम के साथ मिला दें तो आपको मुश्किल से 5-6 घंटे की नींद मिल पाती है। यह न केवल शारीरिक रूप से थका देने वाला है बल्कि मानसिक रूप से भी आघात पहुंचाने वाला है। हम जिस बड़े बदलाव की तलाश में हैं, वह है कम से कम साप्ताहिक छुट्टी। बतौर प्रोड्यूसर, हम इस बात का ध्यान रखते हैं कि अपनी टीम मेंबर को महीने में 3-4 छुट्टी दें।

कैमरा के पीछे के लोगों का मानसिक तनाव ज्यादा होता है: डायरेक्टर संतोष त्रिपाठी

हर दिन हम सेट पर 14-16 घंटे बिताते हैं। लेकिन पेमेंट सिर्फ 12 घंटे की मिलती हैं। महीने में कम से कम 25 दिन तक ये ऐसा ही चलता रहता है। कोई कुछ नहीं कर सकता। कई बार रात के दो बजे पेकअप होता है और दूसरे दिन सुबह 7 बजे की हमारी शिफ्ट लगा दी जाती है। कैमरा के पीछे के लोगों का मानसिक तनाव बहुत ज्यादा होता है। पैसे की खातिर हम ये सब झेलते हैं। हमारी बस एक ही दरख्वास्त है कि प्रोड्यूसर पेकअप के टाइम को गंभीरता से ले।

बीच रात उठकर अपना फोन चेक करती हूं: कॉस्ट्यूम डिजाइनर सुगंधा सूद

बतौर स्टाइलिस्ट, प्री-प्रोडक्शन से लेकर ऑन-सेट तक, हम हर दिन काम करते हैं। दरअसल, टीवी में लास्ट मोमेंट में बदलाव आते हैं। मान लीजिए, रात में स्क्रिप्ट में बदलाव आ गया, तो हमें तुरंत कॉल आ जाएगा। सुबह उन्हें कोई और कॉस्ट्यूम चाहिए होता है। मैं अपना फोन बंद नहीं रख सकती। मुझे 24 घंटे मौजूद होना पड़ता है। मेरा स्ट्रेस लेवल इतना बढ़ गया है कि बीच रात उठकर अपना फोन चेक करती हूं। कहीं किसी प्रोड्यूसर का फोन तो नहीं आ गया। मेरी सेहत पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।

कई बार तो 1 घंटे पहले पूरा शेड्यूल बदल जाता है। आखिरी मोमेंट पर मुझे भाड़े पर कपड़े लाने पड़ते हैं। कई बार ज्यादा पैसे देकर सामान खरीदना होता है। वहीं, एक दिन की छुट्टी नहीं ले सकते। मुझे 7 साल हो गए अपने घर दिवाली मनाए।

इतनी मेहनत करने के बावजूद प्रोड्यूसर के पीछे अपने पैसे के लिए भागो। हजारों कॉल करो तब आपकी पेमेंट क्लियर होता है। मेरी कुछ पेमेंट पिछले एक साल से पेंडिंग हैं। अब ऐसे में किसी भी भी हालत खराब तो होगी ही। टीवी में बदलाव लाना बहुत जरूरी।