Korba Secl Information : हड़ताल के बाद भी एसईसीएल में 79 प्रतिशत कोयला उत्पादन

Korba Secl Information : हड़ताल के बाद भी एसईसीएल में 79 प्रतिशत कोयला उत्पादन

मिट्टी निकासी (ओबीआर) 7,83,490 क्यूबिक मीटर रहा। बात कोयला प्रेषण (डिस्पैच) की जाए, तो एसईसीएल की सभी खदानों से 4,63,200 टन कोयला डिस्पैच हुआ। जो लगभग 82 प्रतिशत रहा।

By Pradeep Barmaiya

Publish Date: Sat, 17 Feb 2024 11:41 PM (IST)

Up to date Date: Sat, 17 Feb 2024 11:41 PM (IST)

HighLights

  1. कंपनी की 65 खदानों में केवल एक खदान अमगांव ओपनकास्ट पर पूरा असर पड़ा।
  2. केंद्रीय मान्यता प्राप्त 10 श्रमिक संघ ने देशभर के उद्योंगो में एक दिवसीय हड़ताल की घोषणा की थी।
  3. एसईसीएल की ओपनकास्ट खदान में 5,20,520 टन तथा भूमिगत खदान में 22,400 टन उत्पादन हुआ।

नईदुनिया प्रतिनिधि कोरबा। केंद्र सरकार की नीतियों के विरुद्ध में एक दिवसीय औद्योगिक हड़ताल का एसईसीएल में अपेक्षा के अनुरूप ज्यादा असर नहीं पड़ा। कंपनी की 65 खदानों में केवल एक खदान अमगांव ओपनकास्ट पर पूरा असर पड़ा। यहां ग्रामीणों ने अपनी मांग को लेकर खदान बंद कराया। एसईसीएल की सभी खदानों में लगभग 79 प्रतिशत कोयला उत्पादन हुआ।

केंद्रीय मान्यता प्राप्त 10 श्रमिक संघ ने देशभर के उद्योंगो में एक दिवसीय हड़ताल की घोषणा की थी। इसमें भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) शामिल नहीं हुआ। श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने हड़ताल की व्यापक तैयार की। खास तौर पर साऊथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) व बाल्को में एटक, एचएमएस, सीटू व इंटक द्वारा लगातार बैठक व गेट मीटिंग की। इससे उम्मीद जताई जा रही थी कि इन दोनों उद्योग में हड़ताल सफल होगी, पर ऐसा नही हो सका। एसईसीएल की खदानों में प्रथम व सामान्य पाली में श्रमिक संघ प्रतिनिधियों के डटने से कामकाज प्रभावित हुआ, पर द्वितीय व रात्रि पाली में सभी ढीले पड गए और खदानों में सामान्य रूप से कामकाज हुआ।

एसईसीएल से जुड़े जानकारों का कहना है कि एसईसीएल की ओपनकास्ट खदान में 5,20,520 टन तथा भूमिगत खदान में 22,400 टन उत्पादन हुआ। इस तरह दोनों मिला कर 5,42,920 टन कोयला उत्पादन हुआ। जो एसईसीएल में दो फरवरी को हुए उत्पादन का 79 प्रतिशत रहा। इसी तरह मिट्टी निकासी (ओबीआर) 7,83,490 क्यूबिक मीटर रहा। बात कोयला प्रेषण (डिस्पैच) की जाए, तो एसईसीएल की सभी खदानों से 4,63,200 टन कोयला डिस्पैच हुआ। जो लगभग 82 प्रतिशत रहा। खदानों में सामान्य रूप से कामकाज हुआ।