महाराज देवकीनंदन ठाकुर भोपाल में बोले- श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए दिल्ली में होगी सनातन संत संसद
Maharaj Devkinandan Thakur: 25 फरवरी को सनातन संत संसद में सनातन के तमाम विषयों और श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे पर होगी चर्चा।
By Prashant Pandey
Publish Date: Sat, 17 Feb 2024 09:28 PM (IST)
Up to date Date: Sat, 17 Feb 2024 10:05 PM (IST)

HighLights
- श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भाजपा को देंगे धन्यवाद।
- सनातन न्यास फाउंडेशन द्वारा 18 से 25 फरवरी तक होगी श्रीमद भागवत कथा।
- सनातन संत संसद में विपक्ष को भी आमंत्रित किया जाएगा।
Maharaj Devkinandan Thakur: नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में साक्षात सनातन के चिह्न दिखाई दिए हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि का केस अभी हाईकोर्ट में है। कोर्ट ने आदेश को रोककर रखा है। हम आशा करते हैं कि जल्द ही एक ऐसा सर्वे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा में भी होगा। काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी की तरह वहां भी भगवान मिलेंगे। हम अध्योध्या में श्रीराम जन्मभूमि के लिए भाजपा को धन्यवाद देंगे। यह कहना है महाराज देवकीनंदन ठाकुर का, जो शनिवार को भोपाल में आयोजित प्रेस को संबोधित कर रहे थे।
यहां उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए श्रीमद भागवत कथा का आयोजन दिल्ली के पटपड़गंज में 18 से 25 फरवरी तक किया जाएगा। इसके साथ ही 25 फरवरी को दोपहर एक बजे से सनातन संत संसद लगेगी, जिसमें सनातन के तमाम विषयों और प्रमुख रूप से श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे पर चर्चा होगी।
इसमें देशभर के सभी धर्माचार, धर्म प्रचारक, कथाकार, जगतगुरु, महामण्लेश्वर, शंकराचार्य आदि पधार रहे हैं। इस दौरान अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए भाजपा को धन्यवाद दिया जाएगा। साथ ही विपक्ष को भी आमंत्रित किया जाएगा।
उक्त आयोजन सनातन न्यास फांउडेशन द्वारा कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अभी एक मंदिर बनवाया है। दो मंदिर और बनने हैं, जो मथुरा और काशी में बनने वाले हैं। इसके लिए हम सभी पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित कर रहे हैं। हमें बताएंगे कि वे हमारे लिए क्या कर सकते हैं।

मथुरा प्रशासन ने नहीं दी थी अनुमति
महाराज देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि उक्त आयोजन के लिए हमने मथुरा प्रशासन ने भूमि मांगी थी, लेकिन मथुरा प्रशासन ने हमें अनुमति नहीं दी, इसलिए हम दिल्ली में भागवत कथा रख रहे हैं। कथा के बाद ही मथुरा जाएंगे। महाराज ने कहा कि मैंने जामा मस्जिद की सीढ़ी में केशवदेवजी की मूर्ति को गाड़ा था। 90 प्रतिशत सनातनियों को यह बात पता ही नहीं है।
आज भी लोग सीढ़ियों के माध्यम से उनके ऊपर पैर रखकर नमाज अदा करने जा रहे हैं। हमें उनकी नमाज से समस्या नहीं है, लेकिन अगर हमारे भगवान के ऊपर पैर रखकर जाएंगे तो हमें दर्द देगा। हमने कोर्ट में यही कहा कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों का सर्वे होना चाहिए।
मैं राजनीति में नहीं जाना चाहता, मैं किसी पार्टी का नहीं हूं
महाराज ने कहा कि मैं राजनीति में नहीं जाना चाहता हूं। मैं किसी पार्टी का नहीं हूं। हम हिंदू हैं, भगवान श्रीकृष्ण, शंकर और श्रीराम को पूजने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई भी राजनेता हमसे वोट मांगने आता है तो हम अपनी जरूरतों की मांग करते हैं, क्योंकि हमारी जरूरत हमारा धर्म है।
श्रीकृष्ण मंदिर के निर्माण में कोई विवाद नहीं
देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए बातें अलग थीं, लेकिन श्रीकृष्ण मंदिर के विषय में बातें अलग हैं। श्रीराम मंदिर के लिए जमीन का विवाद था, लेकिन श्रीकृष्ण मंदिर के निर्माण में कोई विवाद नहीं है।
जिस जगह पर ईदगाह बनी हुई है, उस जगह का आज भी मालिकाना हक श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट का है। आज भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ही वहां की मालिक है। अगर कोर्ट डे बाई डे सुनवाई करे तो मुझे नहीं लगता कि श्रीकृष्ण मंदिर के निर्माण में दो वर्ष भी लगेंगे।


