मशहूर गीतकार गुलजार व जगद्गुरु रामभद्राचार्य को मिला ज्ञानपीठ 2023 पुरस्कार
महान फिल्मकार, गीतकार और उर्दू शायर गुलजार के साथ-साथ संस्कृत साहित्यकार जगद्गुरु रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुना गया है। पुरस्कार से जुड़ी सेलेक्शन पैनल ने कहा कि गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 के लिए चुना गया है।
By Anurag Mishra
Publish Date: Sat, 17 Feb 2024 06:23 PM (IST)
Up to date Date: Sat, 17 Feb 2024 06:23 PM (IST)

डिजिटल डेस्क, इंदौर। महान फिल्मकार, गीतकार और उर्दू शायर गुलजार के साथ-साथ संस्कृत साहित्यकार जगद्गुरु रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुना गया है। पुरस्कार से जुड़ी सेलेक्शन पैनल ने कहा कि गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 के लिए चुना गया है। सेलेक्शन पैनल ने इस बात की जानकारी मीडिया से साझा की है। गुलजार व रामभद्राचार्य दोनों ने ही अपने-अपने क्षेत्र में काफी काम किया है, जिसके आधार पर उनकी काफी लोकप्रियता है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य जन्म से अंधे हैं, लेकिन फिर भी संस्कृत भाषा व वेद-पुराणों पर उनकी पकड़ बहुत ही मजबूत है।
गुलजार ने बॉलीवुड में कई यादगार गीत दिए हैं। उनके काम हर कोई प्रशंसक है। उनको उर्दू सबसे अच्छे कवियों में गिना जाता है। उनको उर्दू में किए गए उनके योगदान के लिए 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। 2004 में पद्म भूषण से नवाजा गया था। 2013 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया था।
100 धार्मिक किताबों का लेखन कर चुके हैं जगद्गुरु
रामभद्राचार्य चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक व प्रमुख हैं। वह हिंदू धर्म में एक बड़े संत हैं। वह जन्मजात नेत्रहीन है, लेकिन 100 से अधिक धार्मिक किताबों का लेखन कर चुके हैं। ज्ञानपीठ कमेटी की तरफ से बयान दिया गया है कि इस पुरस्कार के लिए संस्कृत के लेखक जगद्गुरु रामभद्राचार्य और उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार गुलजार को चुना गया है।


