Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या आज, श्री हरि का विशेष शृंगार होगा, स्नान-दान से शनि के दुष्प्रभाव से मिलेगी मुक्ति

Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या आज, श्री हरि का विशेष शृंगार होगा, स्नान-दान से शनि के दुष्प्रभाव से मिलेगी मुक्ति

Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या शुक्रवार को मनाई जाएगी। माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस दिन दान, धर्म कार्यों से यज्ञ और कठोर तपस्या से फल की प्राप्ति होती है।

By anil tomar

Publish Date: Fri, 09 Feb 2024 10:38 AM (IST)

Up to date Date: Fri, 09 Feb 2024 03:23 PM (IST)

HighLights

  1. माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है
  2. मंदिरों में जगत के पालन हार श्री हरि का विशेष शृंगार किया जायेगा

Mauni Amavasya 2024: ग्वालियर(नप्र)। मौनी अमावस्या शुक्रवार को मनाई जाएगी। माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस दिन दान, धर्म कार्यों से यज्ञ और कठोर तपस्या से फल की प्राप्ति होती है। अमावस्या के दिन स्नान और दान का भी काफी महत्व होता है। क्योंकि इसे माघ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है ऐसे में इस दिन दान करने से शनि के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। माघ अमावस्या के दिन मंदिरों में जगत के पालन हार श्री हरि का विशेष शृंगार किया जायेगा। सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर शुरुआत: मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या मनाई जाती है। इस दिन अमावस्या तिथि की शुरुआत शुक्रवार को सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर होगी और समापन 10 फरवरी को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, मौनी अमावस्या शुक्रवार को ही मनाई जाएगी।

मौनी अमावस्या शुभ संयोग

इस बार मौनी अमावस्या बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, विनायक अमृत योग, हंस और मालव्य योग का निर्माण होने जा रहा है. ये सभी योग बेहद शुभ माने जाते हैं। पद्म पुराण में माघ मास की अमावस्या तिथि को श्रेष्ठ बताया गया है। इसमें मौन व्रत रखकर पवित्र नदी में स्नान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। स्नान के समय आराध्य का ध्यान करना चाहिए। इस दिन भूलकर भी मन में छल-कपट जैसे अनैतिक विचार नहीं लाने चाहिए।

भगवान शनिदेव को प्रिय वस्तुओं को दान देने का महत्व

साढ़े साती, ढैय्या व शनि की महादशा चलने वाले जातकों को अमावस्या के दिन शनिदेव के प्रिय वस्तुओं, छाता, उड़द की दाला दान करनी चीहिए। का दान करना चाहिये और मजदूरों को भोजन कराकर उनका अाशीर्वाद लेना चाहिये।

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    2000 से पत्रकारिता में हूं। दैनिक जागरण झांसी, नवभारत में रिपोर्टर के रूप में काम किया है। दैनिक भास्कर भीलवाड़ा, अजमेर में रिपोर्टर रहा। 2007 से 2013 तक दैनिक भास्कर के मुरैना कार्यालय में ब्यूरो चीफ के रूप मे