Sunny Deol Gadar 3 Story; India Vs Pakistan (Kargil Warfare) | गदर-3 में मेकर्स नहीं लेंगे ज्यादा लंबा लीप: करगिल वॉर पर बेस्ड हुई तो सनी को यंग दिखाना होगा मुश्किल

22 घंटे पहले

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साल 2023 में रिलीज हुई सनी देओल स्टारर ‘गदर-2’ ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की थी। यह फिल्म वर्ल्डवाइड 691 करोड़ रुपए का कलेक्शन करके सनी देओल के करियर की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी।

फिल्म को मिली इस सफलता को देखते हुए मेकर्स ने इसका थर्ड पार्ट बनाने का फैसला किया है। एक रिपोर्ट की मानें तो ‘गदर-3’ की कहानी 1999 में हुए इंडिया-पाकिस्तान के वॉर पर बेस्ड होगी।

गदर: एक प्रेम कथा और गदर-2 के बाद इसके थर्ड पार्ट को भी अनिल शर्मा ही डायरेक्ट करेंगे।

गदर: एक प्रेम कथा और गदर-2 के बाद इसके थर्ड पार्ट को भी अनिल शर्मा ही डायरेक्ट करेंगे।

करगिल वॉर पर बेस्ड हो सकती है गदर-3
एक सूत्र ने बॉलीवुड हंगामा को जानकारी देते हुए कहा, ‘2001 में रिलीज हुई ‘गदर: एक प्रेम कथा’ की कहानी 1947 से 1954 के दौर में सेट थी। इसके बाद रिलीज हुई ‘गदर-2’ की कहानी 1971 के दौर की थी। अब इसके थर्ड पार्ट में मेकर्स दो दशक और आगे जा सकते हैं। फिल्म की कहानी इंडिया और पाकिस्तान के बीच 1999 में हुए करगिल वॉर पर बेस्ड हो सकती है।’

गदर-3 को लेकर इस वक्त मेकर्स के पास 4 स्टोरी आइडियाज रेडी हैं।

गदर-3 को लेकर इस वक्त मेकर्स के पास 4 स्टोरी आइडियाज रेडी हैं।

तारा के किरदार को यंग दिखाना मुश्किल
सोर्स ने आगे बताया, ‘हालांकि, गदर-3 की कहानी वहीं से शुरू होगी जहां गदर-2 की कहानी खत्म हुई थी। ऐसे में यह कन्फर्म कह पाना मुश्किल है कि इसका थर्ड पार्ट किस साल में सेट होगा। वहीं मेकर्स जानते हैं कि अगर वो 1999 का दौर दिखाएंगे तो तारा के किरदार को यंग दिखाना काफी मुश्किल होगा। ऐसे में गदर-3 1980 के दशक में भी सेट हो सकती है।’

सनी इन दिनों फिल्म 'लाहौर 1947' पर जुटे हैं। इसके राजकुमार संतोषी डायरेक्ट और आमिर खान प्रोड्यूसर कर रहे हैं।

सनी इन दिनों फिल्म ‘लाहौर 1947’ पर जुटे हैं। इसके राजकुमार संतोषी डायरेक्ट और आमिर खान प्रोड्यूसर कर रहे हैं।

2025 तक फ्लोर पर जा सकती है फिल्म
सूत्र ने यह भी कहा कि फिल्म के तीसरे पार्ट में तारा और सकीना के अलावा उनके बेटे जीते का भी अहम रोल होगा। टीम के पास थर्ड पार्ट के लिए 4 आइडियाज तैयार हैं पर मेकर्स अभी इसे लेकर किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहते। अपने पिछले दोनों पार्ट की तरह दर्शकों को इस फिल्म के थर्ड पार्ट से भी हाई इमोशंस, म्यूजिक, एक्शन और पैट्रियोटिज्म की उम्मीद है। यह फिल्म 2025 तक फ्लोर पर जा सकती है।

वर्कफ्रंट पर सनी के पास बैक टू बैक कई फिल्में हैं। वे ‘लाहौर 1947’ पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा उनके पास ‘बॉर्डर 2’, ‘रामायण’ और ‘अपने-2’ जैसी फिल्में भी हैं।

PM Modi Speech Highlights: ‘नेहरू जी की बात कांग्रेस के लिए पत्थर की लकीर’, पीएम मोदी ने पुरानी चिट्टी का जिक्र कर आरक्षण पर कांग्रेस को घेरा

नेहरू ने लिखा था कि यदि सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी और ओबीसी को आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज हिल जाएगा।

By Arvind Dubey

Publish Date: Wed, 07 Feb 2024 03:02 PM (IST)

Up to date Date: Wed, 07 Feb 2024 03:07 PM (IST)

PM Modi Speech Highlights: ‘नेहरू जी की बात कांग्रेस के लिए पत्थर की लकीर’, पीएम मोदी ने पुरानी चिट्टी का जिक्र कर आरक्षण पर कांग्रेस को घेरा

HighLights

  1. पीएम मोदी बोले- कांग्रेस दलितों की जन्मजात विरोधी
  2. बाबा साहब नहीं होते तो SC-ST को आरक्षण कभी नहीं मिलता
  3. पढ़िए पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

PM Modi Speech Highlights: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। इस दौरान मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री प. जवाहरलाल नेहरू की राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखी एक चिट्ठी का जिक्र भी किया।

पीएम मोदी ने बताया कि नेहरू ने तब मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी में लिखा था कि मैं किसी भी तरह के आरक्षण को पसंद नहीं करता। खासतौर पर नौकरी में आरक्षण कतई नहीं। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा देता है, जो देश को दोयम दर्ज की ओर ले जाए।

बकौल पीेम मोदी, नेहरू ने लिखा था कि यदि सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी और ओबीसी को आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज हिल जाएगा।

नेहरू जी कहते थे कि अगर SC/ST, OBC को नौकरी में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा। आज जो ये आंकड़े गिनाते हैं, उसका मूल यही है। अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती, तो वो प्रमोशन के बाद आगे बढ़ते और आज यहां पहुंचते।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस शुरू से एससी-एसटी और ओबीसी के विरोध में रही। ऐसे कई उदाहरण मैं बता सकता हूं। नेहरू की कही बात कांग्रेस के लिए मील का पत्थर होती है, लेकिन कांग्रेस वोट बैंक के चक्कर उस पर कायम नहीं रह पाई।

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    करियर की शुरुआत 2006 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के हिंदी सांध्य दैनिक ‘प्रभात किरण’ से की। इसके बाद न्यूज टुडे और हिंदी डेली पत्रिका (राजस्थान पत्रिका समूह) में सेवाएं दीं। 2014 में naidunia.com से डिजिटल की

Shatrughan Sinha recollects the battle scene with Amitabh Bachchan | फाइट सीक्वेंस बदलने पर नाराज हुए थे शत्रुघ्न सिन्हा: बोले-अमिताभ बच्चन के साथ काम करना बंद किया, कुछ फिल्मों का साइनिंग अमाउंट भी लौटाया

21 घंटे पहले

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बॉलीवुड स्टार शत्रुघ्न सिन्हा ने एक इंटरव्यू के दौरान अमिताभ बच्चन को लेकर एक खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि 1979 में रिलीज हुई फिल्म ‘काला पत्थर’ में एक फाइट सीक्वेंस को अमिताभ बच्चन के पक्ष में बदल दिया गया था, जो शत्रुघ्न को पसंद नहीं आया था। उन्होंने कहा- वैसे ये जानबूझकर नहीं किया गया था। पूरा किस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि फिल्म के एक सीन में मेरे और अमिताभ के बीच एक फाइट सीन होना था।

फाइट सीन को कोरियोग्राफ करने फाइट मास्टर शेट्टी वहां मौजूद थे। मेरे और अमिताभ के बॉडी डबल के बीच फाइट चल रही थी। फाइट के बीच में अचानक मेरा डुप्लिकेट नीचे गिर जाता है, और अमिताभ का डुप्लिकेट उसके गले पर फावड़ा रख देता है। मैं ये सबकुछ एक कोने में बैठे हुए देख रहा था। उन्होंने कहा मेरी आदत नहीं थी कि मैं शूटिंग के बीच में किसी तरह का हस्तक्षेप करूं। फाइट में किसको ज्यादा ताकतवर दिखाना है ये स्क्रिप्ट में नहीं लिखा गया था। लेकिन ये हादसा होने के बाद लोगों ने अमिताभ को जिताने का पक्ष लिया।

इस बात से खुश नहीं थे शत्रुघ्न सिन्हा

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भले ही हम अपने स्ट्रगल के दिनों से दोस्त थे, लेकिन इस बात से मैं सहमत नहीं था। अब ये रोमांच का चक्कर हो या रोमांस का, उस समय कुछ तो हुआ। मैंने ये बात अमिताभ की टीम से कहा कि ये स्क्रिप्ट में नहीं है। लेकिन उनकी टीम ने इस सीन को इसी तरह रखने की मंजूरी दे दी थी।

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उन्होंने सीन में बदलाव का विरोध किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कौन ताकतवर है इसका फैसला उस दिन नहीं हो सका। बता दें, काला पत्थर के अलावा दोनों ने दोस्ताना, शान और नसीब जैसी फिल्मों में साथ काम किया था। लेकिन बाद में, शत्रुघ्न ने अमिताभ के साथ फिल्में करना बंद कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि बहुत सारी फिल्में बन रही थीं, लेकिन मुझे उनमें से कुछ को छोड़ना पड़ा। मैंने उनमें से कुछ को साइनिंग अमाउंट भी लौटा दिया था।

चासनाला खदान में हुए हादसे पर बनी थी फिल्म

चासनाला खदान में हुए हादसे को यश चोपड़ा ने ‘काला पत्थर’ फिल्म के माध्यम से सबके सामने रखा। इस हादसे में कई मजदूरों की जानें गई थीं। उनकी बनाई एक फिल्म ने पूरे देश को झकझोर दिया था। फिल्म 24 अगस्त 1979 में देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस मूवी ने उस समय के कई हिट फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई। झारखंड के गिद्दी वाशरी में ‘काला पत्थर’ की शूटिंग हुई थी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, शत्रुधन सिन्हा, राखी, नीतू सिंह, परवीन बाबी जैसे एक्टर्स नजर आए थे।

High Information In the present day: पीएम मोदी आज राज्यसभा में बोलेंगे, नीतीश कुमार आएंगे दिल्ली, जानें क्यों बहुत खास है यह दौरा

Breaking Information and Newest Updates in HIndi: एनडीए में दोबारा शामिल होने के बाद यह नीतीश कुमार का पहला दिल्ली दौरा है। वे शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे।

By Arvind Dubey

Publish Date: Wed, 07 Feb 2024 08:34 AM (IST)

Up to date Date: Wed, 07 Feb 2024 08:34 AM (IST)

Top News Today: पीएम मोदी आज राज्यसभा में बोलेंगे, नीतीश कुमार आएंगे दिल्ली, जानें क्यों बहुत खास है यह दौरा

HighLights

  1. लोकसभा चुनाव से पहले संसद का आखिरी सत्र जारी
  2. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलेंगे पीएम मोदी
  3. बहुमत परीक्षण से पहले नीतीश के दिल्ली दौरे पर सबकी नजर

एजेंसी, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्यसभा में बोलेंगे। बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दें। दो दिन पहले पीएम मोदी लोकसभा में बोले थे और विपक्ष का करारे हमले किए थे। राज्यसभा में उनके संबोधन पर भी देश की नजर टिकी है।

High Information In the present day Breaking Information and Newest Updates in HIndi

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दिल्ली आ रहे हैं। एनडीए में दोबारा शामिल होने के बाद यह नीतीश कुमार का पहला दिल्ली दौरा है। वे शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलेंगे।

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    करियर की शुरुआत 2006 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के हिंदी सांध्य दैनिक ‘प्रभात किरण’ से की। इसके बाद न्यूज टुडे और हिंदी डेली पत्रिका (राजस्थान पत्रिका समूह) में सेवाएं दीं। 2014 में naidunia.com से डिजिटल की

Korba Secl Information: डीटी पीएंडपी के पद पर जयकुमार ने किया पदभार ग्रहण

एसईसीएल के सीएमडी डा प्रेम सागर मिश्रा, शीर्ष प्रबंधन, सीवीओ, एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य, कंपनी कल्याण मंडल के सदस्य, विभिन्न विभागाध्यक्ष, अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित रहे।

By Pradeep Barmaiya

Publish Date: Thu, 08 Feb 2024 12:30 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 08 Feb 2024 12:30 AM (IST)

Korba Secl News: डीटी पीएंडपी के पद पर जयकुमार ने किया पदभार ग्रहण

HighLights

  1. 31 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव है।
  2. चेन्नई से माइनिंग इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है।
  3. एसईसीएल मुख्यालय में जयकुमार ने अपना पदभार ग्रहण किया।

कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। साऊथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के नए निदेशक तकनीकी (योजना- परियोजना) एन फ्रेंकलिन जयकुमार होंगे। बुधवार को एसईसीएल मुख्यालय में जयकुमार ने अपना पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर एसईसीएल के सीएमडी डा प्रेम सागर मिश्रा, शीर्ष प्रबंधन, सीवीओ, एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य, कंपनी कल्याण मंडल के सदस्य, विभिन्न विभागाध्यक्ष, अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित रहे।

एसईसीएल आने से पहले जयकुमार एनएलसी इंडिया लिमिटेड में कार्यकारी निदेशक कोयला समन्वय और परियोजना प्रमुख, तालाबीरा टू और थ्री ओसीपी के रूप में कार्यरत थे। उनके पास कोयला उद्योग में भारत एवं विदेश में स्थित विभिन्न सरकारी एवं निजी कंपनियों में कोयला परियोजनाओं के विकास, संचालन एवं प्रबंधन के क्षेत्र काम करने का 31 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव है।

उन्होंने वर्ष 1992 में इंजीनियरिंग कालेज, गिंडी, अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई से माइनिंग इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद से पर्यावरण इंजीनियरिंग और प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा एवं अलगप्पा विश्वविद्यालय, तमिलनाडु से एमबीए (मानव संसाधन प्रबंधन) की डिग्री भी अर्जित की है। साथ ही उन्होंने खान सुरक्षा महानिदेशालय से फ़र्स्ट क्लास माइन मैनेजर्स सर्टिफिकेट आफ कोंपिटेंसी भी अर्जित किया है।

प्रशासनिक फेरबदल में तहसीलदारों की नई पदस्थापना

कोरबा(नईदुनिया प्रतिनिधि)। कलेक्टर अजीत वसंत ने प्रशासनिक व्यवस्था के दृष्टिकोण से जिले में पदस्थ तहसीलदारों व नायब तहसीलदार की मुख्यालय में परिवर्तन करते हुए उन्हें आगामी आदेश पर्यंत तक नवीन पदस्थापना कार्यालय में कार्य करने के लिए आदेशित किया है। जिसके अंतर्गत तहसीलदार कोरबा मनीष देव साहू को करतला तहसीलदार का प्रभार सौंपा गया है। इसी प्रकार तहसीलदार करतला सत्यपाल प्रताप राय को बरपाली तहसीलदार, तहसीलदार बरपाली राहुल पांडेय को कोरबा तहसीलदार व भू-अभिलेख शाखा कोरबा में संलग्न नायब तहसीलदार लक्ष्मण राठिया की तहसील कोरबा में पदस्थापना की गई है।

Amir Khan Film Lapata Ledies, DB Mall, First Premiere of Lapta Ledies Films | फैंस ने पूछा-इतनी अच्छी कहानियां कैसे चुनते हैं?: भोपाल में आमिर बोले- कहानियां मुझे चुनती हैं; ‘लापता लेडीज’ देख इमोशनल हुए कलाकार

भोपाल4 घंटे पहले

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डीबी मॉल में डांस करते आमिर खान, किरण राव और अन्य कलाकार। - Dainik Bhaskar

डीबी मॉल में डांस करते आमिर खान, किरण राव और अन्य कलाकार।

आमिर खान प्रोडक्शन की फिल्म ‘लापता लेडीज’ का फर्स्ट प्रीमियर बुधवार को भोपाल के डीबी मॉल स्थित सिने पोलिस में किया गया। इस दौरान आमिर खान और फिल्म की निर्देशक किरण राव के साथ अभिनेता रवि किशन, स्पर्श श्रीवास्तव, नितांशी गोयल और प्रतिभा समेत कई कलाकार मौजूद रहे।

इवेंट के दौरान आमिर खान और फिल्म के कलाकारों ने डांस भी

Nitin Gadkari: ‘अच्छा काम करने वाले को कभी सम्मान नहीं मिलता’, चर्चा का विषय बना नितिन गडकरी का बयान

Nitin Gadkari: नितिन गडकरी ने अवसरवादी राजनेताओं के सत्ताधारी दल से जुड़े रहने की इच्छा पर चिंता जताई।

By Arvind Dubey

Publish Date: Wed, 07 Feb 2024 10:16 AM (IST)

Up to date Date: Wed, 07 Feb 2024 10:24 AM (IST)

Nitin Gadkari: ‘अच्छा काम करने वाले को कभी सम्मान नहीं मिलता’, चर्चा का विषय बना नितिन गडकरी का बयान
गडकरी ने कहा, विचारधारा में गिरावट लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।

HighLights

  1. नागपुर में आयोजित कार्यक्रम में बोले नितिन गडकरी
  2. राजनीति में अवसरवादिता पर निशाना निशाना
  3. मोदी सरकार के टॉप मंत्रियों में शामिल हैं गडकरी

एजेंसी, नागपुर। मोदी सरकार में सड़क तथा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का एक बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, ‘मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, एक बात तय है कि जो अच्छा काम करता है, उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है, उसे कभी सजा नहीं मिलती।’

साथ ही नितिन गडकरी ने अवसरवादी राजनेताओं के सत्ताधारी दल से जुड़े रहने की इच्छा पर चिंता जताई और कहा कि इस तरह की विचारधारा में गिरावट लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं है।

देश में आज भी ऐसे नेता हैं, जो अपनी विचारधारा पर दृढ़ हैं, लेकिन उनकी संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है।

Nitin Gadkari के संबोधन की बड़ी बातें

  • विचारधारा में गिरावट लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं में मतभेद समस्या नहीं है। हमारी समस्या विचारों की कमी है।
  • न तो दक्षिणपंथी और न ही वामपंथी, हम जाने-माने अवसरवादी हैं। कुछ लोग यह फॉर्मूला अपनाते हैं। और सत्तारूढ़ दल से जुड़े रहना चाहते हैं।
  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में, भारत लोकतंत्र की जननी है।
  • गडकरी ने की लालू यादव की तारीफ

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    इस दौरान गडकरी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की वक्तृत्व कला की प्रशंसा की। साथ ही बोले- मैंने पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के ‘व्यवहार, सादगी और व्यक्तित्व’ से भी बहुत कुछ सीखा है। अटल बिहारी वाजपेयी के बाद मैं जिस व्यक्ति से सबसे ज्यादा प्रभावित था, वह जॉर्ज फर्नांडिस थे।

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      करियर की शुरुआत 2006 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के हिंदी सांध्य दैनिक ‘प्रभात किरण’ से की। इसके बाद न्यूज टुडे और हिंदी डेली पत्रिका (राजस्थान पत्रिका समूह) में सेवाएं दीं। 2014 में naidunia.com से डिजिटल की

    Korba Secl information: विजय वेस्ट भूमिगत खदान के ऊपरी हिस्से की जमीन में पड़ी दरार

    एसईसीएल प्रबंधन का मानना है कि दरार पुरानी है और भूमिगत कोयला खदानों के ऊपर के हिस्से में होने वाली सामान्य घटना है।

    By Pradeep Barmaiya

    Publish Date: Thu, 08 Feb 2024 12:37 AM (IST)

    Up to date Date: Thu, 08 Feb 2024 12:37 AM (IST)

    Korba Secl news: विजय वेस्ट भूमिगत खदान के ऊपरी हिस्से की जमीन में पड़ी दरार

    HighLights

    1. ग्रामीणों ने वन विभाग व एसईसीएल प्रबंधन से कराया अवगत
    2. ग्रामीणों का कहना है कि खदान क्षेत्र में यह कोई पहली बार दरार नहीं पड़ी है।
    3. दरार पड़ने व गड्ढा होने से जानमाल का खतरा बना रहता है।

    कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) की विजय वेस्ट भूमिगत खदान के ऊपरी हिस्से में गहरी दरार हो गई। स्थानीय ग्रामीणों ने जलके- तनेरा वन परिक्षेत्र के अधिकारियों को दी। साथ ही एसईसीएल प्रंबधन को भी इस घटना से अवगत कराया गया है।

    जिले के अंतिम छोर में एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र अंतर्गत विजय वेस्ट खदान संचालित है। इस खदान का मुहाना कोरबा जिला में है, जबकि पूरा क्षेत्र चिरमिरी क्षेत्र अंतर्गत है। बताया जा रहा है कि आसपास के ग्रामीण मवेशी चराने के लिए जंगल की ओर गए थे, तभी उन्हें जमीन में दरार पड़ी हुई दिखाई दी। काफी लंबे चौड़े क्षेत्र में दरार दिखने से ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को प्रदान की। इसके साथ ही विजय वेस्ट खदान प्रबंधन को सूचना दी गई। वन विभाग ने ग्रामीणों से प्रभावित क्षेत्र में नहीं जाने की सलाह दी है।

    ग्रामीणों का कहना है कि खदान क्षेत्र में यह कोई पहली बार दरार नहीं पड़ी है। इसके पहले भी दरार पड़ चुकी है। साथ ही कई स्थान पर मिट्टी भी धसक चुकी है। इससे कुआं जैसे गड्ढा हो गया। दरार पड़ने व गड्ढा होने से जानमाल का खतरा बना रहता है। मवेशी भी घूमते रहते हैं और उनके गिरने का भी खतरा रहता है। इसलिए समय- समय पर एसईसीएल प्रबंधन को अवगत कराया जाता है, पर प्रबंधन द्वारा केवल टालमटोल की नीति अख्तियार कर अपने कर्तव्य को इतिश्री कर लिया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि कोयला उत्पादन के लिए किए जाने वाले ब्लास्टिंग की वजह से जमीन के ऊपरी सतह पर असर पडता है और दरार पड़ती है। इसके पहले चोटिया क्षेत्र में दरार पड़ चुके हैं। उधर एसईसीएल प्रबंधन का मानना है कि दरार पुरानी है और भूमिगत कोयला खदानों के ऊपर के हिस्से में होने वाली सामान्य घटना है।

    Actual victims arrive at ‘Aakhir Palayan Kab Tak’ trailer launch, muslim board, actual incident | ‘आखिर पलायन कब तक’ ट्रेलर लॉन्च पर पहुंचे असली पीड़ित: मुस्लिम बोर्ड की दादागिरी का रियल किस्सा, फिल्म 16 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी

    18 घंटे पहले

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    ‘आखिर पलायन कब तक’ फिल्म का सेंसिटिव ट्रेलर रिलीज हो गया है। फिल्मी जगत के इतिहास में पहली बार किसी फिल्म-निर्माता ने सभी पीड़ितों को स्टेज पर इनवाइट किया। पीड़ितों की जुबानी उनकी दर्दनाक कहानी मीडिया और फैंस के सामने रखी गई। ये फिल्म इसी पर आधारित होगी।

    'आखिर पलायन कब तक' फिल्म 16 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

    ‘आखिर पलायन कब तक’ फिल्म 16 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

    फिल्म का ट्रेलर लॉन्च अनोखे तरीके से रखा गया
    फिल्म ‘आखिर पलायन कब तक’ के राइटर और डायरेक्टर मुकुल विक्रम हैं। वहीं सोहनी कुमारी और अलका चौधरी इस फिल्म की प्रोड्यूसर्स हैं। मंगलवार को मुंबई के एक शानदार इवेंट में फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हुआ। ट्रेलर लॉन्च के दौरान फिल्म की टीम ने ‘वक्फ बोर्ड’ की दादागिरी से पीड़ित लोगों को स्टेज पर इनवाइट किया।

    पीड़ितों ने अपनी कहानी सबके सामने रखी। हालांकि ज्यादातर पीड़ित सामने आने से डर रहे थे। लेकिन उनमें से कुछ पीड़ितों ने कैमरे का सामना करते हुए अपनी दर्दनाक कहानी सब को सुनाई। जो लोग डरे हुए थे, वो सब मीडिया की तरफ अपनी पीठ करके स्टेज पर खड़े नजर आए। वहीं दो हिम्मती लोगों ने कैमरे को फेस किया।

    स्टेज पर पीड़ितों के साथ फिल्म की टीम।

    स्टेज पर पीड़ितों के साथ फिल्म की टीम।

    सोहनी कुमारी ने निडरता से खुद के विचार साझा किए
    पीड़ितों के जज्बे को सलाम करते हुए फिल्म प्रोड्यूसर और एक्ट्रेस सोहनी कुमारी ने बताया- आज मुझे धमकियां आ रही हैं। लेकिन मुझे पता है कि मैं कुछ अच्छा कर रही हूं। मुझे किसी का डर नहीं है। अगर मर भी गई तो क्या हुआ, देश के लिए शहीद होना गर्व की बात है। हमारे फौजी भाई बॉर्डर पर अपनी जान दे देते हैं, ताकि समाज सुरक्षित रह सके। ऐसे में ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम भी ऐसी फिल्में बनाए जो समाज में हो रही बुराइयों को खत्म करे। लोग इसके बारे में जागरूक हों।

    मैं भी अपने फौजी भाइयों और पूर्वजों जैसा जज्बा रखती हूं। मैं भले ही बॉर्डर पर नहीं हूं, लेकिन समाज को सुधारने की कोशिश तो कर ही सकती हूं। ऐसे में मेरी जान जाती है तो जाए। मैं डरने वाली नहीं हूं। मैं ऐसी ही फिल्में बनाऊंगी।

    फिल्म असल घटनाओं से प्रेरित है
    फिल्म की कहानी मुसलमानों द्वारा जानबूझकर हिंदुओं को निशाना बनाने पर आधारित है। यह एक ज्वलनशील मुद्दा है कि कैसे एक मुस्लिम बोर्ड हिंदुओं की जमीन पर कब्जा करके उन्हें निशाना बनाता है। फिल्म में राजेश शर्मा, भूषण पटियाल, गौरव शर्मा, चितरंजन गिरी, धीरेंद्र द्विवेदी और सोहनी कुमारी हैं। ‘आखिर पलायन कब तक’ उन सभी सिनेमा प्रेमियों और फिल्म प्रेमियों के लिए ट्रीट होगी, जो यथार्थवादी सिनेमा देखना पसंद करते हैं। यह फिल्म जीवन और समाज की वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है।

    फिल्म डायरेक्टर मुकुल विक्रम बोले- हम लोग पॉलिटिकल एजेंडा या धर्म विशेष को टारगेट नहीं कर रहे हैं। यह बहुत से परिवारों की सच्ची कहानी है। इस कहानी को लोगों तक पहुंचाना बहुत जरूरी है।

    फिल्म की कहानी क्या है
    ‘आखिर पलायन कब तक’ की कहानी हत्याओं, थाने में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर, एक लापता परिवार और उसके चार सदस्यों और कई अन्य रोमांचक स्थितियों के इर्द-गिर्द घूमती है। असल में कहानी कश्मीरी पंडितों को मुस्लिम ‘मोहल्ले’ में रहने के घातक और भयानक अनुभवों को उजागर करती है। किस तरह से अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय एक दूसरे के प्रति नफरत और द्वेष रखते हैं। किस तरह से एक दूसरे को दबाने, डराने और बेइज्जत करने के लिए अलग-अलग हथकंडे इस्तेमाल करते हैं।

    डायरेक्टर ने आगे कहा- इस फिल्म में ऐसा कुछ है, जो हम सबकी कहानी है। एक बुरे सामाजिक सच की कहानी है। एक ऐसा सच जिसे सभी ने देखा और महसूस भी किया है। लेकिन उसके खिलाफ कभी आवाज नहीं उठाई। उम्मीद करता हूं कि ‘आखिर पलायन कब तक’ दर्शकों को जरूर पसंद आएगी। फिल्म 16 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

    काम की खबर: क्या आपने भी खोला है बेटी का सुकन्या समृद्धि खाता, 31 मार्च से पहले जरूर करें ये काम

    Sukanya Samriddhi Account में मिनिमम बैलेंस 250 रुपए है। हितग्राही को 1 वित्त वर्ष में कम से कम 250 रुपए जमा करना होता है।

    By Sandeep Chourey

    Publish Date: Wed, 07 Feb 2024 10:51 AM (IST)

    Up to date Date: Wed, 07 Feb 2024 10:57 AM (IST)

    काम की खबर: क्या आपने भी खोला है बेटी का सुकन्या समृद्धि खाता, 31 मार्च से पहले जरूर करें ये काम
    खाताधारकों को 31 मार्च 2024 तक मिनिमम बैलेंस को मैंटेन करना होता है।

    HighLights

    1. Sukanya Samriddhi Account को एक्टिव रखने के लिए हितग्राही को खाते में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी है।
    2. यदि कोई हितग्राही इस खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखता है तो खाता बंद भी हो सकता है।
    3. दोबारा अकाउंट को एक्टिव करने के लिए पेनल्टी देना होगा।

    डिजिटल डेस्क, इंदौर। केंद्र सरकार महिलाओं और बच्चों के हित के लिए कई योजनाएं चला रही है। विशेषकर बेटियों के कल्याण के लिए मोदी सरकार लंबे समय से सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) चला रही है। इस योजना के तहत बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए निवेश किया जाता है। यदि आपने भी अपनी बेटी के उज्जवल भविष्य के लिए सुकन्या समृद्धि अकाउंट (Sukanya Samriddhi Account) खुलवाया है तो आपके इसके प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है क्योंकि केंद्र सरकार इस योजना से संबंधित कुछ अपडेट लेकर आती है। ऐसे में यदि आप ताजा नियमों का पालन नहीं करेंगे तो Sukanya Samriddhi Account बंद भी हो सकता है।

    मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी

    Sukanya Samriddhi Account को एक्टिव रखने के लिए हितग्राही को खाते में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी है। यदि कोई हितग्राही इस खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखता है तो खाता बंद भी हो सकता है। दोबारा अकाउंट को एक्टिव करने के लिए पेनल्टी देना होगा। खाताधारकों को 31 मार्च 2024 तक मिनिमम बैलेंस को मैंटेन करना होता है।

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    कितनी जमा करनी होगी राशि

    आपको बता दें कि Sukanya Samriddhi Account में मिनिमम बैलेंस 250 रुपए है। हितग्राही को 1 वित्त वर्ष में कम से कम 250 रुपए जमा करना होता है। यदि पूरे साल में 250 रुपए नहीं जमा करते हैं तो उनका अकाउंट बंद हो सकता है। इस स्थिति में फिर खाते को एक्टिव करने के लिए 50 रुपए सालाना के हिसाब से जुर्माना देना पड़ सकता है।

    जानें क्या है सुकन्या समृद्धि योजना

    इस योजना के तहत केंद्र सरकार बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए जमा निधि पर 8.2 फीसदी ब्याज देती है। एक वित्त वर्ष में कम से कम 250 रुपए और अधिकतम 1.50 लाख रुपए का निवेश करना होता है। इस योजना के तहत जब बेटी की उम्र 18 साल हो जाती है तो 50 फीसदी राशि विड्रॉ कर सकते हैं। इस योजना की खास बात ये है कि आयकर अधिनियम के 80C के तहत 1.50 लाख रुपये का सालाना निवेश का टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना में मिलने वाले रिटर्न पर कोई टैक्स नहीं लगता है।

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      कई मीडिया संस्थानों में कार्य करने का करीब दो दशक का अनुभव। करियर की शुरुआत आकाशवाणी केंद्र खंडवा से हुई। महाराष्ट्र में फील्ड रिपोर्टिंग, भोपाल दूरदर्शन, ETV न्यूज़ सहित कुछ रीजनल न्यूज चैनल में काम करके इलेक्