अपोलो हास्पिटल के कैंसर सर्जन डा़ अमित कुमार ने कैंसर के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करने की बात कहते हुए कहा कि बायोप्सी कैंसर की पहचान में सबसे पहले व आवश्यक जांच प्रक्रिया है।
By Atul Vasing
Publish Date: Tue, 06 Feb 2024 09:00 AM (IST)
Up to date Date: Tue, 06 Feb 2024 09:00 AM (IST)
HighLights
- अपोलो हास्पिटल की ओर से निकाली गई कैंसर जागरूकता रैली
- कैंसर के प्रति इसी नकारात्मक सोच न रखे, कैंसर रोगियों के प्रति भेदभाव न करे
- जागरूकता रैली सोच को दूर करने में यह अभियान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी के अवसर पर अपोलो हास्पिटल की ओर जागरूकता रैली निकाली गई। कैंसर एक ऐसा शब्द जिसके नाम से ही व्यक्ति व परिवार भयभीत हो जाता है। मरीज स्वयं को समाज व परिवार से अलग-अलग करना शुरू कर देता है। परिवार व रिश्तेदार भी उसके प्रति एक अलग भाव रखने लगते हैं। कैंसर के मरीज समाज परिवार वह अपने कार्यक्षेत्र में भी अनेक भेदभाव का शिकार होते हैं। इसी सामाजिक भेदभाव के आशंका से मरीज अपने लक्षणों को छुपाता है और बीमारी की जांच को टालता है। यही देरी बीमारी को और भी गंभीर बनाने में विशेष जिम्मेदार होती है। इसी भेदभाव को दूर करने व समाज में फैली विभिन्न भ्रांतियां को दूर करने के उद्देश्य से अपोलो कैंसर सेंटर द्वारा एक अभियान अन मास्क कैंसर को भी लांच किया गया।
अपोलो कैंसर सेंटर बिलासपुर के मार्केटिंग विभाग की ओर से आयोजित यह जागरूकता रैली अपोलो सिटी सेंटर से लेकर रिवर व्यू तक निकाली गई। इस रैली को बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने अपोलो हास्पिटल के इस प्रयास को सराहनीय बताते हुए कहा कि अपोलो केवल विश्व स्तरीय चिकित्सा सेवा ही नहीं वरन लोगों को स्वास्थ्य प्रति जागरूक करने में भी अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। रैली में कोई फर्क नहीं पड़ता होने से, कैंसर नहीं फैलता छूने से, प्रमुख नारा रहा।
रिवर व्यू पर इस रैली को कलेक्टर अवनीश शरण ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि समाज में कैंसर शब्द किसी भी गलत या नकारात्मक या किसी बड़ी समस्या का पर्याय बन चुका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि समाज में किसी भी अवांछित व्यक्ति के लिए कहा जाता है कि यह समाज के लिए कैंसर हो गया है। वर्तमान तकनीक एवं शोध के कारण कैंसर अब लाइलाज नहीं रहा है परंतु समाज में पहली भ्रांतियां एवं भेदभाव की सोच मरीज को सामने आने से रोकते हैं और इसी तरह उत्पन्न हुई देरी बीमारी को गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिवर्तित कर देती है।
कैंसर के प्रति इसी नकारात्मक सोच को व कैंसर रोगियों के प्रति भेदभाव की सोच को दूर करने में यह अभियान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने आगे कहा कि कैंसर का मरीज जो की शारीरिक रूप से भी टूट रहा होता है उसे कम से कम मानसिक व भावनात्मक रूप से न टूटने दें। स्टेट आईएमए प्रेसिडेंट डा़ विनोद तिवारी ने कैंसर को हिट एंड रन की भांति बताते हुए कहा कि इसी तरह कैंसर भी साइलेंट किलर है। इसलिए यह आवश्यक है कि इसकी समय पर जांच हो। अपोलो हास्पिटल के कैंसर सर्जन डा़ अमित कुमार ने कैंसर के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करने की बात कहते हुए कहा कि बायोप्सी कैंसर की पहचान में सबसे पहले व आवश्यक जांच प्रक्रिया है, उन्होंने कहा कि बायोप्सी से कैंसर नहीं फैलता है। इसलिए घबराएं नहीं, सामने आकर जांच कराकर उपचार में सहयोग करें और जल्द से जल्द स्वस्थ हों।