Bhopal Information : जानकारों के अनुसार विश्व की सबसे हिंसक प्रजातियों के शामिल, पिटबुल, राटविलर, अमेरिकन बुलडाग, टासा इनु और फीफर डाग जैसी नस्लों के श्वान पालना कानूनी रूप से प्रतिबंधित है।
By Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Tue, 06 Feb 2024 07:14 AM (IST)
Up to date Date: Tue, 06 Feb 2024 07:14 AM (IST)
HighLights
- प्रतिबंधित प्रजाति के खूंखार श्वानों को पालने के लिए लाइसेंस की जरुरत
- बिना पंजीयन हो रही खरीद-बिक्री, रहवासियों के लिए बने खतरा
- पिटबुल, राटविलर, अमेरिकन बुलडाग, टासा इनु और फीफर डाग जैसी नस्लों के श्वान पालना कानूनी रुप से प्रतिबंधित है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। जिन श्वानों को दुनिया भर में उनकी हिंसक प्रवृत्ति के चलते खतरा माना जाता है जिनके पाले जाने पर देश में प्रतिबंध है। ऐसे खूंखार श्वानों को न केवल घरों में पाला जा रहा है बल्कि इनकी खरीद-फरोख्त और चोरी-छुपे ब्रीडिंग का कारोबार भी किया जा रहा है। यह श्वान अपने मालिकों से लेकर आसपास पड़ोस के नागरिकों के लिए खतरा साबित हो हैं। नवदुनिया ने जब आतंक का पर्याय बने प्रतिबंधित खतरनाक प्रजाति के श्वानों के पालन और खरीद-बिक्री की पड़ताल की तो सामने आया कि संकरी गलियों में स्थित छोटे बंद अंधेरे कमरों में इनकी ब्रीडिंग कराई जा रही है। बिना पंजीयन इनकी खरीदी और बिक्री का काम भी जारी है।
ऐसी नस्लों के श्वान पालना कानूनी रूप से प्रतिबंधित
विश्व की सबसे हिंसक प्रजातियों के शामिल, पिटबुल, राटविलर, अमेरिकन बुलडाग, टासा इनु और फीफर डाग जैसी नस्लों के श्वान पालना कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। ऐसे श्वानों को पालने के लिए लाइसेंस की जरुरत होती है। इन नस्लों को रहवासियों के लिए खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इनसे हाेने वाले हमलों की संभावना अधिक होती है। इसके बावजूद चोरी-छिपे इन श्वानों की घरों में ब्रीडिंग कराई जा रही है। बाजार में मंहगे दामों पर इन्हें बेचा जा रहा है।
20 हजार रुपये में तय हुआ सौदा
जहांगीराबाद में लगने वाले बाजार में पक्षियों के साथ खूंखार श्वान बेचे जाने की सूचना पर नवदुनिया पशु प्रेमी के साथ ग्राहक बनकर पहुंचा। यहां आसपास से खरीदार भी श्वानों को खरीदने आते है। जब नवदुनिया प्रतिनिधि ने यहां श्वान विक्रेता से बात की, तो उसने बताया कि घर पर कई श्वान हैं। वहां चलकर देख लीजिए। बुलडाग का दाम पूछने पर उसने बताया कि 15 हजार रुपये से शुरुआत है अच्छा श्वान चाहिए तो 20 हजार रुपये देने होंगे।
घर में पाल रखे थे एक दर्जन श्वान
बाजार में मिले व्यक्ति ने बताया कि उसका घर शाहजहांनाबाद स्थित संजय नगर में है। जब हम उसके घर पहुंचे, तो वहां एक दर्जन से अधिक विदेशी नस्ल के श्वान पाले गए थे। इससे श्वान पालने के पंजीयन के बारे में पूछा तो बताया कि हमारे पास ऐसे कोई दस्तावेज नहीं है। खरीदार भी श्वान खरीदने के लिए पंजीयन नहीं देखता है।
निगम से किसी ने नहीं कराया पंजीयन
अधिकारियों ने बताया कि अब तक विदेशी नस्ल के श्वानों को पालने के लिए नगर निगम से किसी ने पंजीयन नहीं कराया है। जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि शहर में ऐसे 50 हजार से अधिक श्वान हैं। जिनको पालना प्रतिबंधित है।
पालतू श्वान बन रहे खतरा
केस-1
बीते 28 जनवरी 2024 को अरेरा कालोनी में एक व्यवसायी महिला घर के सामने टहल रही थी। इस दौरान उन्हें विदेशी नस्ल के पालतू श्वान ने काट लिया। जिससे उनके पैर में गंभीर जख्म हो गए। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में ईलाज कराया और इसकी शिकायत हबीबगंज थाने में भी की।
केस-2
बीते दो माह पहले अशोका गार्डन क्षेत्र में रविंदर सिंह अहलूवालिया ने राटविलर श्वान पाल रखा था। घर में कुछ कार्यक्रम था, इसलिए उसे छत पर बांध दिया। तीन घंटे बाद जब उसे लेने गए तो धूप से परेशान श्वान ने उन पर हमला कर दिया। हाथ और पैर में छह स्थानों पर काटा, हालांकि बाद में उन्होंने इसे किसी और को दे दिया।
इनका कहना
श्वानों को लेकर अभी कोई पालिसी नहीं होने से हम पालकों के प्रति कोई ठोस कार्रवाई नहीं करते। इसका फायदा श्वान पालक उठाते हैं। हालांकि अवैध ब्रीडिंग की जानकारी मिलने पर कार्रवाई होती है।
– डा. एसके श्रीवास्तव, पशु चिकित्सक, नगर निगम