Varanasi Gyanvapi Case: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वजूखाना क्षेत्र को 2022 में सील कर दिया गया था। हिंदू पक्ष के अनुसार, वजूखाना में फव्वारे जैसी संरचना वास्तव में ‘शिवलिंग’ है।
By Arvind Dubey
Publish Date: Mon, 05 Feb 2024 09:58 AM (IST)
Up to date Date: Mon, 05 Feb 2024 09:58 AM (IST)
HighLights
- वजूखाना क्षेत्र में ASI सर्वे की मांग
- यहीं है शिवलिंग, जिसे मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा
- पढ़िए गोविंद देव गिरि महाराज का बड़ा बयान
एजेंसी, वाराणसी। ज्ञानवापी प्रकरण में सोमवार का दिन अहम है। सुप्रीम कोर्ट विवादित परिसर के ‘वजूखाना’ और आसपास के सील किए गए इलाकों के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वजूखाना क्षेत्र को 2022 में सील कर दिया गया था। हिंदू पक्ष के अनुसार, वजूखाना में फव्वारे जैसी संरचना वास्तव में ‘शिवलिंग‘ है।
याचिका में कहा गया है, ‘सील क्षेत्र के भीतर स्थित शिवलिंग को कोई नुकसान पहुंचाए बिना उसकी जांच और सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक को निर्देश दिए जाें। एएसआई को खुदाई और अन्य वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके पूरे सील क्षेत्र का सर्वेक्षण करना चाहिए और अपनी रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रस्तुत करनी चाहिए।
राम मंदिर मिल गया, काशी-मथुरा भाईचारे से दे दें, तो सब कुछ भूल जाएंगे: गोविंद देव गिरि महाराज
इस बीच, गोविंद देव गिरि महाराज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा,
मुस्लिमों से हाथ जोड़कर अपील करता हूं, अयोध्या, ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। ये सभी आक्रांताओं द्वारा तोड़े गए थे। हमारे ऊपर ये सबसे बड़े दाग हैं। इसके कारण लोगों को दुख है, अगर वे इस दुख को भाईचारे के साथ खत्म कर देते हैं तो भाईचारा बढ़ाने में मदद मिलेगी।
#WATCH | Pune, Maharashtra: Treasurer of Sri Ram Janambhoomi Belief Govind Dev Giri Maharaj says “We don’t even want to have a look at the opposite temples if three temples are freed as a result of we’ve to reside sooner or later and never previously. The nation’s future needs to be good and if we… pic.twitter.com/D4d4fQgViz
— ANI (@ANI) February 5, 2024
व्यास तलगृह में पूजा पर अहम सुनवाई 6 फरवरी को
इस बीच, 6 फरवरी को भी इसी मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। वाराणसी की जिला अदालत ने व्यास तलगृह में पूजा की अनुमति दी थी। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
हाई कोर्ट ने तत्काल राहत देने से इनकार करते हुए मुस्लिम पक्ष को नई याचिका दायर करने के लिए कहा था, जिस पर सुनवाई 6 फरवरी को होगी।
- ABOUT THE AUTHOR
करियर की शुरुआत 2006 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के हिंदी सांध्य दैनिक ‘प्रभात किरण’ से की। इसके बाद न्यूज टुडे और हिंदी डेली पत्रिका (राजस्थान पत्रिका समूह) में सेवाएं दीं। 2014 में naidunia.com से डिजिटल की …