Morena Mayor: जाति प्रमाण पत्र और मार्कशीट पर घिरीं महापौर, मुसीबत से निकलने के लिए खटखटा रहीं भाजपा का द्वार!

Morena Mayor: जाति प्रमाण पत्र और मार्कशीट पर घिरीं महापौर, मुसीबत से निकलने के लिए खटखटा रहीं भाजपा का द्वार!

Morena Mayor: उत्तर प्रदेश में जन्मीं शारदा सोलंकी मुरैना में जाति प्रमाण पत्र बनवाकर लड़ गईं चुनाव, 10वीं की जो मार्कशीट इनके पास है, वह इलाहबाद बोर्ड के रिकार्ड में नरोत्तम सिंह के नाम दर्ज।

By Hariom Gaur

Publish Date: Solar, 04 Feb 2024 04:00 AM (IST)

Up to date Date: Solar, 04 Feb 2024 04:00 AM (IST)

केंद्रीय मंत्री सिंधिया से मुलाकात की तस्वीर के बाद अटकलें जोरों पर।

HighLights

  1. कोर्ट में लगी याचिका में उनके दो-दो जाति प्रमाण पत्र बताए गए हैं।
  2. बड़े-बड़े वकील हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं दिला पाए हैं।
  3. उन्हें चुनाव शून्य घोषित होने का डर सता रहा है।

Morena Mayor: हरिओम गौड़, मुरैना। मुरैना नगर पालिक निगम की महापौर शारदा सोलंकी के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने की चर्चाएं इन दिनों हर खासोआम की जुबान पर है। लेकिन इसके पीछे के कारण शायद ही कोई जानता हो। महापौर द्वारा भाजपा नेताओं के दरवाजे खटखटाने के पीछे के कारणों तक नईदुनिया टीम पहुंची। उनकी 10वीं की मार्कशीट से लेकर जाति प्रमाण पत्र तक संदेह के घेरे में हैं।

चूंकि महापौर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से चुनाव जीती हैं और कोर्ट में लगी याचिका में उनके दो-दो जाति प्रमाण पत्र बताए गए हैं। मुरैना महापौर की मुसीबत इतने तक नहीं है, उन्हें बड़े-बड़े वकील हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं दिला पाए हैं। फिलहाल जो स्थिति हैं, उनमें उन्हें चुनाव शून्य घोषित होने का डर सता रहा है। उनकी परेशानियों के पीछे उनकी प्रतिद्वंद्वी रहीं भाजपा की महापौर प्रत्याशी मीना मुकेश जाटव हैं और अब राहत पाने के लिए वह भाजपा में प्रवेश के लिए कमल दल के आला नेताओं के दरवाजे खटखटाती नजर आ रहीं हैं।

पिता के नाम यूपी के पिनाहट और पति के नाम से मुरैना में बनवाया जाति प्रमाण पत्र

जाति प्रमाण का नियम यह है, कि वह जन्म स्थान पर ही बनता है। महिलाओं का जाति प्रमाण पत्र उनके पिता के नाम से होता है। आरक्षण के लिए नियम यह है, कि जिस राज्य का जाति प्रमाण पत्र है, उससे सरकारी योजना, नौकरी या चुनाव लड़ने के लिए आरक्षण का लाभ उसी राज्य में मिलेगा।

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महापौर शारदा सोलंकी का मायका उप्र के आगरा जिले की बाह तहसील के पिनाहट-रघुनाथपुरा में है, जहां 1 जनवरी 1968 में इनका जन्म हुआ और पिता वासुदेव के नाम से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बना। महापौर राजनीति परिवार से आती हैं, उनके जेठ बाबूलाल सोलंकी सांसद रहे हैं, उन्हें अच्छी तरह मालूम था, कि उप्र के जाति प्रमाण पत्र से मप्र में आरक्षित सीट पर चुनाव नहीं लड़ सकतीं, इसलिए 2004 में शारदा सोलंकी ने पति राजेंद्र सोलंकी के नाम से जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया। इसमें गड़बड़ी यह हुई, कि अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के लिए शारदा सोलंकी ने मुरैना की हाउसिंग बोर्ड कालोनी के मकान नंबर एचआइजी 849 में 1950 से पहले से निवास करना बता दिया, जबकि हाउसिंग बोर्ड कालोनी में शारदा सोलंकी के पति को यह मकान 1995 में मिला है।

मुरैना में बने जाति प्रमाण पत्र से ही वह महापौर का चुनाव लड़ीं थीं। चुनाव में निकटतम प्रतिद्वंदी रहीं भाजपा प्रत्याशी मीना मुकेश जाटव ने जाति प्रमाण पत्र को जिला कोर्ट में चुनौती दे दी, इसके बाद मामले को लेकर शारदा सोलंकी हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक गईं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी है।

महापौर की 10वीं की अंकसूची भी गड़बड़

महापौर जाति प्रमाण पत्र के मामले से सुलझ पातीं, उसी बीच में उनकी हाईस्कूल की अंकसूची भी संदेह के घेरे में आ गई। महापौर शारदा सोलंकी ने पिनाहट के सर्वोदय विद्या मंदिर स्कूल से 1986 में हाईस्कूल पास होना बताया, उनका रोल नंबर 1009025 है। इस अंकसूची के फर्जी होने की शिकायत कोतवाली थाने में की गई। कोतवाली पुलिस ने पिनाहट के इस स्कूल से पूरा रिकार्ड मांगा तो स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को जो पत्र दिया है, उसमें 1986 में शारदा पुत्री वासुदेव का दाखिला ही नहीं बताया है।

मार्कशीट पर जो रोल नंबर 1009025 है, वह नरोत्तम पुत्र भानजीत नाम के छात्र का है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत उप्र के इलाहबाद माध्यमिक बोर्ड से मांगी गई जानकारी में बताया है, कि 1009086 रोल नंबर नरोत्तम पुत्र भानजीत का है, जो उस समय परीक्षा से गैर हाजिर रहा और सभी विषयों में फेल हो गया। इसी रोल नंबर पर बनी महापौर की स्वाध्यायी अंकसूची में उन्हें उत्तीर्ण कर दिया है। इन तथ्यों के हिसाब से महापौर की अंकसूची भी फर्जी है।

शारदा सोलंकी उप्र में जन्मी हैं और जाति प्रमाण पत्र का लाभ दूसरे राज्य में नहीं मिलता। हमने कोर्ट में इसे लेकर याचिका लगाई थी, जिस पर सुनवाई जारी है। इनकी अंकसूची भी पुलिस जांच में पूरी तरह संदिग्ध पाई गई है। मुरैना में बने जाति प्रमाण पत्र की जांच भी राज्य की हाईपावर कमेटी कर रही है। – मीना मुकेश जाटव, भाजपा नेत्री मुरैना

मेरे पिता, दादा, नाना-नानी सब अनुसूचित जाति के हैं। मेरे पिता मप्र के उसैद में रहते थे, बाद में पिनाहट-रघुनाथपुरा बस गए थे। मेरा सब कुछ मप्र व मुरैना जिले का ही है। इसी जाति प्रमाण पत्र से मैं 2012 में मंडी सदस्य का चुनाव लड़ी थी, जब तो कोई शिकायत नहीं हुई। मेरे खिलाफ षड्यंत्र और साजिश चल रही है, न तो मेरी अंकसूची गलत है, नहीं जाति प्रमाण पत्र। मामला कोर्ट में हैं और मैं कोर्ट में पूरी ताकत से अपनी लड़ाई लडूंगी और जीतूंगी भी। – शारदा सोलंकी, महापौर, मुरैना

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    नईदुनिया डॉट कॉम इंदौर में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ डेस्क पर वरिष्ठ उप-संपादक। पत्रकारिता और जनसंचार में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से बैचलर और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से मास्टर्स डिग्री। इंदौर में 2014

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