Gwalior JU Information: जीवाजी विश्वविद्यालय की संबद्धता प्रक्रिया को दतिया विधायक राजेन्द्र भारती ने आड़े हाथ ले लिया है। विधायक भारती ने जेयू से संबद्धता प्राप्त प्राइवेट महाविद्यालयों की जानकारी विधानसभा सत्र में मांगी है।
By anil tomar
Publish Date: Solar, 04 Feb 2024 09:44 AM (IST)
Up to date Date: Solar, 04 Feb 2024 09:44 AM (IST)
HighLights
- प्राइवेट कालेजों से जुडी जानकारी मांगी, नहीं दी तो निरस्त को सकती है संबद्धता
- जीवाजी विश्वविद्यालय की संबद्धता प्रक्रिया को दतिया विधायक राजेन्द्र भारती ने आड़े हाथ ले लिया है
Gwalior JU Information: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जीवाजी विश्वविद्यालय की संबद्धता प्रक्रिया को दतिया विधायक राजेन्द्र भारती ने आड़े हाथ ले लिया है। विधायक भारती ने जेयू से संबद्धता प्राप्त प्राइवेट महाविद्यालयों की जानकारी विधानसभा सत्र में मांगी है। इसको लेकर उन्होंने शिक्षा मंत्री से भी सवाल जवाब किए है, इतना ही नहीं झुंडपुरा के विवादित कालेज के बारे में भी खूब चर्चा हुई है। जेयू के अधिकारियों ने काफी मशक्कत और उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी डा. धीरेन्द्र शुक्ल की नाराजगी के बाद शनिवार को आदेश जारी कर दिया है जिसमें संबंधित कालेजों से जल्द से जल्द सभी जानकारी जेयू में जमा करवाने की बात कही है। कालेज संचालकों को चेतावनी देते हुए यह भी कहा गया है कि जानकारी उपलब्ध न करवाने की स्थिति में उनकी संबद्धता समाप्त की जा सकती है।
दरअसल, विधायक भारती ने महाविद्यालय के स्टाफ का उपस्थिति पत्रक, वेतन पत्रक, बैंक खातों में डाली गई राशि, कैशबुक की प्रति, स्टाफ को वेतन भुगतान की वर्षवार जानकारी और छात्रवृत्ति भुगतान की वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा था, उनके पत्र के जवाब में जेयू ने कहा कि ‘जानकारी जीवाजी विश्वविद्यालय से संबंधित नहीं है’। इस पर उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी डा.धीरेन्द्र शुक्ल ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक और जीवाजी विश्वविद्यालय कुलसचिव को पत्र लिख दिया।
अलर्ट पर आया जेयू प्रशासन
उच्च शिक्षा विभाग के नाराजगी भरे पत्र के बाद जेयू प्रशासन अलर्ट मोड़ में आ गया है। जेयू ने शनिवार को दतिया के 26 प्राइवेट कालेजों को पत्र लिख कर हिदायत दी है कि यदि महाविद्यालयों द्वारा उक्त जानकारी निर्धारित प्रपत्रों में अंकित कर प्रेषित नहीं की जाती है तो विधानसभा में समय पर जानकारी प्रस्तुत नहीं हो सकेगी। इसके बाद संबंधित के विरुद्ध शासन या विश्वविद्याल द्वारा सम्बद्धता समाप्त करने की कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। अगर ऐसा होता है तो संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्य व संचालक स्वयं जिम्मेदार होंगे।
प्राइवेट कालेजों को बताना होगा
- अशासकीय महाविद्यालय का नाम।
- समिति का नाम और पता।
- किस भवन में महाविद्यालय संचालित है।
- पदस्थ प्राचार्य का नाम, पता।
- अशासकीय महाविद्यालय का पूर्ण पता।
- महाविद्यालय में उपलब्ध फर्नीचर व उपकरण की संख्या।
- स्टाफ के वेतन भुगतान की जानकारी।
- काज कोड व 28 के अंतर्गत पदस्थ शिक्षकों की संख्या व नाम।
- काज कोड 28 के अतिरिक्त पदस्थ शिक्षकों की संख्या व नाम।