राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की शोध पत्रिका ‘लोक संभाषण’ का लोकार्पण, डॉ इंद्रेश कुमार ने कही ये बातें

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की शोध पत्रिका ‘लोक संभाषण’ का लोकार्पण, डॉ इंद्रेश कुमार ने कही ये बातें

डॉ इंद्रेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीयता और सुरक्षा पर स्तरीय शोध पत्रिका की बहुत कमी थी। आरएसजेएम ने काफ़ी विचार-विमर्श के बाद इस पत्रिका की शुरुआत की है।

By Navodit Saktawat

Publish Date: Wed, 31 Jan 2024 06:26 PM (IST)

Up to date Date: Wed, 31 Jan 2024 06:27 PM (IST)

डॉ इंद्रेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीयता और सुरक्षा पर स्तरीय शोध पत्रिका की बहुत कमी थी। आरएसजेएम ने काफ़ी विचार-विमर्श के बाद इस पत्रिका की शुरुआत की है।

नई दिल्ली। संप्रेषण के अनेक माध्यम हैं। प्यार और संकेत की भाषा पूरी दुनिया में एक है। हम भारतीयों के डीएनए में प्यार और सहिष्णुता है जिसे दुनिया स्वीकार करती है। ये विचार आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच ( आरएसजेएम) एवं लोक संभाषण के मार्गदर्शक डॉ इंद्रेश कुमार ने दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित आरएसजेएम की द्विभाषी त्रैमासिक शोध पत्रिका ‘लोक संभाषण’ के लोकार्पण कार्यक्रम में व्यक्त किए। डॉ इंद्रेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीयता और सुरक्षा पर स्तरीय शोध पत्रिका की बहुत कमी थी। आरएसजेएम ने काफ़ी विचार-विमर्श के बाद इस पत्रिका की शुरुआत की है।

इसका उद्देश्य भारत की सुरक्षा और वैश्विक शांति के लिए शोध पर आधारित लेख प्रकाशित कर भारत और दुनिया को जागृत करना है। इस पत्रिका की टीम में देश और दुनिया की नामचीन हस्तियां जुड़ी हैं। अपनी सुयोग्य टीम के बूते संगठन को विश्वास है कि बहुत जल्द ये पत्रिका अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त कर लेगी।

कार्यक्रम के थीम ‘विकसित भारत – वैश्विक शांति’ विषय पर बोलते हुए अपने बीज वक्तव्य में प्रख्यात शिक्षाविद् और एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रो. जेएस राजपूत ने कहा कि भारत को विकसित करने की शुरुआत प्राइमरी स्कूल स्तर से होनी चाहिए।

इस अवसर पर शोध पत्रिका के संपादक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) गोलोक बिहारी ने कहा कि विकसित भारत का अर्थ है दिव्य भारत। हमारे विकसित भारत की कल्पना में ही वैश्विक शांति नीहित है।

स्वागत भाषण देते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन प्रो बीडब्ल्यू पांडेय ने कहा कि उनका विश्वास है कि ये शोध पत्रिका राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि डॉ इंद्रेश कुमार जी के सानिध्य में ये संस्था पूरी ऊर्जा के साथ देशहित में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही है।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के राष्ट्रीय आयोग के सदस्य (NCMEI) प्रो. शाहिद अख्तर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारतीयों में देशभावना पैदा करने का मज़बूत प्रयास किया है। प्रो शाहिद अख्तर ने कहा कि मोदी जी के विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए देशवासियों को एकजुट होकर देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए।

समारोह को आरएसजेएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सैनिक इंटेलिजेंस प्रमुख ले. जे. आरएन सिंह ने कहा कि सुरक्षा पर शोध और सैन्य कार्य दोनों बहुत कठिन है। मंच के दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष ले. जे. सुरेश भट्टाचार्या ने कहा कि इस पत्रिका के स्तर की कोई भी शोध पत्रिका सुरक्षा के विषय पर अभी तक उपलब्ध नहीं है इसलिए गोलोक बिहारी जी ने अपनी टीम के साथ मिलकर बहुत बड़ा काम किया है।

जामिया मिल्लिया नेल्सन मंडेला सेंटर फॉर पीस चेयर के डायरेक्टर प्रो. महताब रिज़वी और आईडीएसए के डायरेक्टर डॉ राजीव नयन ने भी इस शोध पत्रिका के महत्त्व पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। समारोह का संचालन डॉ इंद्रप्रीत कौर और सुश्री अनन्या ने बड़े ही प्रभावशाली एवं रोचक ढंग से किया।

इस अवसर पर मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल डॉ विजयालक्ष्मी नंदा, आईपी कालेज की प्रिंसिपल डॉ पूनम कुमारी, आईसीपीआर की डायरेक्टर डॉ पूजा व्यास, प्रो निरंजन कुमार, प्रो. रवीन्द्र कुमार, पूर्व वीसी प्रो. राधेश्याम शर्मा, डॉ राजकुमार फुलवरिया, आरएसएस के विभाग प्रचारक अजय कुमार गौतम, डॉ प्रेरणा मल्होत्रा, प्रो गीता सिंह, प्रो मज़हर आसिफ़, डॉ तरुण कुमार गर्ग, प्रो सुधीर सिंह, डॉ इनामुल हक़, डॉ विवेक, तंज़ीम फ़ातमा समेत बड़ी संख्या में प्रोफेसर्स एवं शोधार्थी मौजूद थे। यह जानकारी पत्रकार प्रेरणा कुमारी (कश्यप) ने दिल्ली से दी है।

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    वर्तमान में नईदुनिया डॉट कॉम में शिफ्ट प्रभारी हैं। पत्रकारिता में विभिन्‍न मीडिया संस्‍थानों में अलग-अलग भूमिकाओं में कार्य करने का 21 वर्षों का दीर्घ अनुभव। वर्ष 2002 से प्रिंट व डिजिटल में कई बड़े दायित्‍वों

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