लोकसभा चुनाव को लेकर सभी जिलाध्यक्षों और प्रभारियों की बैठक प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव भी मौजूद थे।
By Navodit Saktawat
Publish Date: Sat, 03 Feb 2024 09:26 AM (IST)
Up to date Date: Sat, 03 Feb 2024 09:27 AM (IST)
HighLights
- अलग-अलग विषय पर लगातार तीन बैठकें होंगी
- तीन बैठकों में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी उपस्थित रहेंगे
- पहली बैठक में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के रहने की भी पूरी उम्मीद है
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की पहली बड़ी बैठक आज (शनिवार को) होने जा रही है। इसमें प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतने की रणनीति, मत प्रतिशत बढ़ाने, प्रत्याशी चयन और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के छोटे नेताओं को पार्टी में शामिल कर आगे लाने सहित कई विषयों पर चर्चा होगी। अलग-अलग समय में होने वाली तीन बैठकों में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी उपस्थित रहेंगे।
सुबह नौ बजे से होने वाली पहली बैठक में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के रहने की भी पूरी उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी जिलाध्यक्षों और प्रभारियों की बैठक प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव भी मौजूद थे।
चुनाव की रणनीति बनाने को लेकर यह पहली बड़ी बैठक है। सबसे पहले होने वाली बैठक में चुनाव का पूरा रोडमैप तैयार होगा। प्रत्याशी चयन, प्रचार आदि को लेकर चर्चा के बाद समय सीमा भी निर्धारित की जाएगी।
बीएल संतोष और संगठन के अन्य बड़े पदाधिकारियों के माध्यम से यह संकेत मिल सकते हैं कि प्रत्याशियों की पहली सूची कब आएगी। विभिन्न मोर्चा और प्रकोष्ठों को चुनाव में दायित्व तय किए जाएंगे। इसमें राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल भी शामिल होंगे।
अभियानों को लेकर होगी चर्चा दूसरी बैठक सुबह 10 से 12 बजे के बीच होगी, जिसमें लोकसभा चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी और संगठन के पदाधिकारी शामिल होंगे। यहां पार्टी द्वारा जनता के बीच पहुंचने के लिए चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों की समीक्षा और नए अभियानों की दिशा तय की जाएगी।
इसमें गांव चलो अभियान, लाभार्थी संपर्क अभियान, विकसित भारत संकल्प यात्रा शामिल है। अगली बैठक ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उभरते नेतृत्व को पार्टी का बैनर देना है, ताकि छोटे स्तर पर भी नया नेतृत्व तैयार हो सके। इसमें सबसे अधिक जोर पंचायत प्रतिनिधियों को पार्टी से जोड़कर उन्हें आगे लाने का है।