Gwalior Well being Information: स्ट्रेचर-व्हील चेयर पर जंजीर-ताले की बंदिश

Gwalior Well being Information: स्ट्रेचर-व्हील चेयर पर जंजीर-ताले की बंदिश

Gwalior Well being Information:न्यूरोसर्जरी-न्यूरोलाजी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। मरीजों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को स्ट्रेचर व व्हील चेयर तक नहीं मिल पा रही रही है।

By anil tomar

Publish Date: Sat, 03 Feb 2024 10:07 AM (IST)

Up to date Date: Sat, 03 Feb 2024 10:07 AM (IST)

HighLights

  1. न्यूरोसर्जरी-न्यूरोलाजी अस्पताल में चरमराईं व्यवस्थाएं
  2. अस्पताल में परेशान हो रहे मरीज-परिजन

Gwalior Well being Information: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। न्यूरोसर्जरी-न्यूरोलाजी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। मरीजों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को स्ट्रेचर व व्हील चेयर तक नहीं मिल पा रही रही है। गंभीर मरीजों को स्वजन हाथों का सहारा देकर इमरजेंसी डाक्टर कक्ष तक ले जा रहे हैं। मरीजों को सुविधा के लिए स्ट्रेचर और व्हीलचेयर उपलब्ध कराने का प्रावधान है, लेकिन मरीजों को व्हील चेयर तभी मिलती है जब अस्पताल का कर्मचारी मिल जाए। ऐसे में पहली बार आए मरीजों को परेशानी होती है। कर्मचारियों की मनमानी का खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। आरोप है कि व्हीलचेयर, स्ट्रेचर का इस्तेमाल होने के बाद मरीज के स्वजन जहां-तहां छोड़कर चले जाते हैं। इस कारण उनको जंजीर से बांधकर रखना पड़ता है। इलाज को आए एक मरीज के स्वजन रामवीर ने कहा कि व्हीलचेयर नहीं मिलने से मरीज को पकड़कर इमरजेंसी कक्ष तक ले जाना पड़ा। यह हालात तब है जब अस्पताल की व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए प्रबंधक के साथ सहायक अधीक्षक तैनात किए गए हैं। इसके बाद भी मरीजों को न चादर न कंबल यहां तक की अस्पताल पहुंचने पर स्ट्रेचर और व्हीलचेयर तक नसीब नहीं हो पा रही है।

व्हीलचेयर खराब, स्वजन परेशान

जंजीर से ताले में बंद स्ट्रेचर और व्हीलचेयर अगर मिल भी जाएं, तो व्हीलचेयर पर मरीज को आसानी से इधर-उधर ले जाना आसान नहीं होगा, क्योंकि व्हीलचेयर के पहिया ही बीमार है। यानी कर्मचारियों को यह तक नहीं दिखता की खराब व्हीलचेयर को दुरुस्त करा लें। बीते रोज एक मरीज को लेकर स्वजन न्यूरोलाजी विभाग पहुंचे यहां उसे व्हीलचेयर की जरूरत थी। व्हीलचेयर पर स्वजन की नजर पड़ी तो वह जंजीर से ताले में कैद थी। व्हीलचेयर के लिए सुरक्षाकर्मी से कहा तो उसने ताला खोलकर उसे दे तो दिया, लेकिन व्हीलचेयर खराब थी।

स्ट्रेचर और व्हील चेयर चाहिए तो कर्मचारी को ढूंढो

न्यूरोसर्जरी और न्यूरोलाजी में अगर मरीज रात के समय इलाज के लिए पहुंच जाए तो उसके स्वजन को स्ट्रेचर और व्हीलचेयर के लिए कर्मचारी को ढूंढना पड़ेगा। कर्मचारी की तलाश करने पर पता चलता है कि ताले में बंद स्ट्रेचर और व्हीलचेयर की चाभी सुरक्षाकर्मी के पास है। वह इसलिए कि जिस कर्मचारी की ड्यूटी इस काम के लिए लगी है वह समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा है।

स्ट्रेचर और व्हीलचेयर ताले में बंद है यह मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। अगर ऐसा है तो संबंधित से जवाब तलब किया जाएगा। कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश है कि स्ट्रेचर और व्हीलचेयर मरीजों को आवश्यक तौर पर मिले। मरीज हित के लिए स्ट्रेचर और व्हीलचेयर रखवाए गए हैं।

-डा. प्रवेश सिंह भदौरिया, सहायक अधीक्षक, जेएएच।

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    2000 से पत्रकारिता में हूं। दैनिक जागरण झांसी, नवभारत में रिपोर्टर के रूप में काम किया है। दैनिक भास्कर भीलवाड़ा, अजमेर में रिपोर्टर रहा। 2007 से 2013 तक दैनिक भास्कर के मुरैना कार्यालय में ब्यूरो चीफ के रूप मे

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