संस्था के संचालक व अधीक्षक पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर बालगृह के बच्चे सड़क पर उतर आए। स्टेट हाईवे पर करीब आधे घंटे तक सड़कजाम कर बालगृह के संचालन को बंद करने की मांग की है।
By Deepak Kumar
Publish Date: Sat, 03 Feb 2024 11:00 PM (IST)
Up to date Date: Sat, 03 Feb 2024 11:00 PM (IST)
तीन फरवरी को काकरोच वाला पोहा नाश्ता में दिए जाने का आरोप बच्चों ने लगाया है। यहां संस्था के संचालक व अधीक्षक के खिलाफ आंदोलन के दौरान बच्चों ने कई प्रताड़ना व शोषण का आरोप लगाया है। जब बच्चे यहां से छोड़कर जाते हैं तो उनका पूरा सामान भी रख लिया जाता है। शिकायत करने पर जबरन खराब भोजन को खाने मजबूर करने का आरोप बच्चों ने लगाया है। बालगृह से दूसरे जगह ट्रांसफर करने की धमकी भी दी जाती है। सड़कजाम में बच्चों के साथ हाउस फादर प्रवीण सिन्हा भी शामिल थे। वे पिछले दो महीने से कार्यरत हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दान का जो भी पैसा आता है, उसे संस्था के लोग खा जाते हैं। ज्यादा बोलने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। स्टाफ के मानदेय से भी रुपये काटा जाता है। इस दौरान महिला डीएसपी ने सड़कजाम को बच्चों से चर्चा कर खत्म किया।
संस्था पर कई आरोप
कुछ पूर्व कर्मचारियों का आरोप रहा है कि यहां जो भी बच्चे व कर्मचारी आते हैं, उनका हमेशा ही शोषण किया जाता है। उनका पेमेंट आनलाइन मिलता है। अकाउंट में आने के बाद 25 प्रतिशत कमीशन संचालक द्वारा मांगे जाने का आरोप है। कई स्टाफ देते भी थे। अच्छा भोजन जो आता है, उसे अपने घर ले जाते थे और सामान्य भोजन ही बच्चों को कराया जाता है। पूर्व में भी इसकी शिकायत की गई थी। शिकायत जांच में सही पाया गया था, लेकिन जवाबदार अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की है। पूर्व कर्मचारियों का यह भी आरोप था कि जवाबदार अधिकारी व संचालक के साथ सांठगांठ है। यही वजह है कि कार्रवाई नहीं की जाती है।
कर्मचारी व संस्था के बीच पुराना विवाद
जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक ने बताया कि जानकारी मिलते ही जांच के लिए पहुंचे हैं। किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चों को सड़क तक ले जाकर सड़कजाम कराने वाले हाउस फादर के खिलाफ फिलहाल संस्था थाने में एफआईआर दर्ज करा रही है। विभाग आगे की जांच में जुटी हुई है। जांच में बच्चों की शिकायत सही मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारी और संस्था के बीच पुराना विवाद चल रहा है। कर्मचारियों की शिकायत पर डिप्टी कलेक्टर द्वारा जांच की जा रही है। यहां 23 बच्चे निवासरत हैं। प्रतिज्ञा विकास संस्था द्वारा यह संचालित है और सालाना 30 लाख रुपये अनुदान संस्था को दिया जाता है।