जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर शाखा सक्ती में किसान अपनी मेहनत की कमाई के पैसे को लेकर काफी परेशान हैं। बैंक में भीड़ बेकाबू होती जा रही है परंतु व्यवस्था नहीं बनाई जा रही है। किसानों का धान समर्थन मूल्य में बिकने के बाद अब बैंक में पैसा आ चुका है । बैंक में अपना पैसा लेने जाना किसानों के लिए कठिन काम है।
By komal Shukla
Publish Date: Fri, 02 Feb 2024 11:50 PM (IST)
Up to date Date: Fri, 02 Feb 2024 11:50 PM (IST)
सक्ती । जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर शाखा सक्ती में किसान अपनी मेहनत की कमाई के पैसे को लेकर काफी परेशान हैं। बैंक में भीड़ बेकाबू होती जा रही है परंतु व्यवस्था नहीं बनाई जा रही है। किसानों का धान समर्थन मूल्य में बिकने के बाद अब बैंक में पैसा आ चुका है । बैंक में अपना पैसा लेने जाना किसानों के लिए कठिन काम है। किसान सुबह 5 बजे से बैंक के सामने लाइन लग जाते हैं और बैंक का दरवाजा खुलते ही भीड़ अचानक ऐसे अंदर घुसती हैकि किसी भी समय अप्रिय दुर्घटना होसकती है। भीड़ में व्यवस्था बनानेके लिए वैसे तोयहां पर एक गार्ड नियुक्त्ा है परंतु एक गार्ड भीड़ के सामने बेबस ही नजर आता है।
ऐसे में ऐसे मेंकिसानों की समस्या समझने और उसका हल निकालने कोई जन प्रतिनिधि और उच्चाधिकारी रूचि नहीं ले रहे हैं। बैंक सेअपना ही पैसा निकालना इतना मुश्किल होता है कि मौके पर अगर कोई यह नजारा देखे तो वह देखता ही रह जाएगा। बैंक के कर्मचारी अपने समय पर पहुंच जाते हैं और अपना कार्य भी पूरी ईमानदारी से करते हैं परंतु भीड़ के कारण व्यवस्था इतनी बिगड़ जाती है कि इसे संभालना मुश्किल होजाता है। जिस किसान का कैश काउंटर में नंबर आता है और कैशियर जैसे ही किसानों के हाथ में पैसा सौंपते हैं तो भीड़ के कारण किसान के पास उसे दोबारा गिनने का भी समय नहीं मिलता। वहीं इससे किसान को यह भी डर सताने लगता है कि उसका पैसा पूरा है कि नहीं परंतु मजबूरी बस वह उस काउंटर से अपना पैसा बिना गिने ही वहां से खिसकना सही समझता है। इस मामले को लेकर जब बैंक के प्रबंधक से बात की गई तब उनका कहना था कि इस संबंध में थाने को सूचित किया गया है। परंतु वहां एक भी पुलिस के जवान तैनात नहीं दिखे।
किस्तों में मिल रही राशि
धान खरीदी के बाद किसानों के पास सबसे बड़ी समस्या यह है कि बैंक में निर्धारित राशि किसानों को मिल रही है ।जिसके कारण किसानों को कई बार बैंक का चक्कर काटना पड़ रहा है और बार-बार लाइन लगाना भी पड़ रहा है। इस संबंध में किसानों का कहना है कि हमने अगर 3 लाख का धान बेचा है तो हमें कई बार बैंक के चक्कर काटने पड़ेगे क्योंकि बैंक में कभी 50 हज़ार तो कभी 25 हजार ही दिया जा रहा है। इसके कारण हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हम लोग दूर दराज के गांव से यहां आते हैं और हमारा पूरा दिन खाली बैंक में ही निकल जाता है।
कैस काउंटर बढ़ाने की जरूरत
अगर व्यवस्था को दुरुस्त करना है तो इस पर उच्च अधिकारियों को ध्यान देना होगा और बैंक में किसानों के लिए कैस काउंटर बढ़ाना पड़ेगा ताकि किसानों को कोई परेशानी ना हो।