कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी ने जारी आदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 की धारा-18 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, नगर निगम एवं नगर पालिका की सीमा से बाहर के क्षेत्रों में एवं अन्य क्षेत्र
By Yogeshwar Sharma
Publish Date: Sat, 03 Feb 2024 02:07 AM (IST)
Up to date Date: Sat, 03 Feb 2024 02:07 AM (IST)
बिलासपुर । सुप्रीम कोर्ट और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के निर्देश के मद्देनजर कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी अवनीश शरण ने रात 10 से सुबह छह बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी ने जारी आदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 की धारा-18 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, नगर निगम एवं नगर पालिका की सीमा से बाहर के क्षेत्रों में एवं अन्य क्षेत्र, जो नगर निगम या नगर पालिका की सीमा के अन्तर्गत आते हैं, में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाना या करवाया जाना पूर्ण रूप से निषिद्ध कर दिया है। जारी आदेश में कहा है कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग विशेष परिस्थितियों में अनुमति लेकर किया जा सकेगा, किन्तु ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के होंगे एवं मध्यम आबाज में ही प्रयोग किए जाएंगे। लोक शांति को देखते हुए लम्बे चोंगे वाले लाउड स्पीकरों, डीजे का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है। एक से अधिक लाउड स्पीकर, डीजे समूहों में लगाया जाना भी प्रतिबंधित किया जाता है। अत्यंत आवश्यक परिस्थितियों में ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग के लिए अनुमति जिला मुख्यालय पर अनुविभागीय दंडाधिकारी बिलासपुर एवं अनुविभाग मुख्यालयों पर अनुविभागीय दंडाधिकारी, तहसील मुख्यालयों में तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी, उप तहसील मुख्यालयों में अतिरिक्त तहसीलदार नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी, तथा जहां उपरोक्त मुख्यालय न हो वहां ग्रामीण क्षेत्रों के लिए संबंधित थाना प्रभारी की लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा, परन्तु शैक्षणिक संस्थाओं, रिहायशी क्षेत्रों, चिकित्सालय, नर्सिंग होम, न्यायालय परिसर, शासकीय कार्यालय, छात्रावास, नगर पालिका परिसर जनपद पंचायत एवं अन्य किसी स्थानीय निकाय के कार्यालयों, बैंक, पोस्ट आफिस, दूरभाष केन्द्र आदि से 100 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सामान्य स्थिति में भी पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है।
सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति जरूरी
जारी आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि अत्यंत आवश्यक परिस्थितियों में सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति प्राप्त कर धीमी गति से ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जा सकता है, किन्तु उपरोक्तानुसार सक्षम अधिकारी, इस प्रकार की अनुमति देने के पूर्व क्षेत्र की विशेष परिस्थितियों, जनसुविधा एवं लोक शांति आदि का पूर्ण परीक्षण करके तथा अपने विवेक का समुचित प्रयोग करके ही लिखित अनुमति देंगे। रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू होगा एवं दिनांक 31 मई 2024 तक संपूर्ण बिलासपुर जिले में प्रभावशील रहेगा।
यह बना प्रमुख कारण
जिले में नगरीय क्षेत्रों के अंतर्गत वैवाहिक कार्य, रैली, जुलूस, आमसभा, प्रचार माध्यमों के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। क्षेत्र के व्यस्ततम मार्गों, चौराहों, हाट बाजार, सड़कों, गलियों, बस्तयों, मोहल्लों, कालोनियों में तेज आवाज पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग भी किया जाता है। आये दिन त्यौहार सहित अन्य कार्यक्रमों के दौरान तेज आवाज में डीजे ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग के कारण अबाध रूप से होने वाले शोरगुल से आम नागरिकों, विद्यार्थियों, दुर्बल, बीमार, वृद्धजनों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, तथा इनपर इसका विपरी प्रभाव पड़ता है। साथ ही माध्यमिक शिक्षा मंडल, सीबीएसई की 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं तथा विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग से विद्यार्थियों का शैक्षणिक कार्य में भी व्यवधान उत्पन्न होता है।