Delhi Excessive Court docket: दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि अगर पीएमएलए के तहत चार्जशीट दायर किए बिना एक साल से अधिक हो जाती है।जांच के दौरान जब्त की गई संपत्ति वापस की जानी चाहिए।
By Kushagra Valuskar
Publish Date: Fri, 02 Feb 2024 07:04 PM (IST)
Up to date Date: Fri, 02 Feb 2024 07:04 PM (IST)
एएनआई, नई दिल्ली। Delhi Excessive Court docket: दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने निर्देश दिया कि अगर पीएमएलए के तहत चार्जशीट दायर किए बिना एक साल से अधिक हो जाती है। तब जांच के दौरान जब्त की गई संपत्ति वापस की जानी चाहिए। जस्टिस नवीन चावला ने कहा कि अगर 365 दिनों से अधिक की अवधि की जांच से पीएमएलए के तहत किसी अपराध से संबंधित कोई कार्यवाही नहीं होती है, तो जब्त की गई प्रॉपर्टी व्यक्ति को वापस कर दी जानी चाहिए।
ईडी ने खारिज की दलील
हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को 19-20 अगस्त 2020 को किए गए तलाशी और जब्ती अभियान के तहत याचिकाकर्ता से जब्त किए गए दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों, संपत्ति और अन्य सामग्री को याचिकाकर्ता को वापस करने का निर्देश दिया। अदालत ने ईडी के वकील की इस दलील को खारिज कर दिया था। अधिनियम की धारा 8(3) (ए) 365 दिनों की समाप्ति के परिणाम का प्रावधान नहीं करती है।
न्यायमूर्ति चावला ने कहा कि प्रकृति में जब्ती, कानून के अधिकार के बिना और भारत के संविधान के अनुच्छेद 300 ए का उल्लंघन है। उच्च न्यायालय अधिवक्ता डीपी सिंह के माध्यम से महेंद्र कुमार खंडेलवाल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि प्रतिवादी ने ईसीआईआर के आधार पर उसके परिसर में तलाशी और जब्ती की। साथ ही विभिन्न दस्तावेज, रिकॉर्ड, डिजिकल उपकरण और आभूषण जब्त किए। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि संपत्ति को जब्त किए हुए तीन साल से अधिक समय बीत चुका है।
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माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से मास कम्युनिकेशन स्नातक कुशाग्र वालुस्कर नईदुनिया डिजिटल में सीनियर सब एडिटर के पद पर हैं। कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में माह …