जस्टिस एमएम श्रीवास्तव बने राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस

जस्टिस एमएम श्रीवास्तव बने राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस

सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि न्यायमूर्ति आगस्टीन जार्ज मसीह के उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत होने पर राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त है। लिहाजा मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति की जानी है।

By Yogeshwar Sharma

Publish Date: Sat, 03 Feb 2024 12:50 AM (IST)

Up to date Date: Sat, 03 Feb 2024 12:50 AM (IST)

जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव

बिलासपुर । सुप्रीम कोर्ट कालेजियम की अनुशंसा के बाद केंद्र सरकार ने जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव को राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर पदोन्नत कर दिया है। छत्तीसगढ़ के साथ ही छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के लिए यह गौरव की बात है। जस्टिस श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के तीसरे जज हैं, जिनकी पदोन्नति चीफ जस्टिस के पद पर हुई है। इसके पूर्व जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर को इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर पदोन्नत किया गया था। उनके बाद जस्टिस प्रशांत मिश्रा को आंध्रप्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। आंध्र प्रदेश के चीफ जस्टिस के पद पर कार्य करने के दौरान कालेजियम की अनुशंसा पर उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि न्यायमूर्ति आगस्टीन जार्ज मसीह के उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत होने पर राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त है। लिहाजा मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति की जानी है। मुख्य न्यायाधीश के पद पर चयन के लिए विभिन्न उच्च न्यायालयों को उचित प्रतिनिधित्व दिए जाने का प्रविधान है। ऐसे चयन के प्रयोजनों के लिए न्यायाधीशों की परस्पर वरिष्ठता को उनके अपने उच्च न्यायालय में उनकी वरिष्ठता के आधार पर गिना जाएगा। नियुक्ति पर विचार मुख्य न्यायाधीश की योग्यता और सत्यनिष्ठा के अधीन वरिष्ठता की कसौटी पर आधारित होंगे। इसी मापदंड के आधार पर कालेजियम ने जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव की नियुक्ति की सिफारिश की। कालेजियम ने यह भी लिखा कि जस्टिस श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के वरिष्ठ जज हैं।

2009 में बने थे छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जज

10 दिसंबर 2009 को जस्टिस श्रीवास्तव को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। 18 अक्टूबर 2021 को राजस्थान उच्च न्यायालय में स्थानांतरण आदेश जारी हुआ। वर्तमान में वह कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य कर रहे हैं। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने से पहले उन्होंने जिला न्यायालय रायगढ़, जबलपुर उच्च न्यायालय और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में वकालत की। उनके कार्यक्षेत्र में संवैधानिक, सेवा, कराधान, श्रम, नागरिक और आपराधिक मामले शामिल थे। उन्होंने संवैधानिक, कराधान और सेवा कानून में विशेषज्ञता हासिल की। उन्हें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में भी नामित किया गया था।

दो उच्च न्यायालयों में न्याय प्रदान करने का अनुभव

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने 14 वर्षों से अधिक के कार्यकाल के दौरान उन्होंने 505 से अधिक निर्णय लिखे हैं। उन्होंने दो उच्च न्यायालयों में न्याय प्रदान करने का काफी अनुभव प्राप्त किया है। उनके नाम पर विचार करते समय कालेजियम ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, जो उनका मूल उच्च न्यायालय है का उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए कालेजियम ने माना है कि जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए सभी प्रकार से उपयुक्त हैं।

अधिवक्ताओं ने दी बधाई

राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर पदोन्नत होने के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं व ला अफसरों ने उन्हें बधाई दी है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पूर्व उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने उनसे मोबाइल के जरिए बात की और बधाई दी है।

एक संयोग ऐसा भी

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा और राजस्थान हाई कोर्ट के नवनियुक्त चीफ जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव के बीच गजब का संयोग है। दोनों ही रायगढ़ जिले के हैं। यही नहीं, जस्टिस प्रशांत मिश्रा और चीफ जस्टिस श्रीवास्तव दोनों ने एकसाथ वकालत प्रारंभ की थी।

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