Gupt Navratri: माघ मास की गुप्त नवरात्र 10 फरवरी से, इंदौर के मंदिरों में होंगे ये आयोजन

Gupt Navratri: एरोड्रम रोड स्थित श्री श्रीविद्याधाम मंदिर में गुप्त नवरात्र के दौरान प्रकाशोत्सव मनाया जाएगा। अन्नपूर्णा मंदिर में विशेष अनुष्ठान होंगे।

By Hemraj Yadav

Publish Date: Wed, 31 Jan 2024 05:05 AM (IST)

Up to date Date: Wed, 31 Jan 2024 05:05 AM (IST)

Gupt Navratri: माघ मास की गुप्त नवरात्र 10 फरवरी से, इंदौर के मंदिरों में होंगे ये आयोजन

Gupt Navratri: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। माघ मास की गुप्त नवरात्र 10 फरवरी से शुरू होगी। इस दौरान मंदिरों में विशेष अनुष्ठान होंगे। कहीं गुप्त साधना होगी तो कहीं भव्य स्वरूप में देवी के दर्शन होंगे। 10 से 18 फरवरी तक मनाई जाने वाली गुप्त नवरात्र में इंदौर के देवी मंदिरों में कई अनुष्ठान होंगे।

एरोड्रम रोड स्थित श्री श्रीविद्याधाम मंदिर में गुप्त नवरात्र के दौरान प्रकाशोत्सव मनाया जाएगा। 10 फरवरी से शुरुआत होगी। महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सान्निध्य में नौ दिवसीय महोत्सव मनाया जाएगा। शुभारंभ 10 फरवरी को सुबह 6 बजे संध्या वंदन, 7 बजे वेदपाठ और शोडषोपचार पूजन से होगा। सुबह 9.30 बजे ललिता महात्रिपुर सुंदरी महायज्ञ अनुष्ठान होगा। शाम 5.30 बजे ललिता सहस्र नामावली से लक्षार्चन आराधना और शाम 7.30 बजे 108 दीपों से शृंगार आरती होगी। प्रतिदिन रात 9 बजे से ललिता सहस्रनाम अर्चना भी होगी।

वसंत पंचमी पर होगा ललिता सहस्रनाम यज्ञ

आश्रम परिवार के सुरेश शाहरा, पं. दिनेश शर्मा व यदुनंदन माहेश्वरी के अनुसार आश्रम की यज्ञशाला में 13 फरवरी को महागणपति यज्ञ, 14 को वसंत पंचमी पर ललिता सहस्रनाम यज्ञ, 15 को महाविष्णु यज्ञ, 16 को सूर्य नारायण यज्ञ व 17 फरवरी को सदाशिव यज्ञ होगा। 16 फरवरी को सुबह 9 बजे आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी गिरिजानंद सरस्वती का प्रतिमा पूजन, पादुका पूजन, शोडषोपचार पूजन, अभिषेक व आरती होगी। शाम 6 बजे से मां परांबा ललिता महात्रिपुर सुंदरी कौ नौका विहार कराया जाएगा।

भक्तों को दर्शन देने नगर भ्रमण करेंगी मां

17 फरवरी को शाम 5.30 बजे से मां भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण करेंगी। रात 8 बजे छप्पन भोग दर्शन होंगे। 18 फरवरी को शाम 6 बजे पुष्प बांगला सजाया जाएगा। मंदिर के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में अनेक संत भी उपस्थित होंगे। आचार्य पं. राजेश शर्मा के निर्देशन में 21 विद्वान व कई यजमान इन अनुष्ठानों में शामिल होकर सग्रहमख पंच देवोपसनात्मक श्री ललिता महात्रिपुर सुंदरी महायज्ञ के दिव्य आयोजन में सहभागी बनेंगे।

नवचंडी पाठ और सरस्वती पूजन

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अन्नपूर्णा मंदिर में भी गुप्त नवरात्र में विशेष अनुष्ठान होंगे। अन्नपूर्णा आश्रम के स्वामी जयेंद्रानंदगिरि बताते हैं कि इस नवरात्र में प्रतिदिन सुबह 7 बजे से नवचंडी पाठ होगा। मंदिर में प्रतिदिन मां अन्नपूर्णा, महाकाली और मां गायत्री का अभिषेक व विशेष शृंगार होगा। 14 फरवरी को वसंत पंचमी पर सुबह 9 बजे से मंदिर में देवी सरस्वती का पूजन भी होगा। वेद भवन में पूजन किया जाएगा।

ब्रह्ममुहूर्त में होगा हवन

खजराना स्थित काली मंदिर में नौ दिन तक विशेष अनुष्ठान होगा। मुख्य पुजारी गुलशन अग्रवाल बताते हैं कि मां कालिका का शृंगार किया जाएगा। यह गुप्त नवरात्र है इसलिए अनुष्ठान भी गुप्त विधान से होंगे। कार्यसिद्धि के लिए इस दौरान तंत्र अनुष्ठान हवनात्मक रूप से होंगे। ये अनुष्ठान महानिशिथ काल और ब्रह्ममुहूर्त में होंगे।

अभिष्ट कामना के लिए उत्तम

आचार्य पं. राकेश तिवारी के बताते हैं कि चैत्र व आश्विन मास की नवरात्र का तो विशेष महत्व है ही, लेकिन माघ और आषाढ़ में आने वाली गुप्त नवरात्र का भी बहुत महत्व है। यह नवरात्र साधकों के लिए बहुत सिद्ध मानी गई है। यदि संकल्पित होकर अभिष्ट कामना के लिए इस दौरान कोई अनुष्ठान किया जाता है तो उसका विशेष फल मिलता है। गृहस्थ जीवन में भी इस नवरात्र में पूजन किया जाना श्रेष्ठ है। प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ या श्रीयंत्र की साधना विशेष फलदायी रहती है। जो साधक यह नहीं कर सकते, वे दुर्गा चालीसा का पाठ या देवी दुर्गा के बीजमंत्र की एक माला का जाप भी प्रतिदिन करते हैं।

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    1993 में नवभारत इंदौर में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में करियर शुरू किया। इसके बाद 1995 में दैनिक भास्कर में प्रूफ रीडर के तौर पर ज्वाइन किया। 1995 में ही सांध्य दैनिक अग्निबाण में भी पेजमेकर के रूप में सेवाएं दी।

Aaj Ka Rashifal 31 January 2024: बॉस की तारीफ मिलेगी, प्रमोशन के रास्ते खुलेंगे

Aaj Ka Rashifal 31 January 2024: किसी जरूरत मंद की तारीफ करेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। पारिवारिक महिला से तनाव मिल सकता है।

By Arvind Dubey

Publish Date: Wed, 31 Jan 2024 05:39 AM (IST)

Up to date Date: Wed, 31 Jan 2024 05:39 AM (IST)

Aaj Ka Rashifal 31 January 2024: बॉस की तारीफ मिलेगी, प्रमोशन के रास्ते खुलेंगे
31 जनवरी 2024, बुधवार का राशिफल

HighLights

  1. मेष: दांपत्य जीवन सुखमय होगा। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी।
  2. वृषभ: बॉस आपके काम की तारीफ करेंगे। प्रमोशन के रास्ते खुलेंगे।
  3. मिथुन: पार्टनर के साथ मिलकर नया काम शुरू कर सकते हैं।

Aaj Ka Rashifal 31 January 2024: आज 31 जनवरी 2024, बुधवार माघ मास कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। राहुकाल का समय दोपहर 12:00 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। यहां पढ़िए सभी 12 राशियों का राशिफल

दांपत्य जीवन सुखमय होगा। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। फिर भी मानसिक तनाव रहेगा। अज्ञात भय से ग्रसित हो सकते हैं। मानसिक शांति के लिए मंदिर जाएं और ध्यान लगाएं। गणेश वंदना करें।

वृषभ दैनिक राशिफल (Taurus Horoscope At this time)

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धार्मिक प्रवृत्ति में वृद्धि होगी। भाई या बहन से तनाव मिल सकता है। उच्च अधिकारी का सहयोग रहेगा। नौकरीपेशा के लिए दिन अच्छा है। बॉस आपके काम की तारीफ करेंगे। प्रमोशन के रास्ते खुलेंगे।

मिथुन दैनिक राशिफल (Gemini Horoscope At this time)

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व्यावसायिक योजना फलीभूत होगी। पार्टनर के साथ मिलकर नया काम शुरू कर सकते हैं। आज किए गए निवेश से लाभ मिलेगा। बुद्धि कौशल से किया गया कार्य संपन्न होगा। जीविका के क्षेत्र में प्रगति होगी।

कर्क दैनिक राशिफल (Most cancers Horoscope At this time)

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किसी जरूरत मंद की तारीफ करेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। पारिवारिक महिला से तनाव मिल सकता है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें, जबकि उच्च अधिकारी या पिता का सहयोग रहेगा। वाणी पर संयम रखें।

सिंह दैनिक राशिफल (Leo Horoscope At this time)

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सिंह राशि के विद्यार्थियों के लिए आज का दिन शानदार रहेगा। शिक्षा प्रतियोगिता के क्षेत्र में किया गया श्रम सार्थक होगा। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। आर्थिक मामलों में प्रगति होगी। रुका हुआ पैसा मिलेगा। आय के नए स्रोत खुलेंगे।

कन्या दैनिक राशिफल (Virgo Horoscope At this time)

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व्यर्थ की उलझनें रहेंगी। रचनात्मक प्रयास फलीभूत होगा। शासनसत्ता का सहयोग रहेगा। जीविका के क्षेत्र में प्रगति होगी। किसी परिचत या पुराने दोस्त की मदद से कोई बड़ा काम पूरा होगा।

तुला दैनिक राशिफल (Libra Horoscope At this time)

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चली आ रही समस्या का समाधान होगा। व्यावसायिक योजना फलीभूत होगी। रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी। परिवार के साथ अच्छा समय बितेगा। भ्रमण के लिए जा सकते हैं।

वृश्चिक दैनिक राशिफल (Scorpio Horoscope At this time)

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व्यावसायिक मामलों में सफलता मिलेगी, जबकि दिन के अंतिम पहर में कोई ऐसी घटना हो सकती है जो आपके हित में न हो। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। निवेश करते समय बड़ों की राय लें।

धनु दैनिक राशिफल (Sagittarius Horoscope At this time)

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आर्थिक मामलों में सफलता मिलेगी। पारिवारिक जीवन सुखमय होगा। जीविका के क्षेत्र मे प्रगति होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। पति और पत्नी के बीच तालमेल बढ़ेगा। परिवार में मांगलिक कार्य की योजना बनेगी।

मकर दैनिक राशिफल (Capricorn Horoscope At this time)

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व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी। उच्च अधिकारी या पिता का सहयोग मिलेगा। रचनात्मक कार्यों में प्रगति होगी। राजनीति में काम कर रहे लोगों को सफलता मिलेगी। कोई बड़ी जिम्मेदारी या पद मिल सकता है।

कुंभ दैनिक राशिफल (Aquarius Horoscope At this time)

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पारिवारिक जीवन सुखमय होगा। चली आ रही समस्या का समाधान होगा। रिश्तों में निकटता आएगी। माता-पिता की आशीर्वाद मिलेगा। बड़े भाई या बहन की मदद से बड़ा काम होगा।

मीन दैनिक राशिफल (Pisces Horoscope At this time)

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व्यावसायिक योजना फलीभूत होगी, लेकिन संतान या शिक्षा के कारण चिंतित रहेंगे। व्यर्थ की उलझनें रहेंगी। मानसिक तनाव ना लें। सेहत पर असर पड़ सकता है। नींद में बाधा रहेगी।

  • ABOUT THE AUTHOR

    करियर की शुरुआत 2006 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के हिंदी सांध्य दैनिक ‘प्रभात किरण’ से की। इसके बाद न्यूज टुडे और हिंदी डेली पत्रिका (राजस्थान पत्रिका समूह) में सेवाएं दीं। 2014 में naidunia.com से डिजिटल की

Bollywood Actress Suraiya Attention-grabbing Info; Dev Anand | Dilip Kumar | देव आनंद से रिश्ता टूटा तो ताउम्र अकेली रहीं सुरैया: बारात के साथ 2 लाख के गहने लेकर पहुंच गया था फैन; पुलिस लगानी पड़ी

12 मिनट पहले

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सुरैया की आज 20वीं पुण्यतिथि है। उन्हें हिंदी सिनेमा का मल्लिका-ए-हुस्न कहा जाता था, लेकिन असल जिंदगी उतनी ही बेरंग रही। करियर के टाॅप पर उन्हें देव आनंद से प्यार हुआ, लेकिन उनकी यह प्रेम कहानी कभी मुकम्मल नहीं हो पाई। हर एक्टर-डायरेक्टर की पहली पसंद सुरैया ताउम्र अकेली ही रहीं।

फैंस के बीच दीवानगी इस कदर थी कि उनके घर के बाहर पुलिस बल तैनात करना पड़ता था। एक बार तो एक फैन जालंधर से बारात लेकर उनके घर पहुंच गया था। मुंह दिखाई में 2 लाख के गहने भी लाया था।

पुण्यतिथि पर पढ़िए, सुरैया की जिंदगी के कुछ अनछुए पहलू….

मामा फेमस विलेन, जिनकी वजह से एक्टिंग से जुड़ीं सुरैया
15 जून 1929 को लाहौर में अजीज जमाल शेख और मुमताज शेख के घर बेटी का जन्म हुआ। नाम रखा गया सुरैया जमाल शेख था, जिन्हें बाद में दुनिया ने सुरैया नाम से जाना। जब वो एक साल की थीं, तब उनका परिवार मुंबई जाकर बस गया। फिर यहीं पर उनकी पढ़ाई-लिखाई हुई।

सुरैया के मामा एम. जहूर हिंदी सिनेमा के फेमस विलेन में से एक थे। ऐसे में सुरैया का भी फिल्मी दुनिया से जुड़ना आसान हो गया। एक बार स्कूल की छुट्टियों में सुरैया मामा के साथ फिल्म ताजमहल की शूटिंग देखने मोहन स्टूडियो गई थीं। वहां पर फिल्म प्रोड्यूसर नानु भाई वकील की नजर उन पर पड़ी। नानु भाई उनकी खूबसूरती और सादगी से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने सुरैया को फिल्म में मुमताज महल के लिए चुन लिया।

राज कपूर और मदन मोहन, सुरैया के बचपन के दोस्त थे। इन्हीं लोगों के साथ वो ऑल इंडिया रेडियो में बच्चों के रेडियो प्रोग्राम में गाती थीं। एक बार ऑल इंडिया रेडियो पर सुरैया को गाते नौशाद ने सुना। सुरैया के गाने का अंदाज नौशाद साहब को बहुत पसंद आया। इसके बाद उन्होंने कारदार साहब की फिल्म शारदा में सबसे पहले सुरैया को गाने का मौका दिया। इस तरह से वो कम उम्र में ही इंडस्ट्री से बतौर सिंगर और एक्टर जुड़ गईं।

40 हजार रुपए के लिए देविका रानी के साथ तोड़ा था कॉन्ट्रैक्ट
सुरैया के सिंगिंग करियर को संवारने में नौशाद साहब का बड़ा हाथ रहा। उनकी देखरेख में उन्होंने कई बेहतरीन गाने गाए। अनमोल घड़ी (1946), दर्द (1947), दिल्लगी (1949) और दास्तान (1950) जैसी हिट फिल्मों में गाने के बाद वो सिंगिंग सेनसेशन बन गईं।

बॉम्बे टॉकीज प्रोडक्शन कंपनी की मालकिन देविका रानी भी सुरैया की कला से बहुत प्रभावित हुईं। देविका रानी ने उनके साथ 5 साल का कॉन्ट्रैक्ट कर लिया। यहां उन्हें हर महीने 500 रुपए मिलते थे।

हालांकि कुछ समय बाद सुरैया ने यह कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर लिया, जब के. आसिफ ने उन्हें फिल्म फूल के लिए 40 हजार रुपए की पेशकश की। फिल्म में उन्होंने पृथ्वीराज की बहन का किरदार निभाया था।

एक फ्रेम में अपनी मां और नानी के साथ सुरैया।

एक फ्रेम में अपनी मां और नानी के साथ सुरैया।

फैंस की वजह से घर के बाहर इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल तैनात करने पड़े
सुरैया ने 1946 में फिल्म अनमोल घड़ी, 1947 में दर्द और 1948 में प्यार की जीत में काम किया। इन सभी फिल्मों ने उन्हें बहुत पॉपुलैरिटी दिलाई। खासकर फिल्म प्यार की जीत में दर्शकों ने उनके काम को खासा पसंद किया। फिल्म रिलीज के बाद सुरैया के घर के बाहर बड़ी तादाद में फैंस इकट्ठा हो गए थे। हालात बिगड़ने पर एक इंस्पेक्टर और चार कॉन्स्टेबल तैनात करने पड़े।

हालांकि इसके बाद भी फैंस अपनी चहेती सुरैया की एक झलक पाने के लिए उनके घर के बाहर जरूर आते थे। भीड़ इतनी ज्यादा होती थी कि लगभग हर समय ट्रैफिक जाम लगा रहता था। एक बार फैंस की यही दीवानगी सुरैया पर भारी पड़ गई।

सुरैया को अपनी एक फिल्म के प्रीमियर में जाना था। वो किसी तरह से घर के बाहर खड़ी भीड़ से बचते-बचाते थिएटर पहुंचीं। हॉल के अंदर काफी इंतजाम किए गए थे कि कोई सुरैया को पहचान ना ले, लेकिन तभी वहां पर मौजूद एक आदमी ने उन्हें पहचान लिया। वो चिल्ला कर बोला- अरे ये तो सुरैया हैं। ये सुनते ही भीड़ सुरैया पर टूट पड़ी। सुरैया को भीड़ ने इस कदर घेरा कि उनका दुपट्टा उनके हाथों से छूटकर दूर जा गिरा।

पहले तो काफी देर तक सुरैया के साथ आए सिक्योरिटी वाले भीड़ पर काबू पाने की कोशिश करते रहे, लेकिन जब सिक्योरिटी से बात नहीं बनी तब पुलिस को आना पड़ा। इस घटना का सुरैया पर इतना बुरा असर पड़ा कि उन्होंने पब्लिक प्लेस पर जाना ही बंद कर दिया। साथ ही इसके बाद वो कभी अपनी फिल्मों के प्रीमियर में भी नहीं गईं।

1948 की फिल्म विद्या ने बदल दी सुरैया की जिंदगी
1948 की फिल्म विद्या में सुरैया को देव आनंद के साथ देखा गया था। इस फिल्म से सुरैया की पूरी जिंदगी बदल गई। इसी के सेट पर पहली बार उनकी देव आनंद से मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात का भी दिलचस्प किस्सा है।

फिल्म विद्या की शूटिंग शुरू हो गई थी, लेकिन हीरो कौन होगा, इसका फैसला नहीं हुआ था। एक दिन सेट पर सुरैया कुर्सी पर बैठी हुई थीं। तभी उनकी नजर कोने में बैठे एक नौजवान पर पड़ी जो एकटक सुरैया को घूर रहा था।

सुरैया ने प्रोड्यूसर को बुलाकर उनसे ये बात कही।

सुरैया- वो जो शरीफ नौजवान कुर्सी पर बैठे हुए हैं, उन्हें वहां से हटा दीजिए। तभी मैं काम कर पाऊंगी।

प्रोड्यूसर देव आनंद के पास गए, लेकिन उन्हें बाहर भेजने के बजाय सुरैया के पास ले गए और मुस्कुराकर उनका परिचय करवाया।

प्रोड्यूसर- मिलिए, ये हैं हमारी फिल्म के हीरो देव आनंद।

सुरैया इससे आगे बोलतीं, तभी देव आनंद ने कहा- साथ काम करने से पहले एक नौजवान को इतनी बड़ी हीरोइन को अच्छी तरह से देख लेना चाहिए। गुस्ताखी माफ।

धर्म और परिवार की वजह से हुआ देव आनंद-सुरैया की प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत
इस मुलाकात के बाद दोनों फिल्म की शूटिंग में बिजी हो गए। रोज की मुलाकात के बाद दोनों में गहरी दोस्ती हुई और बाद में दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। सेट पर दोनों की आंखें एक-दूसरे को ढूंढती रहती थीं। देव आनंद उन्हें प्यार से नोजी बुलाते थे और सुरैया उनको स्टीव।

सेट के अलावा देव आनंद उनके घर भी जाते थे। घूमना-फिरना भी सब साथ में ही होता था, मगर कुछ समय बाद उनके इस प्यार को नजर लग गई। उनके रिश्ते की बात सुरैया की नानी को पता चल गई। नानी पुराने ख्यालों वाली थीं। उन्हें बिल्कुल भी मंजूर नहीं था कि सुरैया की शादी किसी गैर धर्म के लड़के से हो। ऐसे में उन्होंने देव आनंद का आना-जाना बंद करा दिया।

इस घटना के बाद नानी हर वक्त सुरैया के साथ रहती थीं। 1950 में देव आनंद और सुरैया ने साथ में दो और फिल्में सनम और जीत साइन की, लेकिन नानी सेट पर भी सुरैया को अकेला नहीं छोड़ती थीं, ताकि देव आनंद उनसे बात ना कर पाएं। साथ ही दोनों के रोमांटिक सीन्स को भी डायरेक्टर से हटाने के लिए कहती थीं। फोन पर भी बात नहीं हो पाती थी इसलिए दोनों खत के जरिए बात किया करते थे।

1949 में जीत की शूटिंग के दौरान देव आनंद सुरैया के साथ भागकर शादी करने को तैयार थे, लेकिन नानी को ये बात पता चल गई। परिवार के खिलाफ सुरैया नहीं जाना चाहती थीं इसलिए उन्होंने शादी के लिए मना कर दिया और देव आनंद से हमेशा के लिए दूरी बना ली। हालांकि ताउम्र वो देव आनंद से प्यार करती रहीं, किसी और से उन्होंने शादी नहीं की।

प्यार में पागल फैन शादी करने के लिए बारात लेकर घर पहुंच गया
सुरैया खुद तो ताउम्र देव आनंद के प्यार में रहीं, लेकिन उन्हें चाहने वाले सैकड़ों थे। राइटर इस्मत चुगताई के मुताबिक, एक दोपहर बारात आकर सुरैया के घर के बाहर रुक गई। दरवाजा खोलने पर उनका परिवार भौचक्का रह गया। वहां एक सजा-धजा दूल्हा सेहरा बांधे हुए बारातियों के साथ खड़ा था। उन लोगों के पास गहनों और कपड़ों से भरी थालियां भी थीं।

परिवार वालों ने उस शख्स से पूछा- आप कौन?

जवाब में उस शख्स ने कहा- मैं दूल्हा।

ये सुन परिवार के एक सदस्य ने कहा- क्या बात कर रहे हो भाई, दुल्हन कौन?

शख्स ने अकड़ के साथ कहा- सुरैया जबीन दुल्हन हैं, बारात जालंधर से आई है।

इतना कहने के बाद वो शख्स बारातियों के साथ घर में घुसने की कोशिश करने लगा। ये पागलपन देख सुरैया ने झट से खुद को बेडरूम के अंदर बंद कर लिया और रोने लगीं। जबकि उनकी मां बिल्कुल हैरान थी कि वो लोग दो लाख के गहने और कई महंगे कपड़े साथ लाए थे।

मां ने उस शख्स से कहा- हमें इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है और आप लोग को चले जाना चाहिए। इसके बावजूद वो लोग अपनी जिद पर अड़े रहे और धमकी देने लगे। हालात खराब होने पर फोर्स तैनात करनी पड़ी थी। तब जाकर मामला शांत हुआ।

शादी ना करने पर फैन ने दी थी सुसाइड करने की धमकी, जहर खा लिया था
किस्सा यह भी था कि एक फैन कई दिन से सुरैया को धमकी दे रहा था। उसका कहना था कि अगर उन्होंने शादी के लिए हामी नहीं भरी तो वो छत से कूदकर अपनी जान दे देगा। जब सुरैया ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो उस शख्स ने जहर खा लिया। फिर से मामले को संभालने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी।

जब दिलीप कुमार के साथ काम करने से कर दिया इनकार
40 के दशक में हर एक्टर और डायरेक्टर की इच्छा थी कि वो बस एक बार सुरैया के साथ काम कर लें। इस लिस्ट में दिलीप कुमार का नाम भी शामिल था। इसके लिए उन्होंने डायरेक्टर के. आसिफ से बात की थी कि वो उनके और सुरैया के साथ एक फिल्म बनाएं।

सुरैया के साथ काम करने को के. आसिफ भला कैसे मना कर सकते थे। उन्होंने भी हामी भर दी और दोनों को लेकर फिल्म जानवर की अनाउंसमेंट कर दी। सब कुछ तय हो गया, फिल्म की शूटिंग भी शुरू हो गई। तभी फिल्म के एक सीन के शूट के दौरान बवाल मच गया। सीन के मुताबिक, सुरैया के पैर पर एक सांप काट लेता है और दिलीप कुमार को उनकी जान बचाने के लिए पैर से चूसकर जहर बाहर निकालना था। वो सीन एक बार में ही परफेक्ट तरीके से शूट कर लिया गया, लेकिन उसी सीन को फिर से कई बार शूट किया जाता रहा, जिससे सुरैया परेशान हो गईं। ये बात उनके मामा को भी पता चल गई।

अगले दिन जब वो सेट पर पहुंचीं तो फिर से उसी सीन को शूट करने के लिए कहा गया। इस बार जैसे ही दिलीप कुमार सुरैया के पैर से जहर चूसकर निकालने की कोशिश करने लगे तो सुरैया ने अपना पैर खींच लिया और उठ खड़ी हुईं। वो दिलीप कुमार से गुस्सा हो गईं।

इसी बीच सुरैया के मामा भी आ गए और उन्होंने भी दिलीप कुमार को मारने की कोशिश की, लेकिन के. आसिफ बीच में आ गए। इस घटना के बाद सुरैया ने तय कर लिया कि वो कभी भी दिलीप कुमार के साथ किसी भी फिल्म में काम नहीं करेंगीं।

सुरैया के इस फैसले से के.आसिफ बहुत नाराज हो गए थे। उन्होंने कहा कि फिल्म पर उन्होंने इतना पैसा लगाया है उसकी भरपाई कौन करेगा। तब सुरैया ने एक चेक भरकर के. आसिफ को दिया और तुरंत ही गुस्से में सेट से निकल गईं। उस दिन के बाद वो फिल्म फिर कभी पूरी नहीं हुई।

हॉलीवुड एक्टर रात 11 बजे मिलने घर पहुंच गए
सुरैया की फैन फॉलोइंग सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी थी, जबकि सुरैया खुद हॉलीवुड के फेमस एक्टर ग्रेगरी पेक की दीवानी थीं। वो उनसे मिलना भी चाहती थीं। 1952 में भारत में पहला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल हुआ। इसमें सुरैया की मुलाकात हॉलीवुड डायरेक्टर फ्रैंक काप्रा से हुई। सुरैया ने अपनी एक फोटो पर साइन करके काप्रा को दिया और कहा- ये आप ग्रेगरी पेक को दे दीजिएगा।

इसके बाद जब एक बार ग्रेगरी इंडिया आए तो उन्होंने सुरैया से मुलाकात की इच्छा जताई। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेगरी उनसे रात के 11 बजे मिलने उनके घर पहुंचे। उन्होंने उनके घर का दरवाजा खटखटाया। सुरैया की मां ने दरवाजा खोला और ग्रेगरी ने उनसे पूछा- सुरैया कहां हैं मैडम। सुरैया को जब ग्रेगरी के आने का पता चला, तो वो बहुत खुश हुईं। इसके बाद सुरैया और ग्रेगरी पेक की मुलाकात हुई और दोनों ने करीब एक घंटे तक बातचीत की।

इसके बाद फिर से सुरैया और ग्रेगरी की मुलाकात फिल्मफेयर अवाॅर्ड्स सेरेमनी में हुई। इन चंद मुलाकात के बाद हर अखबार में यह खबर आई कि ग्रेगरी, सुरैया को लेकर हाॅलीवुड जाना चाहते हैं। खबरें यह भी रहीं कि ग्रेगरी उन्हें पसंद भी करते थे। हालांकि कुछ समय बाद इन खबरों को सुरैया की मां ने अफवाह करार कर दिया था।

उनकी मां का कहना था- ग्रेगरी साहब अपने देश के फेमस स्टार हैं। मेरी बेबी (सुरैया) भी देश की बड़ी स्टार है। इस वजह से इसमें कुछ एक्साइटेड होने वाली बात नहीं है।

34 साल की उम्र में फिल्मों से बनाई दूरी, 74 की उम्र में निधन हुआ
1936 से 1963 तक, सुरैया ने फिल्मों में काम किया था। खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली थी। इस बारे में उनका कहना था, ‘मुझे फिल्में छोड़ने का बिल्कुल भी अफसोस नहीं है। मैं हर दिन की शूटिंग से ऊब गई थी। कई सालों से ढंग से सो तक नहीं पाई थी। ठीक से खाना भी नहीं खा पाती थी क्योंकि मेरा वजन जल्दी बढ़ने लगता है। मैं फिल्में देखने या शूटिंग न करने का सपना ही देख सकती थी।

यह कहना थोड़ा गलत है, लेकिन सच यही कि मुझे तब बहुत खुश होती थी जब इंडस्ट्री में किसी का निधन हो जाता था और शूटिंग रोक दी जाती थी।

अब फिल्मों से खुद को दूर करने के बाद मैं अपनी पूरी नींद ले पाती हूं। शाॅपिंग पर जाती हूं। खास दोस्तों के साथ समय बिताती हूं। वो सब खा पाती हूं, जो मेरा मन करता है। इसके अलावा सबसे ज्यादा समय लोनावला स्थित अपने बंगले पर बिताती हूं।’

जिंदगी के अंतिम छह महीनों के दौरान सुरैया अपने वकील धीमंत ठक्कर के परिवार के साथ रहीं, जिन्होंने बीमार होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। वो हाइपोग्लाइसीमिया जैसी कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित थीं, जिस वजह से 31 जनवरी 2004 को 74 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। अंतिम यात्रा में शामिल हुए सभी लोगों की आंखें देव आनंद को ढूंढ रही थीं, लेकिन वो नहीं आए। इस तरह एक बार फिर से मोहब्बत की हार हुई।