Shilpa Shetty did her personal stunts in ‘Indian Police Drive’ | ‘इंडियन पुलिस फोर्स’ में शिल्पा शेट्टी ने खुद किए स्टंट्स: बोलीं-रोहित शेट्टी चाहते थे कि स्क्रीन पर रियल लगूं इसलिए बॉडी डबल यूज नहीं किया

Shilpa Shetty did her personal stunts in ‘Indian Police Drive’ | ‘इंडियन पुलिस फोर्स’ में शिल्पा शेट्टी ने खुद किए स्टंट्स: बोलीं-रोहित शेट्टी चाहते थे कि स्क्रीन पर रियल लगूं इसलिए बॉडी डबल यूज नहीं किया

18 घंटे पहलेलेखक: किरण जैन

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शिल्पा शेट्टी की मां तो अपने करियर में उन्होंने कभी किसी एक्ट्रेस को कंप्टीशन नहीं माना। इसी वजह से वे 30 सालों तक इंडस्ट्री में टिकी रहीं। इन दिनों, शिल्पा अपनी वेब सीरीज ‘इंडियन पुलिस फोर्स’ को लेकर चर्चा में हैं। सीरीज को रोहित शेट्टी ने डायरेक्ट किया है।

हाल ही में दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान, एक्ट्रेस ने अपनी सीरीज और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें शेयर की। बातचीत के दौरान, उन्होंने पैपराजी को कुछ हद तक अपने सक्सेसफुल करियर का भी श्रेय दिया। क्यों? आइए जानते हैं…

‘इंडियन पुलिस फोर्स’ से जुड़ा सबसे चुनौतीपूर्ण मोमेंट कौन सा था?

‘IPS’ के साथ-साथ, मैं फिल्म ‘सुखी’ की भी शूटिंग कर रही थी। दोनों ही प्रोजेक्ट एक-दूसरे से बहुत अपोजिट थे। IPS की तारा बहुत ही पावरफुल, बहादुर और सीनियर पुलिस अफसर है, वहीं ‘सुखी’ एक आम औरत की कहानी थी। एक वक्त में दो अपोजिट किरदार निभाना काफी चुनौतीपूर्ण था।

वहीं, अब तक जब भी मैंने कोई एक्शन सीन किए, स्टंट डबल के इस्तेमाल से किए हैं। इस सीरीज में मैंने पहली बार अपना एक्शन खुद किया। रोहित चाहते थे कि मैं स्क्रीन पर रियल दिखूं। ज्यादातर एक्शन सीन हमने एक ही शॉट में खत्म कर दिए थे। शूटिंग के दौरान, मुझे कुछ गंभीर चोटें भी आईं लेकिन जब स्क्रीन पर खुद को देखा तो काफी संतुष्टि मिली।

सुना है, किसी वक्त आपके पिता और रोहित शेट्टी के पिता ने एक साथ काम किया था?

जी हां। हम दोनों के पेरेंट्स एक-दूसरे को कई सालों से जानते थे। दरअसल, मेरे पिताजी को एक्शन का बहुत शौक था। उन्होंने रोहित के पिता, एम. बी, शेट्टी के साथ किसी एक प्रोजेक्ट में काम किया था। हालांकि, मेरे पिताजी को ये इंडस्ट्री ज्यादा रास नहीं आई और इसीलिए उन्होंने इसे छोड़ने का फैसला लिया। उसके बाद, हम दोनों के परिवार पूरी तरह से अलग हो गए और आज सालों बाद, मैं और रोहित एक साथ काम कर रहे हैं।

30 सालों की जर्नी में किस तरह के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा?

मैंने कभी कोई काम खुद को प्रूफ करने के लिए नहीं किया। मैं एक मिडिल क्लास बैकग्राउंड से थी, तो शुरुआत में मेरा काम करना बहुत जरुरी था। जैसे-जैसे काम मिला, मैं करती गईं। 17 साल की उम्र में मैंने अपनी पहली गाड़ी खरीदी, पहला घर खरीदा। दरअसल, उस उम्र में मैंने कभी एक्टिंग को अपना करियर बनाने का नहीं सोचा था। यहीं वजह रही कि उतार-चढ़ाव आए लेकिन मैं इस जर्नी को एन्जॉय करती रही।

आज यदि मैं इतने सालों तक इस इंडस्ट्री में टिक पाई तो इसीलिए क्योंकि मैंने सिर्फ अपने काम पर ध्यान दिया दूसरों के काम पर नहीं। मैंने कभी किसी भी अभिनेत्री को अपना कंप्टीशन नहीं माना। साथ ही, ऐसा कोई प्लेटफॉर्म नहीं जिस पर मैंने काम ना किया हो – फिल्म, रेडियो, टेलीविजन, ओटीटी और मेरा खुद का सोशल मीडिया ऐप भी है। कुल मिलाकर, पहले काम करना मेरी जरुरत थी लेकिन अब यह मेरा पैशन बन गया है।

फिल्मों का सिलेक्शन कैसे करती हैं?

मुझे इस इंडस्ट्री में काम करते-करते तकरीबन 30 साल हो गए हैं लेकिन इसके बावजूद जब भी कोई प्रोजेक्ट साइन करती हूं, सेट पर न्यूकमर की तरह ही एंट्री लेती हूं। देखिए , मैंने एक्टिंग में कोई ट्रेनिंग नहीं ली है, किसी भी एक्टिंग स्कूल का हिस्सा नहीं रहीं हूं। जो कुछ भी सीखा, सेट पर ही सीखा।

मेरे क्राफ्ट में जो भी सुधार आया है वो मेरे अनुभवों से आया है। जो भी फिल्में दिल को छू जाए, उसका हिस्सा बनती हूं। फिल्म ‘सुखी’ मेरे दिल के हमेशा करीब रहेगी।

आप पैपराजी की फेवरेट हैं, लेकिन क्या कभी ऐसा हुआ है कि आप पैपराजी को देखकर छुपते हुए निकली हैं।

छुपकर नहीं निकलती बल्कि उन्हें कह देती हूं कि आज मुझे क्लिक मत करो और वे मान भी जाते हैं। देखिए , पैपराजी अपना काम करते हैं। आज मैं जिस भी मुकाम पर हूं इसका श्रेय कुछ हद तक इन्हें भी जाता है। ये लोग भी हमारा काम ऑडियंस और फैंस तक पहुंचाते हैं। यदि ये लोग हम में इंटरेस्ट लेना बंद कर दें, तो आर्टिस्ट के लिए ये डर की बात है।

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