Padma Awards 2024: Vyjayanti Mala, Chiranjeevi to get Padma Vibhushan | पद्म पुरस्कार 2024: वैजयंती माला, चिरंजीवी को पद्म विभूषण मिलेगा: मिथुन और ऊषा उत्थुप का नाम पद्म भूषण के लिए चुना गया, पढ़िए पूरी लिस्ट

Padma Awards 2024: Vyjayanti Mala, Chiranjeevi to get Padma Vibhushan | पद्म पुरस्कार 2024: वैजयंती माला, चिरंजीवी को पद्म विभूषण मिलेगा: मिथुन और ऊषा उत्थुप का नाम पद्म भूषण के लिए चुना गया, पढ़िए पूरी लिस्ट

5 घंटे पहले

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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार (25 जनवरी) को 2024 के लिए पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया। इस बार 132 हस्तियों को पद्म पुरस्कार दिए जाएंगे, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री की नामचीन हस्तियों का नाम भी शामिल है। एक्ट्रेस वैजयंती माला, कोनिडेला चिरंजीवी को पद्म विभूषण और मिथुन चक्रवर्ती, ऊषा उत्थुप का नाम पद्म भूषण अवॉर्ड के लिए चुना गया है।

ये अवाॅर्ड इसी साल मार्च/अप्रैल में राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में दिया जाएगा।

इस बार जिन्हें पद्म विभूषण के लिए चुना गया…

वैजयंती माला बाली
87 साल की वैजयंती माला 50- 60 के दशक की बेहतरीन एक्ट्रेस थीं। वैजयंती माला ने 13 साल की उम्र में तमिल फिल्म से करियर शुरू किया था। उन्होंने आशा, नया दौर, साधना, मधुमती जैसी बेहतरीन फिल्में इंडस्ट्री को दी हैं।

कोनिडेला चिरंजीवी
68 साल के एक्टर चिरंजीवी 150 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्होंने 2008 में आंध्रप्रदेश में एक राजनीतिक दल प्रजा राज्यम पार्टी की शुरुआत की थी। 2006 में चिरंजीवी को पद्म भूषण मिल चुका है।

पद्मा सुब्रमण्यम
पद्मा सुब्रह्मण्यम भरत नाट्यम नर्तकी हैं। वह एक रिसर्च स्कॉलर, कोरियोग्राफर, शिक्षिका, इंडोलॉजिस्ट और लेखिका भी हैं। पद्मा के सम्मान में जापान, ऑस्ट्रेलिया और रूस में कई फिल्में और डॉक्यूमेंट्री बन चुकी हैं।

अब जानिए पद्म भूषण पुरस्कार पाने वाली हस्तियों के बारे में…

मिथुन चक्रवर्ती
73 साल के मिथुन 80-90 दशक के बेहतरीन एक्टर्स में से एक रहे। फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए उन्हें बहुत स्ट्रगल करना पड़ा था। बतौर एक्टर करियर शुरू करने से पहले वो मशहूर एक्ट्रेस हेलन के असिस्टेंट थे। उन्होंने 1976 की फिल्म मृगया से फिल्मी डेब्यू किया था। उन्हें डिस्को-डिस्को (1982), कमांडो (1988), प्यार झुकता नहीं (1985), गुलामी (1985), मुझे इंसाफ चाहिए (1983), घर एक मंदिर (1984), स्वर्ग से सुंदर (1986) और प्यार का मंदिर (1988) जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।

ऊषा उत्थुप
ऊषा उत्थुप भारत की पहली पॉप सिंगर हैं। उन्होंने 9 साल की उम्र में पहली परफॉर्मेंस दी थी। करियर के शुरुआती दिनों में ऊषा नाइट क्लब में गाना गाया करती थीं। ऊषा की आवाज से इम्प्रेस होकर देव आनंद ने उन्हें बॉम्बे टॉकीज (1971) में गाने का ऑफर दिया। ऊषा ने फिल्म में शंकर-जयकिशन के साथ इंग्लिश गाना गाया था। यह पहला मौका था, जब उन्होंने किसी फिल्म में गाना गाया था। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा ऊषा ने 16 अन्य भाषाओं में गाने गाए हैं, जिनमें गुजराती, मराठी, कोंकणी, डोगरी, खासी, सिंधी और ओडिशा शामिल हैं।

इसके अलावा संगीतकार प्यारेलाल शर्मा, वेटरन मराठी फिल्म डायरेक्टर दत्तात्रेय अंबादास मयालू उर्फ ​​राजदत्त और तमिल सिनेमा के जाने-माने एक्टर और राजनेता विजयकांत का नाम पद्म भूषण अवाॅर्ड के लिए चुना गया है।

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