Lok Sabha Elections: राम मंदिर के बाद PM मोदी की UP में पहली जनसभा, क्या राम लहर का तोड़ निकाल पाएगा विपक्ष

Lok Sabha Elections: राम मंदिर के बाद PM मोदी की UP में पहली जनसभा, क्या राम लहर का तोड़ निकाल पाएगा विपक्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल (25 जनवरी) उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हजारों करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इस दौरान वह एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे।

Publish Date: Wed, 24 Jan 2024 10:20 PM (IST)

Up to date Date: Wed, 24 Jan 2024 10:20 PM (IST)

PM मोदी की UP में पहली जनसभा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल (25 जनवरी) उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हजारों करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इस दौरान वह एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। राम मंदिर के बाद पीएम मोदी पहली बार यूपी में जनसभा को संबोधित करेंगे। उनके आने से यह तो तय है कि लोकसभा से पहले वह उत्तर प्रदेश के चुनावी मुद्दे को सेट कर जाएंगे। बुलंदशहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आता है। यहां पर ध्रुवीकरण की राजनीति का जोर चलता है। राम मंदिर से निकली रामलहर का तोड़ निकालना विपक्ष के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।

राम लहर में विपक्ष का पैर जमान मुश्किल

पश्चिमी उप्र में जनसभा कर पीएम मोदी पूरे उत्तर प्रदेश को साधने की कोशिश करेंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पार्टी ने पहली रैली बुलंदशहर में रखी है। पीएम मोदी की यहां जनसभा कराकर पार्टी एक साथ कई सियासी फायदे उठाना चाहती है। दरअसल, राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक कल्याण सिंह की राजनीतिक जमीन बुलंदशहर रही है। ऐसे में वह यहां राम मंदिर के हीरो को यादकर राम लहर को मजबूत करने का काम कर सकते हैं। ऐसे में यह इस लहर में अपने पैर जमा पाना विपक्ष के लिए आसान नहीं होगा।

लोकसभा के लिए सियासी जमीन तैयार करेंगे पीएम मोदी

रानीतिक पंडितों का मानना है कि पश्चिमी उप्र की राजनीति ध्रुवीकरण पर ही टिकी हुई है। ऐसे में पीएम मोदी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के जरिए वोटरों को सियासी संदेश देना चाहेंगे। वह रामलला, सनातन धर्म, चंद्रयान सहित राष्ट्रगौरव के मुद्दों को उठाकर लोकसभा के लिए सियासी जमीन तैयार कर जाएंगे।

जीत की चाबी है पश्चिमी उत्तर प्रदेश

भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी का चेहरा बनाकर पहली बार 2014 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ से ही विजय शंखनाद रैली की थी। ध्रुवीकरण पर ही टिकी पश्चिमी उप्र की सियासत में मोदी की लहर में विपक्ष उड़ गया था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 14 में 14 सीटें भाजपा ने जीती थीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया था। 71 में से 51 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा व रालोद का गठबंधन हो गया। मुस्लिम, दलित व जाट समाज का वोट बंट न पाने की वजह से भाजपा को सात सीटों का नुकसान हुआ था। इस बार पार्टी ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को सहारनपुर, बिजनौर नगीना जैसी सीटों को साधने के लिए उतार रखा है।

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