Korba Secl Information: महाप्रबंधक कार्यालय में बाजे के साथ मांगा छेरछेरा में मांगा रोजगार

Korba Secl Information: महाप्रबंधक कार्यालय में बाजे के साथ मांगा छेरछेरा में मांगा रोजगार

ऊर्जाधानी भू- विस्थापित किसान कल्याण समिति के संतोष चौहान, कुश बंजारा ने कहा कि कोयला खदान विस्तार के लिए झूठा आश्वासन देकर किसानों की जमीन हथिया लिया जाता है

Publish Date: Thu, 25 Jan 2024 11:52 PM (IST)

Up to date Date: Thu, 25 Jan 2024 11:52 PM (IST)

HighLights

  1. भू- विस्थापित बेरोजगारों ने कहा कि जब तक रोजगार नहीं मिलता है आंदोलन बंद नही होगा।
  2. भू-विस्थापितों ने कहा कि पिछले दिनों खदान में प्रदर्शन के बाद सूची मंगाई गई थी
  3. भर्ती शुरू नही होने से नाराज बेरोजगारों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा।

कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। एसईसीएल में नियोजित आउटसोर्सिंग कंपनियों में स्थानीय बेरोजगारों के बजाय बाहरी लोगों की भर्ती पर रोक लगाते हुए खदान प्रभावितों को रोजगार की मांग करते हुए गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय में छेरछेरा के अवसर पर बाजे गाजे के साथ बैठे और रोजगार दिलाने की मांग की। महाप्रबंधक ने रोजगार उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। भू- विस्थापित बेरोजगारों ने कहा कि जब तक रोजगार नहीं मिलता है आंदोलन बंद नही होगा।

भू-विस्थापितों ने कहा कि पिछले दिनों खदान में प्रदर्शन के बाद सूची मंगाई गई थी पर अभी तक कंपनियों में रोजगार देना आरंभ नही हुआ है और आउटसोर्सिंग कंपनियां टालमटोल की नीति अपना रही है। इससे नाराज बेरोजगारों ने ऊर्जाधानी संगठन के नेता रुद्र दास मंहत और संतोष चौहान की अगुआई में महाप्रबंधक के में पहुंचकर छेरछेरा में रोजगार की मांग की। रुद्र दास महंत ने बताया कि प्रबंधन के साथ वार्ता हुई थी, इसमें एक सप्ताह में बेरोजगारों की भर्ती शुरू करने का आश्वासन दिया गया था किंतु भर्ती शुरू नही होने से नाराज बेरोजगारों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा।

ऊर्जाधानी भू- विस्थापित किसान कल्याण समिति के संतोष चौहान, कुश बंजारा ने कहा कि कोयला खदान विस्तार के लिए झूठा आश्वासन देकर किसानों की जमीन हथिया लिया जाता है और रोजगार, मुआवजा और बसाहट की समस्या का निराकरण नही किया जाता। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को गुमराह करके मकानों का नापी के लिए बाध्य किया जा रहा है बसाहट के लिए ठोस योजना नही बनाई गई है। जमीन के एवज में रोजगार का मामला लटका कर रखा गया है और रोजगार के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी मुहैय्या नहीं कराया जा रहा है जबकि प्रभावित क्षेत्र से बाहर के लोंगो की भर्ती जारी है।

admin

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