Gyanvapi Case : एएसआई रिपोर्ट सामने आने के बाद ओवैसी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह पेशेवर पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी समूह के सामने जांच में टिक नहीं पाएगा।
Publish Date: Fri, 26 Jan 2024 09:47 AM (IST)
Up to date Date: Fri, 26 Jan 2024 09:49 AM (IST)
HighLights
- असदुद्दीन ओवैसी ने ASI को हिंदुत्व का गुलाम बता दिया है।
- कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को सभी पक्षकारों को 839 पेज की रिपोर्ट सौंप दी गई है।
- मंदिर पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने 20 पेज की फाइंडिंग रिपोर्ट के आधार पर प्रेस वार्ता की।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सर्वे में हिंदू मंदिर होने के स्पष्ट प्रमाण सामने आने के बाद असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए हैं। ASI की सर्वे रिपोर्ट देखकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ASI को हिंदुत्व का गुलाम बता दिया है। गौरतलब है कि कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को सभी पक्षकारों को 839 पेज की रिपोर्ट सौंप दी गई है। इसकी कॉपी मिलने के बाद मंदिर पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने 20 पेज की फाइंडिंग रिपोर्ट के आधार पर प्रेस वार्ता की और कई जानकारियां शेयर की है।
This wouldn’t stand tutorial scrutiny earlier than any set {of professional} archaeologists or historians. The report is predicated on conjecture and makes a mockery of scientific research. As an ideal scholar as soon as mentioned “ASI is the handmaiden of Hindutva“
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 25, 2024
एएसआई के सर्वे में ये खुलासा
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी परिसर में दीवार पर उकेरी गई हिंदू धर्म से संबंधित तस्वीरें और लिखे गए कई संस्कृत शब्द इस बात का खुलासा कर रहे हैं कि कभी यहां विशाल हिंदू मंदिर रहा होगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि एक बीम पर नागरी लिपि में ‘कासी’ लिखा हुआ भी पाया गया है। यह 17वीं शताब्दी का है और रिपोर्ट में इसकी फोटो भी लगाई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, अवशेषों पर संस्कृत में श्रीमच्छा, पा भृगुवास, वद्विजातिश्च, आय अर्जानी, णरायै परोप, जातिभि: धर्मज्ञ: जैसे श्लोक भी अंकित हैं।
ओवैसी ने रिपोर्ट को नकारा
एएसआई रिपोर्ट सामने आने के बाद ओवैसी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह पेशेवर पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी समूह के सामने जांच में टिक नहीं पाएगा। ओवैसी ने कहा कि यह रिपोर्ट वैज्ञानिक शोध का मजाक उठा रही है और पूरी तरह से अनुमान पर आधारित है।