Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का संबोधन, बोलीं- अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों में देश

Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का संबोधन, बोलीं- अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों में देश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर संबोधन दे रही हैं। उन्होंने कहा कि देश अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों में है। यह परिवर्तन का समय है। हमें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सुनहरा अवसर दिया है।

Publish Date: Thu, 25 Jan 2024 07:19 PM (IST)

Up to date Date: Thu, 25 Jan 2024 07:31 PM (IST)

राष्ट्रपति का संबोधन।

एएनआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर संबोधन दे रही हैं। उन्होंने कहा कि देश अमृत काल के प्रारंभिक वर्षों में है। यह परिवर्तन का समय है। हमें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सुनहरा अवसर दिया है। हर किसी का योगदान हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नागरिक महत्वपूर्ण होंगे।

उन्होंने कहा कि कल वह दिन है जब हम संविधान के प्रारंभ होने का जश्न मनाएंगे। इसकी प्रस्तावना “हम, भारत के लोग” शब्दों से शुरू होती है। भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है। यही कारण है कि भारत को “लोकतंत्र की जननी” कहा जाता है।

भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा देखी

उन्होंने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में, हमने अयोध्या में निर्मित गौरवशाली नए मंदिर में भगवान श्री राम की मूर्ति की ऐतिहासिक ‘प्राण प्रतिष्ठा’ देखी। जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य से देखा जाएगा, तो भविष्य के इतिहासकार इसे भारत की अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर दोबारा खोज में एक मील का पत्थर मानेंगे। उचित न्यायिक प्रक्रिया और देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। अब यह एक भव्य इमारत के रूप में खड़ा है, जो न केवल लोगों के विश्वास की अभिव्यक्ति देता है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में लोगों के भारी विश्वास का प्रमाण भी है।

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