गणतंत्र दिवस से पहले गुरुवार की शाम को पद्म पुरस्कार का एलान हो गया है। उन हस्तियों के नाम बताए गए हैं, जिनको पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा।
Publish Date: Thu, 25 Jan 2024 09:44 PM (IST)
Up to date Date: Thu, 25 Jan 2024 10:38 PM (IST)
एएनआई, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस से पहले गुरुवार की शाम को पद्म पुरस्कार का एलान हो गया है। उन हस्तियों के नाम बताए गए हैं, जिनको पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। 23 जनवरी को ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कूर्परी ठाकुर को भारत रत्न देने का एलान हुआ है।
1- दक्षिण अंडमान के जैविक किसान के चेल्लाम्मल ने सफलतापूर्वक 10 एकड़ का जैविक फार्म विकसित किया है। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
2- पुरुलिया के सिंदरी गांव के आदिवासी पर्यावरणविद् दुखू माझी, जिन्होंने हर दिन अपनी साइकिल से नई जगहों की यात्रा कर बंजर भूमि पर 5,000 से अधिक बरगद, आम और ब्लैकबेरी के पेड़ लगाए हैं। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
3- कासरगोड के चावल किसान सत्यनारायण बेलेरी ने 650 से अधिक पारंपरिक चावल किस्मों को संरक्षित करके धान की फसलों के संरक्षक के रूप में विकसित किया
4- गुरविंदर सिंह, सिरसा के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता, जिन्होंने बेघर निराश्रितों, महिलाओं, अनाथों और दिव्यांगजनों की भलाई के लिए काम किया है। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
5- जागेश्वर यादव, जशपुर के एक आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता हैं। उन्होंने हाशिये पर पड़े बिरहोर पहाड़ी कोरवा लोगों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
6- पारबती बरुआ, भारत की पहली मादा हाथी महावत हैं। उन्होंने रूढ़िवादिता से उबरने के लिए 14 साल की उम्र में जंगली हाथियों को वश में करना शुरू किया। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
7- प्रेमा धनराज, प्लास्टिक रिकंस्ट्रक्टिव सर्जन सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह जले हुए पीड़ितों की देखभाल और पुनर्वास के लिए समर्पित हैं। वह अपनी विरासत सर्जरी से आगे बढ़ा रही हैं। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
8- सोमन्ना, मैसूरु के एक जनजातीय कल्याण कार्यकर्ता है। वह 4 दशकों से अधिक समय से जेनु कुरुबा जनजाति के उत्थान के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
9- आइजोल के एक सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा हैं। वह मिजोरम का सबसे बड़ा अनाथालय ‘थुतक नुनपुइटु टीम’ चला रहे हैं। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
10- नारायणपुर के एक पारंपरिक औषधीय चिकित्सक हेमचंद मांझी हैं। वह 5 दशकों से अधिक समय से ग्रामीणों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने 15 साल की उम्र से जरूरतमंदों की सेवा करना शुरू कर दिया था। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
11- यानुंग जमोह लेगो, पूर्वी सियांग स्थित हर्बल चिकित्सा विशेषज्ञ हैं। उन्होंने 10,000 से अधिक रोगियों को चिकित्सा देखभाल प्रदान की है। उन्होंने 1 लाख व्यक्तियों को औषधीय जड़ी-बूटियों के बारे में शिक्षित किया है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को उनके उपयोग में प्रशिक्षित किया है।