जानकारों का कहना है कि अब आठवीं बार स्वच्छता के नंबर वन के ताज के लिए इंदौर के सामने चुनौती और कड़ी होगी।
Publish Date: Fri, 12 Jan 2024 11:57 AM (IST)
Up to date Date: Fri, 12 Jan 2024 11:57 AM (IST)
HighLights
- अगले स्वच्छ सर्वेक्षण में चक्रव्यूह के आठवें द्वार का भेदन करेगा इंदौर, तैयारी शुरू
- प्रति व्यक्ति 10 ग्राम कचरा भी किया कम तो आठवी बार भी नंबर वन का ताज होगा पक्का
- 9500 अंकों का होगा अगला मुकाबला
Swachh Sarvekshan उदय प्रताप सिंह, इंदौर। महाभारत के युद्ध में जिस तरह वीर अभिमन्यु ने चक्रव्यूह के सात द्वारों को आसानी से पार कर लिया था लेकिन आठवीं चुनौती यानी आठवें द्वार को पार करने में कड़ी मशक्कत करना पड़ी थी। इंदौर ने भी स्वच्छता के क्षेत्र में कड़ी चुनौतियां पार करते हुए सात द्वार पार कर लिए हैं।
आठवीं बार नंबर वन के ताज के लिए चुनौती और कड़ी
अब आठवीं बार नंबर वन के ताज के लिए चुनौती और कड़ी होगी। पिछले तीन वर्षों से सर्वेक्षण में दूसरे स्थान पर आ रहे सूरत शहर ने इस बार इंदौर के साथ संयुक्त विजेता बनकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। अब इंदौर को आठवीं बार पदक अपने पास रखने के लिए प्रतिमान और कड़े करने होंगे।
योजना पर शुरू किया अमल
इंदौर ने सातवें पदक के साथ ही इसकी योजना पर अमल शुरू कर दिया है। अगले सर्वेक्षण में इंदौर का पूरा जोर कचरे की मात्रा को कम करने पर है। यदि इंदौर ने प्रति व्यक्ति 10 ग्राम कचरे की मात्रा को भी कम किया तो आठवीं बार भी नंबर 1 का ताज इंदौर ही हासिल करेगा।
महज 0.2 अंक से ही आगे रहा इंदौर
इंदौर को कुल अंक मिले: 9348.4
सूरत को कुल अंक मिले: 9348.2
इस तरह सूरत ने दी चुनौती
वर्ष | प्रथम व द्वितीय | जीत का अंतर |
2020 | इंदौर (1), सूरत (2) | 127.97 अंक |
2021 | इंदौर (1), सूरत (2) | 58.93 अंक |
2022 | इंदौर (1), सूरत (2) | 221 अंक |
2023 | इंदौर (1), सूरत (1) | 0.2 अंक |
जनता के फीडबैक में सूरत से भी पीछे रहा इंदौर
स्वच्छ सर्वेक्षण में इस वर्ष जहां इंदौर शहर सभी कैटेगरी में दूसरे शहरों से अव्वल है। वहीं जनता के फीडबैक की कैटेगरी में इस वर्ष इंदौर सूरत से भी पीछे रहा है। गौरतलब है कि इस वर्ष के सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक के 2170 अंक थे। सूरत को जहां इस कैटेगरी में 2144.9 अंक मिले, वहीं इंदौर को 2139 अंक ही मिले। जनता के फीडबैक में जहां सर्वे की टीम शहर में आकर लोगों से सफाई के मुद्दों पर पूछताछ करती है। फोन पर भी लोगों की राय जानी जाती है। इतना ही नहीं वोट फार माय सिटी एप, स्वच्छ सर्वेक्षण के वेबसाइट, माय गवर्नमेंट एप के माध्यम से लोगों के फीडबैक लिए जाते हैं।
इन चुनौतियों के लिए अभी से खुद को करना होगा तैयार
कचरे में कमी
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की थीम है कचरे को कम करना। वर्तमान में शहर में प्रति व्यक्ति 400 ग्राम कचरा उत्पन्न होता है। प्रति व्यक्ति 10 ग्राम भी कचरे में कमी लाना होगा।
पैकेजिंग के कचरे पर रोक
शहर में ई-कामर्स वाली कंपनियों के माध्यम से लोगों के पास पहुंचने वाले पैकेजिंग मटेरियल से काफी ज्यादा मात्रा में कचरा उत्पन्न होता है। इसे कम करना होगा।
डिस्पोजेबल फ्री बाजार बढ़ाए
छप्पन दुकान व विजयनगर चाट चौपाटी की तरह शहर के अन्य खाद्य उत्पाद बिक्री के प्रतिष्ठानों को डिस्पोजेबल फ्री करना होगा।
प्लास्टिक कचरे में कमी
अमानक पाली बैग के उपयोग पर रोक। प्रतिदिन 120 टन प्लास्टिक का कचरा कम करना होगा।
होम कंपोस्टिंग
अभी 56 हजार लोग घरों में गीले कचरे से खाद बना रहे। होम कंपोस्टिंग अभी 10 प्रतिशत है जिसे 12 से 15 प्रतिशत करना होगा।
बैकलेन सफाई
वर्तमान में 1 हजार बैकलेन ही साफ है। शहर के अन्य दो हजार बैकलेन जनभागीदारी से साफ करनी होगी।
नदी की सफाई: कान्ह-सरस्वती नदी व तालाबों की सफाई सुनिश्चित करना होगी।