Vikram Lander: नासा के अंतरिक्ष यान ने 100 KM दूर से चंद्रमा पर विक्रम लैंडर के भेजी लेजर किरणें, रोशनी लौटी तो खुशी से झूम उठे वैज्ञानिक

Vikram Lander: नासा के अंतरिक्ष यान ने 100 KM दूर से चंद्रमा पर विक्रम लैंडर के भेजी लेजर किरणें, रोशनी लौटी तो खुशी से झूम उठे वैज्ञानिक

नासा ने यह पता लगाने में सफलता हासिल की कि दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर सटीक रूप से कहां स्थित है।

Publish Date: Tue, 23 Jan 2024 08:55 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 23 Jan 2024 08:55 AM (IST)

भारत का विक्रम लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर है। अपना काम पूरा करने के बाद से विक्रम लैंडर सुप्त अवस्था में है।

HighLights

  1. लेजर पल्स तकनीक का सफलतापूर्वक प्रयोग
  2. कोई वस्तु कितनी दूर है, यह पता लगाने के लिए नासा ने भेजी थी लेजर
  3. चंद्रमा पर है चंद्रयान का विक्रम लैंडर

एजेंसी, वॉशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। नासा ने अपने अंतरिक्ष यान से चंद्रमा पर स्थित भारत के चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर पर 100 किमी दूर से लेजर किरणें फेंकी। जब किरणें लौटकर आईं तो अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

जानिए कितनी अहम है यह सफलता

बता दें, भारत का विक्रम लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर है। अपना काम पूरा करने के बाद से विक्रम लैंडर सुप्त अवस्था में है।

इस बीच, नासा ने जानकारी दी कि लेजर किरण को लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (एलआरओ) और विक्रम लैंडर पर छोटे आकार के उपकरण के बीच प्रसारित और परावर्तित किया गया। इस सफलता का अर्थ है कि चंद्रमा की सतह पर लक्ष्य का सटीक पता लगाने का रास्ता खुल गया है।

नासा ने यह पता लगाने में सफलता हासिल की कि दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर सटीक रूप से कहां स्थित है। अब नासा का कहना है कि लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में मंजिनस क्रेटर के पास एलआरओ से 100 किलोमीटर दूर था।

किसी वस्तु की ओर लेजर पल्स भेजना और यह मापना कि प्रकाश को वापस लौटने में कितना समय लगता है। यह जमीन से पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों के स्थानों को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है।

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