Islamists demonstrate in Bangladesh: बांग्लादेश में 5 अगस्त को सत्ता परिवर्तन के बाद हालात तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं. पूर्ववर्ती आवामी लीग सरकार के शासनकाल में प्रतिबंधित किए गए इस्लामी उग्रवादी संगठन अब सार्वजनिक रूप से सक्रिय हो गए हैं. शुक्रवार को ढाका की राष्ट्रीय मस्जिद बैतुल मुकर्रम के बाहर जुमे की नमाज के बाद हिज्ब उत-तहरीर, विलायाह बांग्लादेश, अंसार अल-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों के सदस्यों ने खुलेआम ‘जिहाद’ के समर्थन में नारे लगाए.
‘हम हैं मिलिटेंट’ और ‘जिहाद चाहिए’ जैसे लगे नारे
चश्मदीदों और स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग मस्जिद के बाहर जमा हुए और उन्होंने “जिहाद चाहिए, जिहाद से जीना है”, “नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर”, “कौन हैं हम? मिलिटेंट, मिलिटेंट”, और “इस्लामी बांग्लादेश में काफिरों के लिए कोई जगह नहीं” जैसे नारे लगाए. इन नारों और बयानों से यह साफ जाहिर हो गया कि इन कट्टरपंथी संगठनों ने अपनी मौजूदगी फिर से जतानी शुरू कर दी है.
कागजों में प्रतिबंधित, लेकिन मैदान में सक्रिय
इन संगठनों को पहले देशव्यापी बम धमाकों और आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते प्रतिबंधित किया गया था. हालांकि अब भी कागजों में ये संगठन प्रतिबंधित हैं, लेकिन व्यावहारिक रूप से वे पोस्टर, बैनर और स्लोगनों के जरिए खुलकर सक्रिय हो गए हैं.
300 से ज्यादा आतंक आरोपी रिहा
5 अगस्त के बाद सत्ता परिवर्तन होते ही आतंकवाद से जुड़े मामलों में जेल में बंद सैकड़ों लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. बांग्लादेश के जेल विभाग के अनुसार, 300 से अधिक मिलिटेंट्स जेल से बाहर आ चुके हैं. इनमें कई वे लोग हैं जिन्हें पहले उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
11 महीनों में JMB के 148 आरोपी हुए रिहा
पिछले 11 महीनों में सिर्फ जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से जुड़े 148 आरोपी जमानत पर रिहा किए जा चुके हैं. इनमें कई नाम ऐसे हैं जो हर्कत-उल-जिहाद, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम, हमजा ब्रिगेड और हिज्ब उत-तहरीर जैसे खतरनाक संगठनों से जुड़े रहे हैं.
मुफ्ती जसीमुद्दीन रहमानी को भी मिली जमानत
अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के प्रमुख माने जाने वाले मुफ्ती जसीमुद्दीन रहमानी को भी सत्ता परिवर्तन के बाद जमानत मिल चुकी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, वह हाल ही में मिलिट्री सुरक्षा के साथ सार्वजनिक रूप से इस्लामी नारे लगाते देखे गए.
जमात-ए-इस्लामी की बड़ी रैली
इसी बीच कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने शनिवार को ढाका के सुहरावर्दी उद्द्यान में एक राष्ट्रीय रैली का आयोजन किया है. इस रैली में भाग लेने के लिए शुक्रवार से ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता राजधानी में जुटने लगे हैं. कुछ पारंपरिक कपड़ों में, तो कुछ सफेद टी-शर्ट में नजर आए जिन पर लिखा था-“पहला वोट लुटेरों के खिलाफ”,“वोट दो तराजू को.”