अघोरी बाबा महाकुंभ 2025 जानिए अघोरी बनने की प्रक्रिया और चरणों के बारे में
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अघोरी बाबा महाकुंभ में आकर्षण केंद्र हैं। अघोरी साधु तंत्र साधना करते हैं। अघोरियों को भोला या खतरनाक साधु माना जाता है।

अघोर का अर्थ है जो घोर नहीं है, अर्थात जो भयावह नहीं है, सरल और सौम्य है। अघोरी देखने में बहुत अलग और डरावने हो सकते हैं लेकिन ये दिल के बच्चे की तरह होता है। इनके अंदर कल्याण जन की भावना होती है।

अघोरी की सबसे बड़ी पहचान यह है कि वे कभी किसी से कुछ नहीं मांगते हैं। लोग श्मशान, शव, मुर्दे, मांस और कफन से घृणा करते हैं लेकिन अघोरी ग़ुलामते हैं। अघोरी बनने के लिए तीन आरंभिक राक्षस राक्षस हैं।

अघोरी बनने के लिए एक उपयुक्त गुरु की तलाश करना है। गुरु ने बताई हर बात का पालन। इस दौरान गुरु द्वारा बीज मंत्र दिया जाता है। यह विरासत में मिला हुआ दिग्दर्शन कहा जाता है।

दूसरी परीक्षा में गुरु शिष्य को जल का आचमन देकर कुछ आवश्यक जानकारी दी जाती है। इसमें गुरु शिष्य के हाथ, गले और कमर पर एक काला धागा बांधते हैं।

तीसरे परीक्षण में शिष्य को रंभात दिग्दर्शन गुरु द्वारा दिया जाता है। इस प्रवचन में जीवन और मृत्यु का पूरा अधिकार गुरु को दिया गया है। इस दौरान कई सारे बिजली बंद हो गए। सफल होने के बाद गुरु को शिष्य को अघोरपंथ के गहन रहस्यों के बारे में जानकारी मिलती है।
प्रकाशित: 19 जनवरी 2025 12:43 अपराह्न (IST)
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