<पी शैली="पाठ-संरेखण: औचित्य सिद्ध करें;">15 जनवरी को पुणे में सेना दिवस मनाया गया। यह पहली बार है, जब पुणे में यह आयोजन होगा। इन दिन होने वाली सेना दिवस परेड में ‘रोबोटिक डॉग’ का खास आकर्षण होगा। इन क्वाड्रिपैडल आनंदमंड ग्राउंड बेसर्स (QUGV) को भविष्य की सैन्य तकनीक के तौर पर देखा जा रहा है और ये सेना के कुछ काम आसान कर देगी। इनकी 100 यूनिट भारतीय सेना में शामिल हो गई है। आइए जानते हैं ऐसे ही तकनीकी उद्यमों के बारे में।
क्या है ‘रोबोट डॉग’ की खासियत?
इस ‘रोबोट डॉग’ को दिल्ली स्थित एयरोआर्क कंपनी ने तैयार किया है। यह आर्क वेंचर (ARCV) की एक कंपनी है। यहां MULE का मतलब मल्टी यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट है। यह ग्राउंड रोबोट हर मौसम में काम कर सकता है। अधिकारियों ने बताया कि यह टेली-ऑपरेशनल और सुरक्षा से संबंधित कई टूल का उपयोग किया जा सकता है। यह साइंटिस्ट जनरल, इलेक्ट्रिकल और रेकी करने का भी काम कर सकता है।
इनसे बना है ‘रोबोट डॉग’
यह एक कंप्यूट बॉक्स, बैटरी, फ्रंट सेंसर हेड, फाइबर सेंसर हेड और पैर से बना है। उदाहरण के तौर पर 15 मिनट का समय लगता है। इसका कुल वजन 51 डिग्री है और -45 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में यह काम कर सकता है। इसे डस्ट वॉटर और रजिस्टेंस के लिए IP67 रेटिंग मिली है। यह 3 मीटर प्रति सेकंड की टॉप स्पीड के साथ चल सकता है। यह NVIDIA Xavier CPU लॉन्च किया गया है। मुख्यतः 12 किलोमीटर पेलोड क्षमता वाले इस MULE का स्टैंडबाय रनटाइम 20 घंटे है।
हर प्रकार के इलाके में किया जा सकता है काम
इसकी अन्य सेवाओं के बारे में बात करें तो यह सीढ़ियां और ग्राउंड फ्लोर पर चढ़ सकती हैं। इसमे लेबल्स की मदद से यह आपके सामने आ रही बच्चों से बिना निकाले निकल सकता है। यह कम रोशनी वाली जगह पर भी काम करना संभव नहीं है। इसकी मदद किसी भी जगह से ऑडियंस और विजुअल टेक्नोलॉजी से की जा सकती है। इस प्रकार के मौसम और क्षेत्र में काम किया जा सकता है।
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