भारत जीडीपी 2025: जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष (2024-25) में भारत की विचारधारा को लेकर अनुमान लगाया है। नोमुरा में अर्थशास्त्रियों की टीम ने कहा है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था 6 प्रतिशत तक बढ़ेगी जबकि इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 में देश की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत से अधिक थी। वित्त वर्ष 26 में इसके 5.9 फीसदी स्थिर रहने का अनुमान लगाया गया है. इससे पहले, एजेंसी ने चालू वर्ष वित्त वर्ष के लिए 6.7 प्रतिशत और वित्त 26 के लिए 6.8 प्रतिशत के विकास दर का अनुमान लगाया था।
क्लास को लेकर एजेंसी ने दिया रिलीफ भरा स्टडी
एजेंसी ने सितंबर महीने में भारत में सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट के खतरों के बारे में बात की थी। एजेंसी ने कंपनी को लेकर राहत दी है और इसमें ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। नोमुरा की टीम का कहना है कि गणतंत्र वर्ष 2025 में बार्सिलोना दर रिकॉर्ड 4.9 प्रतिशत होगा, जो वित्त वर्ष 2024 में 5.4 प्रतिशत था और वित्त वर्ष 2026 में और गिरावट के साथ यह 4.3 प्रतिशत होगा। टीम में शामिल इकोनोमिस्ट का कहना है कि भारत के बीच देशों के बीच स्थिरता में स्थिरता की गुंजाइश है।
आरबीआई ने बिक्री का अनुमान लगाया
इसके विपरीत आरबीआई के ग्रेडर्स ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए अर्थव्यवस्था का औसत 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसे एजेंसी ने और अधिक ‘आशावादी’ बताया है।
एजेंसी ने परचेज पावर में सुधार न होने की कही बात
नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस दौरान खाने-पीने की शराब की दुकान पर असर पड़ सकता है। जैसे कि पाम ऑयल की तरह कुछ नीग्रो की ग्रोथ से लोग तलाश से बचेंगे और ऐसे में प्रोजेक्ट की पावर में सुधार की कोई भी पात्र दिखाई नहीं देता है। हालाँकि, अच्छी बारिश, समुद्र तट की अच्छी कीमत और रुचि के टुकड़ों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कमी की कमी बढ़ सकती है। इकोनॉमिस्ट का मानना है कि स्लोगन की गति धीमी हो सकती है। अब आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि देश के विकास को लेकर किसका अध्ययन सही विकल्प है।
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