चीन भारत 6वां जेनरेशन फाइटर जेट: हाल ही में चीन ने अपनी दूसरी छठी पीढ़ी के फाइटर जेट को एक साथ उड़ाकर दुनिया में हलचल मचा दी थी। चाइना ने अपने दो नोटबुक का परीक्षण किया है, जिसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया है। चीन की 6वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को लेकर कई देशों में खतरे की आशंका जताई जा रही है। वहीं, भारत में भी चीन के मित्र प्रिंट्स की टिप्पणी दे रही है। जहां भारत के पास पांचवी जेनरेशन का कोई फाइटर जेट नहीं है, वहीं चीन अब अपना छठा जेनरेशन के विमान का काम पूरा कर चुका है।
वहीं भारत का एक और पड़ोसी देश पाकिस्तान चीन से फाइववे जेनरेशन का फाइटर जेट खरीद रहा है। जबकि भारत ने हाल ही में 4.5 जेनरेशन का राफेल फाइटर जेट खरीदा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को दुनिया के 2 छठी पीढ़ी के फाइटर जेट प्रोजेक्ट में शामिल होने का ऑफर मिला है। बुल्गारिया की मीडिया के मुताबिक, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन ने भारत को अपने फ्यूचर कॉम्बैट एयर सिस्टम (FCAS) में शामिल करने का ऑफर दिया है। ये देश भारत छठी पीढ़ी के फाइटर जेट बनाने के प्रोजेक्ट में शामिल करना चाहता है। वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन, जापान और इटली के एक ग्रुप ने भी भारत के ग्लोबल कॉम्बैट एयर सिस्टम (जीसीएएस) को शामिल करने का ऑफर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत को मिले ये ऑफर भारत की एक प्रतिष्ठित प्रतिष्ठा के रूप में बढ़ी रही प्रतिष्ठा को दिखाया गया है।
⚠️ 𝐁𝐫𝐞𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐍𝐞𝐰𝐬 ⚠️
🇨🇳 | चीन के छठी पीढ़ी के फाइटर जेट का नया फुटेज, उपनाम (श्वेत सम्राट)…
चीन ने आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है… pic.twitter.com/6C3sPYph4A
– ईरान स्पेक्टेटर (@IranSpec) 26 दिसंबर 2024
बीच मंझधार में फंस गया भारत
एथोट के अनुसार, अब दो ऑफर्स की वजह से भारत बीच मंझधार में फंस गया है. भारत के लिए अब समीक्षा की बात यह है कि भारत ने अपने स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट सिस्टम (एएमसीएस) एयरक्राफ्ट में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। जो भारत को 5.5 जनरेशन के फाइटर जेट के साथ हवाई युद्ध में तकनीकी आत्मनिर्भरता दे सकता है। यदि भारत एफसीएएस या जीसीएएस में से किसी एक को चुना जाता है तो उसे संस्करण तकनीक भी मिल सकती है। लेकिन इससे भारत के अपने एएमसीएस प्रोजेक्ट से ध्यान भटकाया जा सकता है।
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