सामान्य भविष्य निधि: 31 दिसंबर 2024 को पब्लिक प्राविडेंट फंड में निवेश करने वाले को कैसे शामिल किया जाए! पीऑफ़ के साथ क्या हो रही है नैन्सीफ़ी की सरकार ख़त्म! पिछले साल अक्टूबर 2018 में पब्लिक प्राविडेंट फंड के ब्याज की वसूली की गई थी। 2019 के चुनाव से पहले पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर रुचि को 8 प्रतिशत कर दिया गया था। लेकिन उसके बाद पीएफ़एफ़ पर फ्रेंडशिप राइटर कभी भी बढ़िया नहीं रहा। यानि 6 साल से ज्यादा समय से पी पी पी के इंटरेस्ट में डकैती नहीं डाली गई है।
सुकन्या समृद्ध पर अधिक, पीफ पर कम मिल रही रुचि!
मई 2022 के बाद जब आरबीआई के रिजर्वो रेट में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई तो बैंकों ने भी शेयरधारकों पर ब्याज हासिल कर लिया। इसके बाद सरकार ने छोटी बचत योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र, नेशनल सेवा योजना, और पोस्टऑफिस की दूसरी सेवा योजना पर भी रुचि इच्छा में शामिल कर दी। लेकिन पब्लिक प्राविडेंट फंड के ब्याज ब्याज दर पर कोई शेयर नहीं दिया गया, जिस पर 7.1 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है। जबकि सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है।
2018 के बाद शानदार पीऑफ़ पर ब्याज नहीं
पिछले साल अक्टूबर 2018 में पब्लिक प्राविडेंट फंड की शेयरहोल्डिंग की गई थी और इसे 8 फीसदी कर दिया गया था। लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 से इसे 7.1 फीसदी कर दिया गया। जब छोटी बचत ब्याज ब्याज ब्याज दर में 50 से 140 आधार तक की कटौती कर दी गई थी। पिछले दो वर्षों में छोटी बचत योजनाओं की रुचि में कोई भी बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन पब्लिक प्रोविडेंट फंड को अलग रखा गया है और इसकी रुचि में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है।
फॉर्मूला रेट्स से कम मिल रही दिलचस्पी
आरबीआई ने यह भी माना है कि फॉर्मूले के आधार पर नीचे दिए गए रेट्स से पीआईएफ पर 41 बेसिस प्वाइंट यानी 0.41 प्रतिशत कम ब्याज दिया जा रहा है। रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर श्यामलानाथ गोपी की अगुआई वाले पैनल ने सरकार को अलविदा कहा था।
नए साल में कौन सी जगहें!
सवाल यह है कि पीफ के निष्कों और सुकन्या समृद्धि योजना के जातकों के बीच यह भेदभाव क्यों? 31 दिसंबर 2024 को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा के दौरान क्या सरकार पीआईएफएक्स शेयरधारकों को जारी करेगी?
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