18 साल से कम उम्र के यूट्यूबर्स की कमाई पर टैक्स के संबंध में यूट्यूब अर्निंग नियम
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यूट्यूब अब एक वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म ही नहीं, बल्कि कमाई का जरिया भी बन गया है। इस प्लेटफॉर्म पर पैसेज लोग तरह-तरह के क्वेश्चन कमा रहे हैं। हालाँकि, आय के बढ़ते अवसरों के साथ कॅरिअम (एआई-टी) अधिनियम 1961 के तहत इन पर टैक्स लगाने के क्या नियम हैं, यह जानते हैं।
यूट्यूब से होने वाली कमाई को व्यावसायिक आय के पद पर रखा जाता है। यदि इस मंच से कुल आय एक करोड़ से कम है, तो निर्माता बिना बेंचमार्क स्टॉक रिटर्न फाइल कर सकते हैं, यदि आय एक करोड़ से अधिक है, तो नियम 6ए के तहत मंजूरी अनिवार्य है।
उदाहरण
यूट्यूब पर कमाई एक करोड़ से ज्यादा है, उन्हें सेक्शन 44AB के तहत कर प्रतिबंध लगाना जरूरी है। यह काम किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट से जुड़ा हुआ है। ग्रॉस इन्कम से सभी तरह की कटौतियों के बाद जो नेट टैक्स इन्कम उसे नेट टैक्स इन्कम कहता है।
अगर किसी का कर डेट 10,000 रुपये से अधिक है, तो उसे पूर्व कर का भुगतान करना होगा। एडवांस टैक्स पूरे साल में चार किश्तों में जमा हो जाता है। 15 जून से 15 प्रतिशत तक, 15 सितंबर से 45 प्रतिशत तक, 15 दिसंबर से 75 प्रतिशत और 15 मार्च से 100 प्रतिशत तक टैक्स का भुगतान करना होगा।
जीएसटी पर यूट्यूब इन्कम
भारत में यूट्यूब से 18 प्रतिशत की दर से बिजनेस का भुगतान करना है। क्रिएटर्स को डिजिटल रजिस्टर के लिए अप्लाई करना होगा और चैनल पर विज्ञापन से हो रही कमाई पर लग रहे थिएटर का अकाउंट कर उसका रिटर्न समय-समय पर भरना होगा।
यूट्यूब से कमाई करने वालों की उम्र अगर 18 साल से कम है, तो वे यूनिक टैक्स कंसिडिशन के ग्रुप में आते हैं। यानी कि उनकी आय को माता-पिता की आय से क्लब न करते हुए उनकी आय पर अलग-अलग टैक्स लगता है। कुल मिलाकर YouTube की कमाई के एक नए माध्यम के रूप में तेजी से फल-फूल रहा है इसलिए टैक्स लेकर भी जिम्मेदारी अपनी को भली-भांति समझकर उसका पालन करना होगा।
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