क्या आप जानते हैं डॉ. मनमोहन सिंह की संपत्ति का पूरा सच? | पैसा लाइव | आप डॉ. मनमोहन सिंह की संपत्ति का पूरा सच क्या जानते हैं?

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भारत के 14वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, जो अपनी नम्रता और कर्मठता के लिए चले गए, 92 साल की उम्र में इस दुनिया को कह गए। देश की इंडस्ट्री को नई दिशा देने वाले इस महान अर्थव्यवस्था की संपत्ति और जीवन से जुड़ी कई रोचक बातें सामने आईं। क्या आप जानते हैं कि उनकी कुल संपत्ति 15.77 करोड़ रुपये थी और वे बिना किसी कर्ज के जीवन जीते थे? उनके जीवन, साक्ष्य और विरासत को समझने के लिए यह खास वीडियो देखें

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सचिन तेंदुलकर मेलबर्न क्रिकेट क्लब के पहले भारतीय मानद सदस्य बने, यहां जानें नवीनतम खेल समाचार

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सचिन तेंदुलकर, एमसीसी: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉक्सिंग डेट टेस्ट मेल क्रिकेट खेला जा रहा है। वहीं, इस बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने मेलबोर्न क्रिकेट क्लब का सदस्य बनने का दावा स्वीकार कर लिया है। शुक्रवार को मेलबोर्न क्रिकेट क्लब ने इस बात की जानकारी दी। मेलबोर्न क्रिकेट क्लब ऑस्ट्रेलिया का सबसे पुराना खेल क्लब है। इसकी स्थापना 1838 में हुई थी. यह खेल के प्रमुख स्थानों में से एक मेल क्रिकेट मैदान के प्रबंधन और विकास के लिए जिम्मेदार है। अब मास्टर ब्लास्टर मेलबोर्न क्रिकेट क्लब के सदस्य बन गए हैं।

मेलबोर्न क्रिकेट क्लब ने अपने पोस्ट में क्या लिखा?

मेलबोर्न क्रिकेट क्लब ने अपने पोस्ट में लिखा है- ‘एक ‘आइकन’ को सम्मानित किया गया। एमसीसी ने घोषणा करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि पूर्व भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर ने अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए मानद क्रिकेट एसोसिएशन को स्वीकार कर लिया है। इससे पहले सचिन तेंदुलकर को साल 2014 में इंग्लैंड में यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब की मांड प्रयोगशाला से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा मास्टर ब्लास्टर मैरीलबोन क्रिकेट क्लब के सदस्य भी हैं।

लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड के बाद एमसीसी का सम्मान…

एसोसिएट्स कि मैरीलबोन क्रिकेट क्लब लंदन में लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड और मुंबई में मद्रासजी क्रिकेट क्लब के संरक्षक थे, जहां सचिन तेंदुलकर को शुरुआती दिनों में ट्रेनिंग मिली थी। क्रिकेट इतिहास के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक है साकीत का साज़िश। यह भारतीय दिग्गज का अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक 1989 से 2013 तक चला। भारत के लिए सचिन तेंदुलकर ने 664 मैचों में 34,357 रन बनाए, जबकि 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए।

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आज का पंचांग 28 दिसंबर 2024 आज शनि प्रदोष व्रत प्रारंभ मुहूर्त योग राहु काल समय ग्रह नक्षत्र

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आज का पंचांग: आज 28 दिसंबर 2024 को पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानि प्रदोष व्रत और शनिवार है। ये शनि प्रदोष व्रत होगा. अभी ठंड का मौसम है, ऐसे में शास्त्रों के अनुसार शनि प्रदोष व्रत के दिन ऊनी फूलों का दान करें, इससे शनि के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

कुंडली में चल रहे शनि का दोष दूर करने के लिए इस दिन काले तिल पर शनि का दोष दूर करें और जलाभिषेक करें। साथ ही काली गाय को रोटी खिलाएं. इसका अर्थ यह है कि आर्थिक, मानसिक और दैहिक वर्गीकरण का समाधान होता है।

आइए जानें आज का शुभ-अशुभ उत्सव (शुभ मुहूर्त 28 दिसंबर 2024), राहुकाल (आज का राहु काल), शुभ योग, ग्रह परिवर्तन, व्रत-त्योहार, तिथि आज का पंचांग (Panchang in Hindi).

आज का पंचांग, ​​28 दिसंबर 2024 (कैलेंडर 28 दिसंबर 2024)














दिनांक त्रयोदशी (28 दिसंबर 2024, प्रात: 2.26 – 29 दिसंबर 2024, प्रात: 3.32)
पक्ष कृष्ण
युद्ध शनिवार
नक्षत्र अनुराधा
योग शूल
राहुकाल प्रातः 9.48 – प्रातः 11.05
सूर्योदय प्रातः 7.08 – सायं 05.27
चंद्रोदय
प्रात: 5.47 – दोपहर 3.08, 29 दिसंबर
दिशा शूल
पूर्व
चंद्र राशि
वृश्चिक
सूर्य राशि धनु

शुभ मुहूर्त, 28 दिसंबर 2024 (शुभ मुहूर्त)









ब्रह्म देवता प्रातः 04.46 – प्रातः 05.37
अभिजित मठाधीश दोपहर 12.01 – दोपहर 12.43
गोधूलि महोत्सव शाम 05.28 – शाम 05.55
विजय उत्सव दोपहर 01.59 – दोपहर 02.44
अजय काल पुजारी
प्रातः 11.04 – दोपहर 12.47
निशिता काल पुजारी रात्रि 11.56 – प्रातः 12.50, 29 दिसम्बर

28 दिसंबर 2024 अशुभ मुहूर्त (आज का शुभ मुहूर्त)

  • यमगण्ड – दोपहर 1.40 – दोपहर 2.48
  • अदल योग – रात्रि 10:13 – प्रात: 12:24, 29 दिसंबर
  • गुलिक काल – प्रातः 7.13 – प्रातः 8.30
  • विडाल योग – प्रातः 7.13 – प्रातः 10.13
  • भद्रा काल – प्रातः 3.32 – प्रातः 7.13, 29 दिसम्बर

आज का उपाय

शनिवार और प्रदोष व्रत के संयोग में आज जूता-चप्पल, फल, गर्म फूलों का दान करें। इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है.

जनवरी प्रदोष व्रत 2025: जनवरी में प्रदोष व्रत कब-कब? पहला व्रत है बेहद खास नोट करने की तारीख

अस्वीकरण: यहां चार्टर्ड सूचना सिर्फ अभ्यर्थियों और विद्वानों पर आधारित है। यहां यह जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह के सिद्धांत, जानकारी की पुष्टि नहीं होती है। किसी भी जानकारी या सिद्धांत को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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डीयू में जॉब पाने का शानदार मौका, इस तारीख तक कर लें अप्लाई, खत्म हो जाएंगे तीन पद

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नौकरी की तलाश में बैठे युवाओं के लिए बेहद शानदार खबर है। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने अपनी 2024 भर्ती प्रक्रिया के लिए पंजीकरण तिथि आगे बढ़ा दी है। अब अभ्यर्थी 16 जनवरी 2025 तक विभिन्न अभ्यर्थियों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

एजुकेशनल कि पहले आवेदन की अंतिम तिथि 27 दिसंबर 2024 थी, जिसे अब 16 जनवरी 2025 कर दिया गया है। इस भर्ती अभियान के तहत कुल 137 परमाणु पर्चों की नियुक्तियां शामिल हैं, जिनमें 11 सहायक पद, 46 वरिष्ठ पद और 80 पद शामिल हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय में गैर-शैक्षणिक अभ्यर्थियों के लिए आवेदन प्रक्रिया 18 दिसंबर 2024 को शुरू हुई थी। इच्छुक उम्मीदवार दिल्ली विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट du.ac.in पर आवेदन कर सकते हैं।

ऐसे होगा चयन
इन पर आधारित पर आधारित परीक्षण का चयन प्रारंभिक परीक्षा (एमसीक्यू आधारित) और मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षण के आधार पर किया जाएगा।

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इतना देना होगा आवेदन शुल्क
इस भर्ती अभियान के लिए बेरोजगारी भत्ता का भुगतान करना होगा। आवेदन शुल्क विभिन्न गंतव्यों के लिए अलग-अलग निर्धारित किया गया है। सामान्य/अनारक्षित श्रेणी के लिए शुल्क 1000 रुपये है। वहीं, एबीसीओएल (एनसीएल), ईडब्ल्यूएस और महिला शेयरधारक के लिए 800 रुपये तय किए गए हैं। अध्ययन, एसटी और पीडब्ल्यूबीडी श्रेणी के लिए शुल्क 600 रुपये है। यह शुल्क केवल ऑनलाइन माध्यम से ही भुगतान किया जा सकता है।

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कैसे करें आवेदन

  • आवेदन करने के लिए अभ्यर्थी सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट du.ac.in पर जाएं। और “नवीनतम अपडेट” अनुभाग में “गैर-शिक्षण पद” लिंक लिंक देखें।
  • फिर वैरायटी लिंक पर क्लिक करने के बाद एक नया खुला पेज आएगा, जिसमें आपको “ऑनलाइन एप्लिकेशन लिंक” पर क्लिक करना होगा।
  • अब इसके बाद एक नया ओपन पेज खुलेगा, जहां अभ्यर्थियों को अपना नामांकन करना होगा।
  • फिर से नामांकन के बाद आवेदन फॉर्म को पूरी तरह से भरें और शुल्क का भुगतान करें।
  • अब फॉर्म सबमिट करने के बाद उसे डाउनलोड कर लें।

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शिक्षा ऋण की जानकारी:
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सलमान खान बर्थडे: कैटरीना कैफ से लेकर भाग्यश्री तक, बी-टाउन स्टार्स ने दी सलमान खान को जन्मदिन की बधाई

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मनमोहन सिंह की मृत्यु और जन्म तिथि एक ही 26 अंक, शनिदेव मूलांक 8 से संबंधित संयोग

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मनमोहन सिंह की मृत्यु: देश के पूर्व डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ। वे दिल्ली एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 92 वर्ष के थे. मनोविज्ञानी सिंह की मृत्यु के बाद यूएसएसआर में शोक की लहर है। देश की आर्थिक प्रगति, विकास और राजनीति में उनका अमूल्य योगदान रहा है। हम सभी उनके सरल, सरल जीवन और निःस्वार्थ सेवा को नमन करते हैं।

मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहेंगे। लेकिन उनके पीछे छोड़ दिया एक ऐसा हादसा जिसकी चर्चा का विषय है. जन्म और मृत्यु की तारीख किसी को नहीं दिखती। लेकिन मनमोहन सिंह के जीवन में 26 तारीख का एक ऐसा संयोग है जो जोकी के जन्म से लेकर मृत्यु तक उनके साथ रहा।

जन्म-मरण संसार की, जिससे हर किसी को नियति मिलती है। गीता में भी कहा गया है कि जिसका जन्म इस संसार में हुआ उसकी मृत्यु भी निश्चित है। जीवन की शुरुआत हुई है तो अंत भी होगा। जन्म से लेकर मृत्यु तक की इसी अवधि को हम जीवन कहते हैं। मृत्यु अटल सत्य है, लेकिन मृत्यु कब, कैसे और किस अवस्था में होगी यह किसी को भी ज्ञात नहीं है।

मृत्युतिथि भी होती है अहम

आमतौर पर जन्मतिथि को हम अधिक नैतिकता देते हैं। लेकिन मृत्युतिथि भी अहम मानी जाती है। यही वह तारीख है जिसमें हम उन महापुरुषों द्वारा बनाए गए महान खिलाड़ियों को याद करते हैं, उनके विचारों पर विचार करते हैं। क्योंकि जन्म के समय सभी व्यक्ति सामान्य ही होते हैं। लेकिन जीवनभर में कर्मों से वह महान बनता है। यही कारण है कि महापुरुषों की मृत्यु के बाद भी उन्हें याद किया जाता है और अमर कहलाते हैं।

मनमनोहन सिंह और 26 अंक का संयोग

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव में 26 सितंबर 1932 को हुआ था। उनकी मृत्यु भी इसी तारीख 26 दिसंबर 2024 को हुई। 26 तारीख को ही उनका जन्म हुआ और 26 तारीख को ही वे दुनिया को अलविदा कह गए। अब आप इसे संयोग से या फिर भाग्य का लिखा कुछ भी कह सकते हैं। लेकिन ज्योतिष की माने तो मनमोहन सिंह की मृत्यु और जन्मतिथि का सीधा संबंध शनि से है।

26 शनि से क्या होता है नाता

अंक ज्योतिष के अनुसार 26 अंक का मूलांक 8 (2+6=8) होता है। ज्योतिषाचार्य अनीश व्यास कहते हैं कि 8 अंक के स्वामी शनि देव हैं। शनि देव को हम न्याय और कर्म के देवता भी कहते हैं। आमतौर पर कहा जाता है कि, जिन लोगों का जन्म किसी भी महीने 8,17 और 26 तारीख को होता है तो भगवान शनि देव की कृपा रहती है। लेकिन मनमोहन सिंह का केवल जन्म ही नहीं मृत्यु भी इसी तिथि पर हुई। ऐसे में यह कहा गया है कि शनि देव के जन्म से लेकर मृत्यु तक उनके साथ रहने तक यह गलत नहीं होगा।

शनि का साथ हर किसी को नहीं मिलता. बल्कि जो लोग अपने जीवन में न्यायपूर्ण कार्य करते हैं। दीन-दुखियों की सेवा करते हैं। किसी भी कार्य को करने के लिए काफी प्रयास करते हैं और लोगों की मदद करते हैं। शनिदेव शनि देव लोगों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। 8 मूलांक वालों पर शनि का प्रभाव रहता है।

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अस्वीकरण: यहां चार्टर्ड सूचना सिर्फ अभ्यर्थियों और विद्वानों पर आधारित है। यहां यह जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह के सिद्धांत, जानकारी की पुष्टि नहीं होती है। किसी भी जानकारी या सिद्धांत को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया

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दल्लेवाल पर सुप्रीम कोर्ट: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (27 दिसंबर) को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की विरासत पर चिंता जताई है, डल्लेवाल ने पिछले एक महीने से गंभीर काल की हड़ताल पर हैं, जो 26 नवंबर से शुरू हुई थी। अदालत ने पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता मिलनी चाहिए।

कोर्ट सुप्रीम की बेंच ने कहा, “अगर कानून-व्यवस्था की स्थिति है तो आपको संकेत से नियम बनाना होगा। किसी की जन शर्त पर लगी है। आपको इसे बेचने से पहले लेने की जरूरत है। चिकित्सा सहायता दी जानी चाहिए और ऐसा लगता है कि आप इसका पालन नहीं कर रहे हैं।”

पंजाब के मुख्य सचिव और रियासत को नोटिस जारी

राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजेपी) के खिलाफ राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजेपी) ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ एक अधिसूचना जारी की है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को 28 दिसंबर तक कंप्लायंस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। जब मामले की फिर से सुनवाई होगी तो उस समय मुख्य सचिव और रियासत को आय के दौरान रियासत में रहने का भी निर्देश दिया गया था।

‘किसानों ने अस्पताल ले जाकर किया विरोध’

इस बीच, पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने अदालत को बताया कि आठ कैबिनेट मंत्री और पंजाब के साम्राज्य का एक गणतंत्र डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने के लिए विरोध स्थल पर रखा गया था, लेकिन किसानों ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा, “मेरे पास सब कुछ लेबल है। अगर कोई फिजिकल धक्का-मुक्की करता है तो हम जोखिम नहीं उठा सकते।” इस पर बेंच ने जवाब दिया, “हमें उन किसानों के बारे में गंभीर संदेह है, जो सतर्क और सलाहकार नहीं हैं और उनके जीवन के बारे में चिंतित नहीं हैं।”

मामले में केंद्र के पासपोर्ट पर सरकार का बयान

जब पीठ ने आश्चर्यचकित होकर कहा कि केंद्र राज्य सरकार किसको सहायता दे सकती है तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र के प्रवेश में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। फेथ ने कहा, “कुछ लोग डल्लेवाल को बंधक नहीं रख सकते। किसी व्यक्ति की जान खतरे में है। राज्य सरकार कर सकती है।” फेट ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती सुविधा का अधिकार मिलना चाहिए।

डल्लेवाल का मोदी को पत्र

पंजाब के महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री को एक पत्र जारी किया था, जब 24 दिसंबर को एक महाधिवक्ता ने उनसे मुलाकात की थी। पत्र में डल्लेवाल ने कहा कि वह चिकित्सा सहायता के लिए सहायता करने को तैयार होंगे, जब सरकार किसानों के साथ बातचीत शुरू करेगी।

20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल के अस्पताल में भर्ती का फैसला लेते हुए पंजाब सरकार के अधिकारियों और विचारकों को छोड़ दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 70 साल के डल्लेवाल को पंजाब और हरियाणा के बीच खानौरी सीमा पर विरोध स्थल के 700 मीटर के भीतर स्थापित छोटे अस्पताल में ले जाया जा सकता है।

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जापान के सरकारी प्रधानमंत्री आवास के बारे में माना जाता है यहां का भूतिया स्थान, जानिए क्या है वजह?

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जापान के प्रधान मंत्री निवास: अक्टूबर में चुने गए जापान के नए प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने अपने आधिकारिक आवास में रहने की इच्छा व्यक्त की है। हालाँकि जापान के प्रधानमंत्री आवास की भूतिया होने की अफवाह काफी समय से चल रही है। 5183 वर्ग मीटर में फैला यह दो मंज़िला पत्थर और समूह मूल रूप से प्रधानमंत्री कार्यालय के रूप में वर्ष 1929 में बनाया गया था। इसका आर्ट डेको डिजाइन 20वीं सदी की शुरुआत में जापान की आधुनिकता को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसका डिज़ाइन अमेरिकी आर्किटेक्ट फैंक लॉयड रिस्टॉयड ने इंस्पायर्ड एंपायर होटल से बनाया था, जिसे साल 1923 में पूरा किया गया था।

जापानी राजनीतिक इतिहास में कई संघर्षों का स्थान रहा है यह भवन

प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास जापानी राजनीतिक इतिहास में कई संघर्षों का स्थल रहा है। 1932 में प्रधानमंत्री सुओशी इनुकाई के इस आवास में युवा नौसैनिक अधिकारियों ने एक विद्रोह के दौरान हत्या कर दी थी। इस घटना के चार साल बाद एक और सैन्य विद्रोह इसी स्थान पर हुआ था। तब प्रधानमंत्री केइसूके ओकाडा ने एक गुड़ियाघर में छिपकर अपनी जान बचाई, हालांकि इस विद्रोह के दौरान पांच लोग मारे गए थे। उस समय के विद्रोह के दौरान एक गोली का निशान भवन के प्रवेश द्वार के ऊपर आज भी बना है।

2005 में आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री आवास बनाया गया

कई दशकों तक उपयोग के बाद इस भवन का नवीनीकरण कार्य 2005 में पूरा हुआ। जापानी सरकार ने इसे फिर से भव्य बनाया और प्रधान मंत्री के लिए एक रहने योग्य बनाने के लिए लगभग 8.6 बिलियन येन खर्च किए गए। 2005 के बाद यह भवन आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री आवास बन गया।

पूर्व पति की पत्नी से नामांकन अपना अनुभव

पूर्व प्रधानमंत्री सुतोमु हाता की पत्नी यासुको हाता ने 1996 में इस आवास में रहने के दौरान अपनी दोस्ती के बारे में बताया था। उन्होंने “वहाँ अजीब और भयावह” महसूस किया और रात के समय बागीचे में सैन्य अधिकारियों की आँखें भी देखीं। वहीं एक अन्य पूर्व कलाकार योशिरो मोरी ने भी कहा था कि उनके इस आवास में भूतों का सामना हुआ था।

हालाँकि, इन उपन्यासों के बावजूद, सरकारी अधिकारियों ने इन अफ़वाहों को बार-बार दोषी ठहराया है। 2013 में जब शिंजो आबे प्रधानमंत्री के रूप में दूसरे पद पर थे, तब सरकार ने एक बयान जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि उन्हें भवन में किसी प्रकार की भूतिया चोरी की जानकारी नहीं है। बता दें कि रेनोवेशन से पहले एक शिंटो पुजारी के माध्यम से भवन से भूतों को निकालने के लिए एक अनुष्ठान भी किया गया था।

जापान में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री आवास के रूप में रहे शिंजो आबे अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान टोक्यो के शिबुया जिले में अपने निजी घर में रहते थे। यहां तक ​​कि शिंजो आबे के उत्तराधिकारी योशिहिदे सुगा ने भी यहां रहने का फैसला नहीं लिया।

पूर्व प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने तोड़ी थी ये परंपरा

2021 के दिसंबर महीने में जापान के बने फुमियो किशिदा ने इस परंपरा को तोड़ने और बाकी आवास में रहने का फैसला लिया। जब उनसे भूतों के बारे में पूछा गया तो किशिदा ने कहा कि उन्होंने किसी भी भूत का सामना नहीं किया है।

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कम काम के बदले अधिक पैसे का घोटाला, युवा व्यवसायी से 57 लाख की ठगी

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वर्क फ्रॉम होम और कम काम के बदले में ज्यादातर पैसा कमाई का, लालची लोगों से, गरीबों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। एक ताजा मामले में एक 27 साल के व्यापारी की 57 लाख रुपये की चपत लगी। उसे कम काम के बदले में ज्यादा पैसा कमाने का लालच दिया गया। अब साइबर क्राइम पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

अगस्त में हुई थी स्कैम की शुरुआत

इस स्कैम की शुरुआत 16 अगस्त को हुई, जब मुंबई के पास एक महिला का संदेश आया। उन्होंने हर दिन 3 घंटे के ऑफ़लाइन काम के बदले में 4,650 रुपये की कमाई की। दो दिन बाद उनके पास एक और महिला का संदेश आया और उन्होंने एक फैक्ट्री को कंपनी के मंच पर नामांकित करने को कहा। इसके बदले में उनके डिजिटल विज्ञापन में 10,000 रुपये देखने को मिले। जैसे-जैसे कारीगर काम करते जा रहे थे, उनके सिद्धांतों में मात्रा बढ़ती गई।

कंपनी में निवेश के नाम पर अंकित मूल्य:

इसके बाद महिला ने बिजनेसमैन को मैंगो फैशन नाम की एक कंपनी में निवेश करने का मन बना लिया। कुछ ही समय में मछुआरों ने जालसाजों की तरफ से दिए गए 11 अलग-अलग खातों में 58 लाख रुपये की सूची दी। इस निवेश और उनके काम के बदले की कमाई को मिलाकर उनके डिजिटल पोर्टफोलियो में कुल 76 लाख रुपये दिख रहे थे, लेकिन जब उनके इस पैसे की तलाश हुई तब उन्हें यह समझ में आ गया। उन्होंने अपने खाते से लगभग 31,000 रुपये ही निकाले।

13 दिन में लग गया चर्च

29 अगस्त को सुपरमार्केट ने सुपरमार्केट में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और 24 दिसंबर को इस मामले में 14 अलग-अलग लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

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आईपीओ अलर्ट: अन्या पॉलीटेक एंड फर्टिलाइजर्स आईपीओ में मुख्य तिथियां, आवंटन स्थिति और पूर्ण समीक्षा जानें

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पैसा लाइव

27 नवंबर, 01:01 अपराह्न (IST)

आईपीओ अलर्ट: राजपूताना बायोडीजल आईपीओ में मूल्य बैंड, जीएमपी, मुख्य तिथियां, आवंटन और पूर्ण समीक्षा जानें | पैसा लाइव

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