पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में श्री बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का वर्चुअली लोकार्पण किया। इसे लेकर दशहरा मैदान (पोलोग्राउंड) पर आयोजन हुआ। आयोजन का शुभारंभ सांसद विवेक बंटी साहू ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
By Dheeraj kumar Bajpai
Publish Date: Fri, 15 Nov 2024 01:45:57 PM (IST)
Up to date Date: Fri, 15 Nov 2024 01:45:57 PM (IST)
HighLights
- सांसद बंटी बोले- भाजपा ने हमेशा ही आदिवासी समाज के हित में काम किया।
- महापौर विक्रम अहके ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही आदिवासियों को ठगा है।
- कार्यशाला, लाइब्रेरी, कार्यालय, 800 दर्शकों की क्षमता वाला ओपन एयर थिएटर।
नईदुनिया, छिंदवाड़ा (Shri Badal Bhoi Tribal Museum)। छिंदवाड़ा में श्री बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का वर्चुअली लोकार्पण किया। सांसद बंटी विवेक साहू, अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह, भाजपा जिला अध्यक्ष शेषराव यादव और महापौर विक्रम अहके मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान सांसद बंटी विवेक साहू ने कहा कि भाजपा ने हमेशा ही आदिवासी समाज के हित के लिए काम किया है।
महापौर ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही आदिवासियों को ठगने का काम किया है
महापौर विक्रम अहके ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही आदिवासियों को ठगने का काम किया है। कुछ पार्टियों भगवान श्री राम के नाम पर आदिवासियों को लड़ाने का काम करती हैं जबकि आदिवासी हमेशा ही भगवान श्री राम के प्रिय रहे है। भगवान श्री राम के प्रति आदिवासियों में अटूट श्रद्धा है।
अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह ने बताई हकीकत
- अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह ने कहा कि लोग हमेशा ही सांसद बंटी विवेक साहू को पकड़ कर रखे।
- पहले के जो सांसद थे उनके बारे में जनता भली भांति जानती है। सांसद बंटी विवेक साहू सबके लिए सुलभ है।
- जनजातीय संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को प्रदर्शित करने के लिए 6 गैलरियों का निर्माण किया।
- कार्यशाला कक्ष, एक लाइब्रेरी, कार्यालय के लिए स्थान, 800 दर्शकों की क्षमता वाला ओपन एयर थिएटर भी है।
- अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह बोले- शिल्प बाजार (शिल्पग्राम) और एक ट्राइबल कैफेटेरिया की भी सुविधा है।
प्रथम गैलरी – रानी दुर्गावती को समर्पित
रानी दुर्गावती के संघर्ष, उनकी वीरता और उनकी महान विरासत को संजोने वाली यह गैलरी उनके शासन, जनजातीय समाज में उनके योगदान और बाहरी आक्रमणकारियों से उनके संघर्ष को प्रदर्शित करती है।
गैलरी दो – गोंड राजाओं का संघर्ष
दूसरी गैलरी में ब्रिटिश शासनकाल में गोंड राजाओं द्वारा अपने राज्यों की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए किए गए संघर्ष का चित्रण किया गया है। इसमें गोंड जनजातीय राजाओं की स्वतंत्रता की इच्छा और ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ उनकी लड़ाई को दिखाया गया है।
गैलरी तीन – जंगल सत्याग्रह
यह गैलरी 1927 के इंडियन फॉरेस्ट एक्ट के विरोध में जनजातीय समाज द्वारा किए गए संघर्ष को ‘जंगल सत्याग्रह’ के रूप में प्रस्तुत करती है। इसमें जंगलों पर अधिकार और वन संसाधनों के उपयोग के लिए जनजातीय समाज के आंदोलन को दर्शाया गया है।
गैलरी चार – भील-भिलाला जनजाति का संघर्ष
चौथी गैलरी भील-भिलाला जनजाति के उन वीर सेनानियों को समर्पित है जिन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ गोरिल्ला युद्ध का इस्तेमाल किया। यहां भीमा नायक, खाज्या नायक और टंट्या भील जैसे वीर स्वतंत्रता सेनानियों की गाथाओं का चित्रण है।
गैलरी पांच और छह – कला एवं प्रदर्शनी
गैलरी पाँच और छह को पेंटिंग और फोटो एग्जीबिशन के लिए आरक्षित किया गया है, जहाँ समय-समय पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी ताकि जनजातीय इतिहास, संस्कृति और उनके योगदान को जीवंत रखा जा सके।