UP Meerut Mannequin Vivek Sahu Homicide Thriller; Girlfriend | Jija | मॉडल विवेक साहू, जिसकी गोली मारकर हुई: मौत से पहले कहा- जान को खतरा है, गर्लफ्रेंड से अनबन और 3 करोड़ की प्रॉपर्टी में उलझी गुत्थी

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16 मिनट पहलेलेखक: ईफत कुरैशी

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कहा जाता है कि जर, जमीन और जोरू ही ज्यादातर फसाद की जड़ हैं। कई मामलों में ये कहावत सच साबित हुई,खासकर मॉडल विवेक साहू हत्याकांड में। 21 अगस्त 2024 को विवेक साहू की लाश खेतों में मिली थी, शरीर पर कई चोट थीं, गले पर उंगलियों के निशान थे और पीठ पर गोली लगी थी। जब मॉडल विवेक साहू हत्याकांड की जांच शुरू हुई तो कई चौंका देने वाले खुलासे हुए।

मौत से चंद दिनों पहले ही उनका गर्लफ्रेंड से झगड़ा हुआ था। वो अक्सर अपने जीजा से कहा करते थे कि उनकी जान को खतरा था, किसे पता था कि ये डर एक रोज सच साबित होगा। लेकिन जब मामले की सच्चाई सामने आई तो वजह चौंका देने वाली थी।

आज अनसुनी दास्तानें के 3 चैप्टर्स में पढ़िए मॉडल विवेक साहू के कत्ल, साजिश और कई किरदारों से जुड़ी कहानी-

उत्तरप्रदेश के मेरठ के पास स्थित कांकरखेड़ा में जन्में विवेक साहू घर में सबसे छोटे थे। उनसे बड़ी दो बहने भी थीं। विवेक कम उम्र के ही थे जब उनके पिता गुजर गए। उन्होंने पहले कांकरखेड़ा की डीएमवी स्कूल से 12 तक पढ़ाई की और फिर सीसीएसयू से ग्रेजुएश किया।

कॉलेज के दिनों में विवेक का झुकाव मॉडलिंग की दुनिया में होने लगा, जिसके लिए वो 3 साल पहले गुरुग्राम शिफ्ट हुए थे।

विवेक की बहन प्रीति की शादी मेरठ की छटवीं वाहिनी पीएसी में तैनात तनुज कुमार से हुई थी। जब विवेक गुरुग्राम शिफ्ट हुए, तो उनकी मां बेटी और दामाद के साथ कांकरखेड़ा पुलिस थाने के पास डिफेंस इन्क्लेव के बी-ब्लॉक में रहने लगीं। विवेक का अक्सर घर आना-जाना होता रहता था।

गुरुग्राम में रहते हुए विवेक छोटे-मोटे मॉडलिंग प्रोजेक्ट का हिस्सा बना करते थे। इसी दौरान उनकी एक लड़की से मुलाकात हुई, जिसे वो पसंद करने लगे। चंद महीनों में ही दोनों रिलेशनशिप में आ गए।

रिश्ते की शुरुआत भले ही खूबसूरत रही हो, लेकिन चंद महीनों में ही दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई। बढ़ते झगड़ों के बीच विवेक कांकरखेड़ा आकर अपने परिवार के साथ रहने लगे।

मौत से महज 1 दिन पहले 19 अगस्त को विवेक ने बहन प्रीति से राखी बंधवाई थी।

मौत से महज 1 दिन पहले 19 अगस्त को विवेक ने बहन प्रीति से राखी बंधवाई थी।

दूर रहते हुए उसके गर्लफ्रेंड से फिर रिश्ते सुधरने लगे। 4 अगस्त को विवेक की गर्लफ्रेंड का जन्मदिन, जिसके लिए खासतौर पर वो कांकरखेड़ा से गुरुग्राम गया था। वो लंबे समय तक गुरुग्राम में रहने वाला था, लेकिन जल्द घर लौट आया। वापस आकर उसने अपने जीजा जी तनुज से कहा कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने बताया था कि गुरुग्राम में गर्लफ्रेंड की बर्थडे पार्टी में उनका कई लोगों से जोरदार झगड़ा हुआ और फिर मारपीट हुई, वो लोग उन्हें जान से मार सकते हैं। यही वजह रही कि वो डरा-सहमा ज्यादातर समय घर में ही गुजारा करता था।

गर्लफ्रेंड ने लगाए थे दुष्कर्म के आरोप, केस दबाने के लिए दिए 15 लाख रुपए

शहर लौटने के कुछ दिन बीते ही थे कि विवेक की गर्लफ्रेंड ने उन पर दुष्कर्म के संगीन आरोप लगाए थे। केस से हो रही बदनामी के डर से विवेक ने अपनी गर्लफ्रेंड को 15 लाख रुपए दिए और समझौता कर लिया।

दरअसल, विवेक ने चंद महीनों पहले ही कुसैड़ी गांव स्थित अपनी 60 बीघा में से 40 बीघा जमीन बेची थी, जिसके लिए साढ़े 3 करोड़ रुपए मिले थे। इन्हीं में से 15 लाख रुपए उन्होंने सेटलमेंट के लिए गर्लफ्रेंड को दिए थे। केस वापस लिए जाने के बाद विवेक फिर गर्लफ्रेंड से संपर्क करने लगा और दोनों में बातचीत शुरू हो गई।

20 अगस्त 2024

विवेक ने अपनी मां और बहन प्रीति को बताया उसके कुछ दोस्त दिल्ली से आ रहे हैं, जिनके साथ वो पार्टी करने जाने वाला है। उन्होंने अपनी बहन प्रीति से 5 हजार रुपए मांगे, लेकिन उनके जीजाजी ने इससे साफ इनकार कर दिया। दोनों के बीच बहस हुई और गुस्से में विवेक शाम 7 बजकर 40 मिनट पर बिना कोई गाड़ी लिए घर से निकल गया।

रात करीब 11 बज गए, लेकिन विवेक से कोई संपर्क नहीं हो सका। फिक्रमंद घरवाले उन्हें कॉल करते रहे, लेकिन उन्होंने फोन भी नहीं उठाया। 2 कॉल तक रिंग गई, लेकिन तीसरी बार जब कॉल किया गया, तो मोबाइल बंद था।

अगले दिन सुबह पुलिस को सूचना मिली कि पल्लवपुरम इलाके की दुल्हैड़ा रोड से सटे हुए खेत में एक लाश है। मौत से पहले विवेक को बुरी तरह पीटा गया था, उनकी लाश खून से लथपथ थी और पीठ पर गोली लगने के 2 निशान थे। गला भी घोंटा गया था।

जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो लाश के पास न कोई फोन था न कोई डॉक्यूमेंट, जिससे मृतक की पहचान पता लगाई जा सके। शुरुआती तौर पर पुलिस लाश की तस्वीरें आसपास के थानों में सर्कुलेट करवाई।

थानों में तस्वीरें पहुंचने पर छटवीं वाहिनी पीएसी में तैनात विवेक के जीजा तरुण कुमार की उन पर नजर पड़ी। उन्होंने तुरंत मॉर्चुरी पहुंचकर विवेक की बॉडी की शिनाख्त कर ली। पहचान मिलते ही पुलिस ने हत्याकांड की जांच शुरू कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह गोली लगना सामने आई।

विवेक साहू हत्याकांड में पुलिस ने उनके परिवार का बयान दर्ज किया। उनके जीजा तनुज कुमार की इस मामले में अहम भूमिका रही। उन्होंने जांच के लिए पुलिस को कई एंगल दिए। तनुज के बयान के अनुसार, विवेक अक्सर उनसे कहा करता था कि उनकी जान को खतरा है। इसकी वजह उसका और गर्लफ्रेंड का झगड़ा था।

घरवालों के बयान दर्ज किए, जिसमें जांच के तीन एंगल सामने आए-

पहला एंगल- विवेक अपने दोस्तों से मिलने निकला था, जो दिल्ली से आए थे। विवेक ने आखिरी कॉल भी अपने दोस्त को ही किया था। ऐसे में पहला शक विवेक के दोस्तों पर था।

दूसरा एंगल- विवेक ने मौत से चंद रोज पहले अपने जीजा जी को जान का खतरा होने की बात कही थी। ऐसे में पुलिस को दूसरा शक विवेक की गर्लफ्रेंड पर था।

तीसरा एंगल- विवेक ने चंद महीनों पहले अपनी 40 बीघा जमीन बेची थी। उसके पास करोड़ो रुपए थे, जिसे लूटने के इरादे से उनका कत्ल किया जा सकता था।

सबसे पहले पुलिस ने मामले में विवेक साहू की गर्लफ्रेंड को तलब किया। गर्लफ्रेंड ने बयान में कहा कि वो दिसंबर 2023 के बाद से ही विवेक के संपर्क में नहीं हैं। उनका नाम इस मामले में न घसीटा जाए।

गर्लफ्रेंड के बाद मामले में पुलिस ने विवेक के दोस्तों को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन पहले समन में वो बयान दर्ज करवाने नहीं पहुंचे। ऐसे में उन पर शक गहरा होने लगा। हालांकि कुछ समय बाद दोस्तों ने बयान में कहा कि वो उस रात विवेक से मिलने वाले थे, लेकिन विवेक उनके पास नहीं पहुंचे।

पुलिस ने मामले में घर के नजदीकी सीसीटीवी फुटेजेस को भी खंगाला। सीसीटीवी फुटेज में विवेक साहू 7 बजकर 40 मिनट पर पैदल घर से निकलते दिखे। कैलाश हॉस्पिटल तक वो पैदल जाते नजर आए, लेकिन उसके बाद वो किसी सीसीटीवी में कैद नहीं हुए। विवेक का मोबाइल रात 8 बजकर 2 मिनट पर घर से चंद किलोमीटर दूर शोभापुर में बंद हुआ था।

रिश्तेदार ने रची हत्याकांड की साजिश, परिवार और पुलिस को भी करता रहा गुमराह

बताए गए तीन एंगल की जांच करने के बाद भी पुलिस मामले की तह तक नहीं पहुंच सकी। आखिरकार पुलिस ने पारिवारिक मतभेद के एंगल पर गौर किया।

जब परिवार में मौजूद सभी सदस्यों की कॉल डिटेल्स निकाली गई, तो स्थिति संदिग्ध मिली। विवेक साहू हत्याकांड में पुलिस के साथ कदम-से-कदम मिलाकर खड़े रहे विवेक के जीजा तनुज के बयान में झोल था। विवेक जिस रोज गुमशुदा हुआ उस रोज तनुज कई घंटों तक ड्यूटी के बीच नहीं थे। जब उनकी लोकेशन देखी गई तो पुलिस को कड़ियां जोड़ने में ज्यादा समय नहीं लगा।

हत्यारे के इकबाल-ए-जुर्म में हुए कई खुलासे

जब शक होने पर पुलिस ने जीजा तनुज कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया, तो शुरुआती तौर पर वो लगातार पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन जब सख्ती की गई तो वो टूट गया।

पुलिस हिरासत में विवेक का जीजा अनुज कुमार।

पुलिस हिरासत में विवेक का जीजा अनुज कुमार।

उसने पुलिस को बताया कि शाम को उसका विवेक से 5 हजार रुपए देने पर झगड़ा हुआ था। इसके बाद वो पर्सनल कार से ड्यूटी पर गए थे। जबकि विवेक पैदल घर से निकला था। रात 7 बजे वो अपनी छठी वाहिनी पीएसी से ड्यूटी से निकले। उन्होंने पत्नी को कॉल कर पूछा कि विवेक कहां है। पत्नी ने उन्हें बताया कि वो पैदल हाईवे की तरफ निकला है। इसके बाद तनुज उन्हें ढूंढते हुए हाईवे पहुंचे। करीब 8 बजे उन्हें विवेक हाईवे पर मिला, तो उन्होंन बहलाकर उन्हें कार में बैठा लिया। वो विवेक से मिलने से पहले ही उनकी हत्या की साजिश रच चुके थे।

उनकी गाड़ी में शराब थी। परतापुर की ओर बढ़ते हुए उन्होंने विवेक को जमकर शराब पिलाई। कुछ ही देर में विवेक होश खोने लगा। तनुज उन्हें दुल्हैड़ा रोड पर ले गया। पहले वो सूनसान जगह देखकर पेशाब करने के बहाने कार से उतरा और फिर उसने विवेक को भी जबरदस्ती पेशाब करने के नाम पर कार से उतार लिया। विवेक ने बात मानी और खेत में पेशाब करने लगा। तभी तनुज ने पहले से साथ लाई 315 बोर पिस्टल निकाली और उनकी कमर पर शूट कर दिया। विवेक वहीं गिर पड़े तो उसने दोबारा उनकी पीठ पर एक और गोली मारी।

जब विवेक की सांसें थम गई तो वो लाश को घसीटकर खेतों की तरफ ले गया और उसे ठिकाने लगाकर भाग निकला। कुछ दूर जाकर उसने पिस्टल फेंक दी और रात सवा 12 बजे ड्यूटी कार से ड्यूटी पर लौट आया। उसने पत्नी को कॉल किया, जिसमें उसे जानकारी मिली कि विवेक घर नहीं लौटा। वो करीब 12 बजकर 25 मिनट पर घर लौटा और परिवार के साथ विवेक को ढूंढने का ढोंग करने लगा।

क्यों रची गई थी विवेक की हत्या की साजिश

विवेक ने कुछ महीनों पहले ही कुसैड़ी गांव में स्थित 60 में से 40 बीघा जमीन बेची थी, जिसके लिए साढ़े 3 करोड़ रुपए मिले थे।

कुसैड़ी गांव स्थित अपनी 60 बीघा में से 40 बीघा जमीन बेची थी, जिसके लिए साढ़े 3 करोड़ रुपए मिले थे। विवेक इस रकम को मनमाने ढंग से उड़ा रहे थे, जिससे परिवार को आपत्ति थी। तनुज चाहते थे कि वो इतने बड़े अमाउंट को कहीं इन्वेस्ट करें या घर खरीद लें, लेकिन वो लगातार पैसे खत्म करते जा रहे थे।

विवेक ने धीरे-धीरे अपनी जीजा तनुज को 15 लाख रुपए दिए थे। जब विवेक के पास पैसे खत्म हो गए, तो वो तनुज से 15 लाख रुपए वापस मांगने लगा। इस बात पर दोनों के कई बार झगड़े हुए थे। जब विवेक के पास पैसे खत्म होने लगे तो बची हुई 20 बीघा जमीन भी बेचने की तैयारी कर रहा था। इस बात की नाराजगी में तनुज ने विवेक की हत्या का इरादा कर लिया। वो विवेक से मिलने से पहले ही पिस्टल और शराब का बंदोबस्त कर चुका था।

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