कंपनीपी कंवर ने बताया कि 2021 में मैथ्यू ने बालोद जिले के हास्पिटल में नौकरी के नाम पर सूची में जिस पर अपराध दर्ज किया है। इसी तरह बिलासपुर जिले में अपेक्स बैंक में नौकरी के नाम पर सूची बनाई गई है। जिस पर 25 सितंबर 2024 को बिलासपुर के तोरवा स्टेट में स्वामी दर्ज हुआ। दुर्ग, रायपुर, मुंगेली, कबीरधाम सहित कई पुर्तगालियों में शामिल हैं।
द्वारा कोमल शुक्ला
प्रकाशित तिथि: रविवार, 06 अक्टूबर 2024 12:32:31 पूर्वाह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: रविवार, 06 अक्टूबर 2024 12:32:31 पूर्वाह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- आठवीं आठवीं की तलाश जारी
- नौकरी के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी
- कई अछूते लोगों की सूची में शामिल हैं
नईदुनिया न्यूज, सक्ती : पिपरा में भारतीय स्टेट बैंक की फर्जी शाखा, वाणिज्यिक बैंक में नौकरी के नाम पर रिजर्वेशन करने वाले मुख्य अपराधी माइंड ग्राम दुम्हनी थाना बिलाईगढ़ निवासी अनिल भास्कर को मालखरौदा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं इस मामले में आठ और अपराधी शामिल हैं, जो बैचलर हैं, जो पुलिस की तलाश कर रहे हैं। पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने 20 कारों को भी जब्त कर लिया है। आया था.
जांच के दौरान पता चला कि इस शाखा में किसी भी ग्रामीण के गांव के लोग नहीं जा रहे हैं। किराने की दुकानों को नौकरी में बेचने के नाम पर किराने की दुकानों को खोला गया है। इक्विटी धारकों से लाखों रुपये लेकर मैनेजर, कैशियर, फाइनेंस एड ऑफरकर्ता सहित गार्ड की नौकरी का ऑफर धारक भी शामिल था।
इसके बाद ट्रेनिंग का नाम फ़र्ज़ी बैंच पर भेज दिया गया। इसके सहयोगी अधिकारियों की जानकारी के लिए 27 सितंबर को मलखराईदा पुलिस के साथ चपोरा क्षेत्र और वहां के कर्मचारियों से छह कर्मचारियों से पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि 18 सितंबर से यह शाखा खुल गई है।
पूछताछ करने के लिए अनिल भास्कर एवं उनके सहयोगियों द्वारा भारतीय स्टेट बैंक में नौकरी के नाम पर अपना पैसा लेकर विज्ञापन पत्र दिया गया है। सहयोगी दल के मुख्य प्रबंधक जीवराखन कावड़े की रिपोर्ट में पुलिस ने थ्री लाइन्स साहूकार, मनधीर दास व पंकज सहित अन्य साथियों के खिलाफ बी. सीवान की धारा 3(5), 318(4), 336, 338, 340 के तहत अपरार्द दर्ज कर दर्ज किया है। लिया।
अचल संपत्ति के आंकड़ों से कार और मोबाइल
विशेषज्ञ कंवर ने बताया कि पीडिट गवाहों चिंटू मरावी, गॉड बिल्डर, ज्योति यादव, संगीता कंवर के द्वारा स्थापित नक्षत्रों को गिरफ्तार किया गया और पुलिस और साइबर टीम की मदद से उनके सहयोगियों से पूछताछ की गई। उसने बताया कि 6 लाख 60 हजार की रकम अलग-अलग यूपीआई से उसके खाते में आई थी।
उस नोट से उसने अपने सेकंड हैंड CG 10 W 7400 नंबर की I-20 कार और नए मोबाइल भी खरीदे। पुलिस ने बदमाशों की नकदी से लूटी गई कार, मोबाइल फोन जब्त कर लिए और बदमाशों के बैंक में जमा 83 हजार नकदी जब्त कर ली। पूछताछ में उसने अपने अन्य आठ सहयोगियों के नाम का भी खुलासा किया है, जो कि अलग-अलग टीमों के लिए काम करता है।