सितंबर माह में सूचीबद्घों की संख्या 574 तक पहुंच गई। इसी सूची का प्रतिशत 67 रहा। बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ रही है, जबकि साल सितंबर महीने में 192 रिकॉर्ड के मरीज सामने आए थे। अक्टूबर महीने में तीन दिन में 78 मामले सामने आए हैं। मलेरियल टीम को शामिल करने के लिए परियोजना के कार्यान्वयन को मैदान में उतारा गया है।
द्वारा -अनूप भार्गव
प्रकाशित तिथि: शनिवार, 05 अक्टूबर 2024 11:27:45 पूर्वाह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: शनिवार, 05 अक्टूबर 2024 12:29:11 अपराह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- बीमारी का प्रकोप, तीस दिन में 67% मरीज बने शिकार।
- 320 आँचल की रिपोर्ट में 37 पृष्ठ, 17 अन्य आँचल के।
- अक्टूबर माह के तीन दिन में 78 मामले सामने आए हैं।
नईदुनिया प्रतिनिधि, स्थान। शहर में विकास का प्रकोप सितंबर माह में तेजी से बढ़ा। यह हो गए हैं कि हर दिन के चित्रांकन के सदस्य हर क्षेत्र से सामने आते हैं। आठ माह तीन दिन में स्थापत्य कला की सूची की संख्या 851 है। वहीं सितंबर माह में अभिलेखों की सूची की संख्या 574 तक पहुंच गई। इसी सूची का प्रतिशत 67 रहा। बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा रही, जबकि साल सितंबर माह में 192 प्रतिशत के आंकड़े सामने आए।
इतनी संख्या में शामिल होने से न केवल स्वास्थ्य विभाग बल्कि नगर निगम निगम द्वारा मच्छरों को रोकने में बाधा उत्पन्न हुई। यूनिवर्सल का कहना है कि अक्टूबर माह में भी वीडियो का असर देखने को मिलेगा। अक्टूबर माह के तीन दिन में 78 मामले सामने आए हैं। हालाँकि मलेरिया टीम को शामिल करने के लिए अवरोधन को मैदान में उतारा गया है।
मलेरिया विभाग के साथ नगर निगम की टीम सर्वे के साथ दस्तावेजी कार्रवाई कर रही है, लेकिन केस मिलने का निर्देश नहीं है। पर्यवेक्षक के लिए बनाई गई डॉक्टरों की टीम भी रोजाना वीडियो काल करने के साथ-साथ पहुंच कर सर्वे टीम से सूचना प्रौद्योगिकी तक पहुंच रही है, लेकिन लारीक कम होने का नाम नहीं ले रही है।
हर दिन बढ़ता रहा दांव
सितंबर माह की पहली तारीख को छोड़ दिया जाए, तो इसके बाद हर दिन के मानक अनुपात की संख्या ही सामने आ गई। इस माह में सबसे ज्यादा 38 केस 18 तारीख को मिलेंगे। सबसे कम केस चार और नौ तारीख को मिले। लगातार बढ़ते आंकड़ों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे के लिए अतिरिक्त टीम बनाई, लेकिन रैंकिंग का कोई मामला सामने नहीं आया।
जिले में 12 बच्चों सहित 20 नये चित्र चित्र मिले
- नप्र, अन्य: शुक्रवार को जीआरएमएसी और जिला अस्पताल की लैब में 320 सैंपल की जांच में 12 बच्चों को शामिल किया गया, जिसमें 20 नए डिजाइन शामिल थे। बच्चों का प्रतिशत 50 रहा। रिपोर्ट में कुल पेज 37 की संख्या शामिल है, जिसमें 17 अन्य शामिल हैं। संबंधित सामग्री से संबंधित सामग्री के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को मलेरिया विभाग ने दी जानकारी। अपग्रेड में दो साल से लेकर 16 साल का बच्चा शामिल है।
- जनवरी से लेकर अब तक 851 रिकॉर्ड केश मिल चुके हैं। वहीं जनवरी से अभी तक कुल 11 हजार 725 सैंपल की जांच में यह केस मिले हैं। यहां डिस्ट्रिक्ट मोबिलजिरेटर मस्ट खान ने शंकरपुर एवं वार्ड 35 में लावारिस सर्वे का निरीक्षण किया। उन्होंने केमिकल का असिस्टों से ऑर्डर लेने की आशा की। साथ में ही प्रयोगशाला नष्ट कर दिया गया। एचबीवैसी के तहत नौ माह के बच्चों की जांच की गई। डी.सी.एम. द्वारा बैलवाड़ी सेंटर पर बच्चों का वजन ले जाया गया। उन्होंने टीकाकरण कार्य भी देखा।