एमपी हाईकोर्ट ने दिया धार कलेक्टर सहित दो अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने धार कलेक्टर प्रियांक मिश्र और जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ के शृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ गिरफ्तार वांरट जारी करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट द्वारा एक कर्मचारी की बहाली को लेकर दिए गए आदेश का पालन नहीं करने पर यह आदेश जारी किया गया है।

By Prashant Pandey

Publish Date: Sat, 05 Oct 2024 12:38:35 PM (IST)

Up to date Date: Sat, 05 Oct 2024 03:10:26 PM (IST)

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ। फाइल फोटो

HighLights

  1. मिथुन चौहान ग्राम पंचायत नालछा धार में ग्राम रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ था।
  2. स्वास्थ खराब होने के कारण मिथुन चौहान एक दिन कार्य पर उपस्थित नहीं हो सका।
  3. एक दिन की अनुपस्थिति को कदाचरण बताते मिथुन को पद से हटा दिया गया था।

इंदौर (MP Excessive Court docket)। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने धार जिले के कलेक्टर प्रियांक मिश्र और जिला पंचायत के मुख्य तत्कालीन कार्यपालन अधिकारी शृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। अदालत के आदेश का पालन नहीं करने पर यह आदेश जारी किया गया है।

इस मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रसन्ना भटनागर ने बताया कि याचिकाकर्ता मिथुन चौहान ग्राम पंचायत नालछा जिला धार में ग्राम रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ था। 25 फरवरी 2017 को स्वास्थ खराब होने के कारण वह एक दिन कार्य पर उपस्थित नहीं हो सका। एक दिन की अनुपस्थिति को कदाचरण बताते हुए, बिना जांच किए और बिना सुनवाई का अवसर दिए उसे हटा दिया गया।

हाईकोर्ट में लगाई थी रिट याचिका

उक्त आदेश को चुनौती देते हुए ग्राम रोजगार सहायक ने अपील प्रस्तुत की, लेकिन अपील भी निरस्त कर दी गई। जिसके बाद उसने 2019 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में रिट याचिका प्रस्तुत की। इसके बाद हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए 22 अगस्त 2023 को उसकी सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त कर दिया गया था। इसके साथ ही यह आदेश भी दिया गया कि ग्राम रोजगार सहायक को 50 प्रतिशत पिछले वेतन सहित वापस नौकरी पर रखा जाए।

हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया

इस आदेश को चुनौती देते हुए शासन के द्वारा अपील प्रस्तुत की गई, लेकिन 3 जुलाई 2024 को अपील भी निरस्त हो गई। अपील निरस्त होने के बाद भी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया।याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका प्रस्तुत की जिसमें दिनांक 20 सितंबर 2024 को शासन को यह निर्देश दिए कि वह आदेश का पालन करें।

इसके साथ ही 4 अक्टूबर 2024 को न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहें। इसके बाद भी आदेश का पालन नहीं किया गया और न ही उक्त दोनों अधिकारी हाईकोर्ट में उपस्थित रहे। इसलिए न्यायालय द्वारा कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए गए हैं।

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