इंदौर क्लॉथ मार्केट: क्लॉथ मार्केट पहले बजाजखाने में स्थित था। 1906 में हुए अग्निकांड में अधिकांश अवशेष जलकर खाक हो गए थे। सिद्धांत श्रीमंत महाराज तुकोजीराव होलकर ने स्थान उपलब्ध कराया। 22 सितम्बर 1921 को बाजार के निर्माण की पहली बैठक में राष्ट्रपति इडलीकर साहब का नेतृत्व हुआ। 1932 में क्लॉथ मार्केट के नए परिसर में आ गया।
द्वारा प्रशांत पांडे
प्रकाशित तिथि: शनिवार, 05 अक्टूबर 2024 02:29:53 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: शनिवार, 05 अक्टूबर 2024 02:44:33 अपराह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद भी बिजली के तार अंडरग्राउंड नहीं हुए।
- महिला चाहतों की अधिकतम संख्या के बाद भी इनमें से किसी के लिए भी शौचालय नहीं होना।
- बड़े पैमाने पर लोडिंग वाहन बाजार की सड़कों पर जाम लग गया।
प्रेम जाट, इंदौर (इंदौर क्लॉथ मार्केट)। इंदौर के कपड़ा बाजार की धमक केवल इंदौर या मध्य प्रदेश तक नहीं, बल्कि अन्य राज्यों तक है। इसी से पता चलता है कि इस बाज़ार का फल कितना बड़ा है। मगर एक सदी पुराना यह प्रतिष्ठित बाज़ार सौ साल बाद भी संक्राई गैलरी से रवाना हो रहा है। यहां ऑनलाइन हो तो हजारों मुश्किलें…
वाहन तो गाड़ी ले जाना मुश्किल, ले गए तो खड़ी करने की परेशानी, किसी तरह पार्क कर भी दिया तो बाजार में जाम लग जाता है। कुल मिलाकर, प्रशासन की अनदेखी में प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित और गौरवशाली कपड़ा बाजार शामिल है।
यह तो इंदौर के आदिवासियों की जीवटता है कि अपनी कड़ी मेहनत, मृदु व्यवहार, आकांक्षा के साख और कपड़ों की गुणवत्ता के कारण लोगों की कठिनाइयाँ भी यहाँ खरीदारी करने आती हैं। आइए, आज नईदुनिया का हाथ थामकर इस बाजार को देखें…
प्रदेश के कई शहरों में ये है सबसे पुराना शहर
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े कपड़ा बाजार के वस्त्रों की चमक-दमक एक सदी से भी अधिक समय से अस्तित्व में है। श्रीमंत महाराजा तुकोजीराव (डीवाई) क्लॉथ मार्केट के वस्त्रों के क्षेत्र में धमाका आज भी शामिल है। थोक और अर्धथोक के रूप में प्रदेश और सिक्किम से ग्राहक यहां पर आजादी हासिल करते हैं। प्रदेश के अन्य होटलों के सामानों में स्टॉक से लेकर चॉकलेट तक की वस्तुएं शामिल हैं।
यहां की सबसे बड़ी पहचान है मार्केट मार्केट के सुपरमार्केट दाम और फ्लैट्स की दुकान। यही वजह है कि प्रदेश और देश के अन्य शहरों से लेकर थोक, खीरची व्यवसाय और यहां खरीदारी करने की दुकानें हैं। नईदुनिया की विशेष श्रृंखला बाजार में आ रही है आज हम कपड़ा बाजार की त्योहारी तैयारी और समस्याओं से बोलबाला कराएंगे।
बाज़ार का विवरण
क्लॉथ मार्केट मार्केट का निर्माण सुरक्षा का नजरिया देखा गया है। यह मार्केट पूरा परकोटे में बना है और प्रवेश के लिए सात द्वार बनाए गए हैं। ये दरवाजा रात 10.30 बजे बंद हो जाता है। बाजार में थोक और अर्धथोक का व्यापार होता है। प्रदेश और अन्य राज्यों तक यहां से कपड़ा पहुंच रहा है।
बाजार में कुछ व्यवसाय ग्रे-कपड़ा खरीदकर अपने डिजाइन और चलन के एसोसिएटेड ब्रांडेड मिलों में बेचे जा रहे हैं। क्लैथ मार्केट फलालेन कपड़े का विश्व प्रसिद्ध बाजार है और 200 करोड़ का कपड़ा बाजार में निर्यात किया जाता है।
व्यापारी लें 7 संकल्प
- निगम एवं पुलिस का सहयोग मिलेगा, चॉकलेट की समस्या का समाधान करने में।
- पुलिस पुराने लोडिंग ग्रुप का प्रवेश रोके तो हम सहयोग करेंगे।
- सुपरमार्केट होने की व्यवस्था के सामने वाहन खड़े नहीं होंगे।
- बिजली के पैनल को अंडरग्राउंड करने के साथ दिया जाएगा।
- वस्त्रों की गुणवत्ता और दम की अतिथि वस्तुएँ।
- एसोसिएशन के माध्यम से सामाजिक सरोकार के कार्य जारी रखें।
बाजार में ये हैं प्रमुख आकर्षण
- स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद भी बिजली के तार अंडरग्राउंड नहीं हुए।
- स्मार्ट सिटी के बाजार में मुख्य गेट तोड़ दिया गया। नया गेट नगर निगम बनाना था, लेकिन आज तक नहीं बन पाया। इससे सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। गेट के पास की जांच का भी भुगतान हो चुका है।
- महावीर चौक और गोवर्धन चौक में डोपहिया सोसायटी की दुकान में बाहरी लोग वाहन लेकर चले जाते हैं। सेना के सहयोगियों को नहीं मिल पा रही।
- मुख्य सड़क से लेकर क्लॉथ मार्केट में बारिश का पानी भर जाता है, जो नीचे के गोदाम में जमा हो जाता है।
- महिला चाहतों की सबसे ज्यादा संख्या के बाद भी पूरे बाजार में महिला शौचालय नहीं है।
- एसोसिएशन द्वारा बैकलेन में बनाए गए 62 साधकों की नियमित सफाई नहीं होती।
- स्वच्छता अभियान के दौरान पानी की टंकियां और नल भी चोरी हो गए।
- बड़े लोडिंग फ़ैमिली के प्रवेश द्वार से भी व्यापारी परेशान हैं। इन गाड़ियों में जाम लगने से व्यापार बंद हो जाता है।
- यहां 30 साल से ज्यादा पुराने लोडिंग व्हेयर स्मोक डिपो रहते हैं।