Ratlam Information: फाइनेंस कंपनी के नाम पर किराये का कमरा लिया, लाखों रुपयो की धोखाधड़ी की, गुजरात से गिरफ्तार

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पुलिस को एक ऐसे शातिर को पकड़ने में सफलता मिली है जो फर्जीवाड़ा कर ठगी करता था। उसने हाउस, बिजनेस, पर्सनल, मॉर्टगेज, एग्रीकल्चर लोन आदि के पंपलेट छपवाए थे तथा ऑफिस का पूरा सेटअप जमाकर लोन वितरित करने के लिए कर्मचारियों को रतलाम के आसपास के क्षेत्रों में भेजकर लोगों से लोन की प्रक्रिया फीस के नाम पर 40 दिन में करीब 15 लाख रुपए एकत्र किए थे।

By Navodit Saktawat

Publish Date: Sat, 06 Jul 2024 07:39:41 PM (IST)

Up to date Date: Sat, 06 Jul 2024 07:50:31 PM (IST)

मोहम्मद फारूक पुत्र फकीर मोहम्मद।

HighLights

  1. रतलाम से लाखों का चूना लगाने वाला गुजरात से गिरफ्तार।
  2. संयुक्‍त टीम ने खोजबीन कर उसका पता लगाया था।
  3. कोर्ट ने रविवार तक के लिए पुलिस रिमांड में भेजा गया।

नईदुनिया प्रतिनिधि, रतलाम। फाइनेंस कंपनी खोलने के नाम पर शहर में एक भवन किराये से लेकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को पुलिस ने आखिर धर दबोचा है। आरोपी 52 वर्षीय मोहम्मद फारूक पुत्र फकीर मोहम्मद निवासी एमएम करीम अपार्टमेंट मकरबा सर्केस अहमदाबाद (गुजरात) 5 माह से फरार था। उसे शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने उसे रविवार तक पुलिस रिमांड पर रखने के आदेश दिए है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

पुलिस के अनुसार फरियादी गिरीश मेहता निवासी स्टेशन रोड ने फरवरी 2024 में रिपोर्ट की थी कि नवंबर 2023 में मोहम्मद फारूक नामक व्यक्ति ने रतलाम का रहने वाला बताकर एक अन्य व्यक्ति के साथ उनसे आकर मिला था।

फारूक ने कहा था कि वह फायनेंस कंपनी खोलना है, जिसके लिए कार्यालय व निवास करने के लिए एक भवन किराये से चाहिए। उन्होंने एग्रीमेंट कर एक भवन उसे किराये पर दे दिया था।

उसे लोकल एड्रेस पर मोबाइल फोन की नई सिम ली थी तथा महाराष्ट्र बैंक में खाता खुलवाया था। इसके साथ ही उसने एक अखबार में गेट ग्लोबल नाम से फाइनेंस कंपनी का विज्ञापन दिया था तथा कर्मचारियों को इंटरव्यू लेकर भर्ती किया था।

मकान मालिक से भी मांगे थे 27 लाख रुपए

इसके अलावा उसने मकान मालिक गिरीश मेहता से यह कहकर 27 लाख रुपयों की मांग की थी कि उसकी कंपनी का लाइसेंस आरबीआई से प्रक्रिया में है, उसे 122 लोगों को उनकी फाइलों पर लोन वितरित करना है। आरबीआई से अप्रूवल होते ही वह रुपये वापस कर देंगा। इस पर गिरिश मेहता ने उसे 14 लाख रुपए नगद दिए थे तथा 13 लाख रुपए गेट ग्लोबल फाइनेंस कंपनी के रतलाम स्थित महाराष्ट्र बैंक के खाते में भेजे थे।

रुपये लेकर फरार हो गया था

फारूक रुपये प्राप्त होने पर वह मुंबई आरबीआई ऑफिस जाने का बात कहकर ऑफिस का सेटअप फर्नीचर आदि छोड़कर फरार हो गया था। गिरिश मेहता की रिपोर्ट पर भादंवि की धारा 420, 406, 467, 468, 471, 34, 120 बी में प्रकरण दर्ज किया गया था।तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

एसपी राहुल कुमार लोढा के निर्देशन, एएसपी राकेश खाखा व सीएसपी अभिनव बारंगे के मार्गदर्शन में मोहम्मद फारूक की गिरफ्तारी के लिए स्टेशन रोड थाना व सायबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई थी। टीम ने खोजबीन कर उसका पता लगाया तथा उसे गिरफ्तार कर लिया।

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राजस्थान में वेबसाइट बनवाई थी, क्रिकेट सट्टे के बुकी को दिए रुपये

आरोपित मोहम्मद फारूक को पकड़ने के लिए पुलिस ने जांच शुरू तथा धोखाधड़ी करने के तरीके का विश्लेषण किया तो पता चला कि वह धोखाधड़ी करने के लिए लोने देने के लिए इंटरनेट व अखबारों में विज्ञापन देता था।

उसने रतलाम में गेट ग्लोबल के नाम से ऑफिस खोलने के अलावा राजस्थान के जोधपुर में सन फाईनेंस व सीकर में सूर्या फाइनेंस, उड़ीसा के भुवनेश्वर में ईजी फाइनेंस. गुजरात के सूरत में एक्सलुट शोपर्स, बिहार, झारखंड, अहमदाबाद आदि स्थानों पर अलग-अलग कंपनी के नाम से कार्यालय खोले खोले थे।

साथ ही उसने सीकर में लोन के लिये एक वेबसाईट भी बनवाई थी, जिस पर लोन के लिए रजिस्ट्रेशन किया जा सके। पूछताछ में उसने बताया कि करीब 20 लाख रुपये उसने अजमेर में किक्रेट सट्टे से एक बुकी को दिए थे। पुलिस उससे बुकी के बारे में पूछताछ कर रही है।

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